शिमलाः जिला में ठोस अविशिष्ट प्रबंधन के तहत सभी चिन्हित 56 पंचायतों में डोर टू डोर कलेक्शन शुरू कर दिया गया है, जिसमें अब तक 17 लाख 94 हजार 825 रुपये स्वच्छता सेस चार्ज के रूप में एकत्रित किए गए हैं. यह जानकारी उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने जिला पर्यावरण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बचत भवन में दी.
उन्होंने बताया कि 9 स्थानीय निकाय और नगर निगम शिमला की ओर से डोर टू डोर अविशिष्ट पदार्थों को एकत्रित भी किया जा रहा है.पर्यावरण को दूरस्थ करने के उद्देश्य से चिन्हित सभी 56 पंचायतों नगर निगम शिमला और 9 स्थानीय निकायों में पानी एवं स्वच्छता समिति का गठन भी किया गया है.
उन्होंने बताया कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता ही सेवा, पॉलिथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ, स्वच्छ सुन्दर शौचालय, कोविड-19 मास्क वितरित करना, गंदगी मुक्त भारत आदि विभिन्न जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला शिमला में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के तहत 57 अस्थाई संग्रह शेड को स्थापित किया गया है. साथ ही 5 स्थाई संग्रह शेड का निर्माण किया गया है.
उन्होंने बताया कि पानी की गुणवत्ता प्रबंधन के तहत हिमाचल प्रदेश राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हर महीने 17 सैंपल एकत्रित किया जाते है. उन्होंने बताया कि ध्वनि प्रदूषण प्रबंधन के तहत पुलिस विभाग ने समय-समय पर अधिनियम के अंतर्गत उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
इसमें अब तक पुलिस विभाग ने जिले में 494 चालान किए गए हैं. वहीं, परिवहन विभाग की ओर से नो हॉर्न विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इसके अलावा जिला प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए 24 क्षेत्र साइलेंस जोन अधिसूचित किया गया है. उन्होंने बताया कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से जुड़ा विषय है, जिसके लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदारी लेते हुए सभी अधिकारी समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है.
उन्होंने बताया कि समिति को इस क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है, ताकि समय रहते पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सके. उन्होंने बताया कि विभागों और स्थानीय निकायों से प्राप्त डाटा को सत्यापित करें, ताकि क्षेत्र में वास्तविक स्थिति का पता चल सके.