शिमलाः हिमाचल में दलित समुदाय के खिलाफ अत्याचारों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर बुधवार को समुदाय के सैकड़ों लोगों ने दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
दलित शोषण मुक्ति मंच ने अपनी मांगों से जुड़ा 14 सूत्रीय मांगपत्र भी प्रशासन के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर को भेजा. वहीं, मुक्ति मंच ने मांगें पूरी न होने पर प्रदेश भर में आंदोलन और मंत्रियों का घेराव करने की चेतावनी भी दी.
मुक्ति मंच ने सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री करोड़ों रुपये कमाने वाली कंगना रनौत को हिमाचल की बेटी मानते हैं और उनको सुरक्षा दे रहे हैं, जबकि प्रदेश की दलित बेटियों के साथ अन्याय हो रहा है, वे सरकार को नजर क्यों नहीं आ रहा.
दलित शोषण मुक्ति मंच के कन्वीनर जगत राम ने कहा कि प्रदेश में आए दिन दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं और छुआछूत के मामले सामने आ रहे हैं. दूसरी ओर, नौकरियों में भी आरक्षण खत्म किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा में दलितों से आरक्षण से चुन कर गए विधायक तक सदन में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के मामलों को उठाते तक नहीं है. सरकार को चाहिए कि वे समाज से जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए काम करे.
उन्होंने कहा कि आज 14 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया है और यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो मंच प्रदेश भर में आंदोलन करने के साथ ही मंत्रियों का घेराव करेगा.
ये भी पढ़ें- शिमला व्यापार मंडल ने नई कार्यकारिणी को बताया फर्जी, पुलिस में की शिकायत
ये भी पढ़ें- राम भरोसे प्रदेश की जनता, कोरोना से निपटने में BJP नाकाम: मुकेश अग्निहोत्री