शिमला: हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब बड़े अधिकारियों से लेकर मंत्रियों के नाम पर ठगी करने की कोशिश की जा रही है. अब प्रदेश के जयराम ठाकुर के नाम पर ठगी (Cyber fraud by putting CM Jairam profile photo) करने का मामला सामने आया है. जिसमें, Whatsapp पर शातिर फ्रॉड नंबर से सीएम जयराम ठाकुर की प्रोफाइल फोटो लगाकर मैसेज करते हैं कि..हेलो, मैं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर...उसके बाद दूसरी साइड से मैसेज का रिप्लाई किया गया है कि गुड मॉर्निंग सर..,लेकिन ये आपका नंबर नहीं है. इस रिप्लाई से जाहिर है कि शातिर ने ये मैसेज सीएम जयराम ठाकुर के किसी जानने वाले को किया और जिसे ये मैसेज किया गया वो सीएम जयराम के नंबर से पहले ही परिचित था.
मैं जरूरी बैठक में हूं: इसके बाद शातिर का जवाब आता है कि...ये मेरा दूसरा नंबर है. चैट में शातिर ने फिर मैसेज किया मुझे आपकी आवश्यकता है, कृप्या मेरे लिए जल्दी करें..क्योंकि मैं एक बहुत जरूरी बैठक में हूं और सीमित फोन कॉल ही कर पा रहा हूं.
अमेजन गिफ्ट कार्ड से परिचित हो: उसके बाद सीएम जयराम के नाम पर शातिर ने यह भी पूछा कि क्या आप अमेजन गिफ्ट कार्ड से परिचित हो, उसके बाद मैसेज पाने वाले व्यक्ति ने रिप्लाई किया कि..ये फ्रॉड है और आप भी...इसके बाद उक्त व्यक्ति ने इस नंबर को ब्लॉक कर दिया. चैट से पता चलता है कि ठगों ने जिस व्यक्ति को ठगने का प्रयास किया वह उनका परिचित रहा होगा, तभी उक्त व्यक्ति सीएम का फोन नबंर नहीं होने का हवाला देकर उसको कहा यह फ्रॉड है.
जांच की जा रही: साइबर सेल शिमला के एडिशनल एसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की (Cyber fraud by putting CM Jairam profile photo) प्रोफाइल फोटो लगे व्हाट्सएप नंबर से कुछ लोगों को मैसेज भेजने का मामला सामने आया है. जांच शुरू कर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
नाइजीरिया के लोगों पर शक: पुलिस को आशंका है कि इस तरह की ठगी का प्रयास भारत में रह रहे नाइजीरियाई नागरिक कर रहे हैं. साइबर क्राइम सेल का कहना है कि अपराधी अक्सर रुपयों की मांग करते हैं. कई बार फोन पर आए ओटीपी बताने को कहते हैं. अगर ओटीपी दे दिया जाए तो शातिर बैंक खातों में सेंध लगाकर ठगी करते हैं.
ओटीपी नहीं बताना चाहिए: साइबर सेल के अनुसार अनजान नंबर जिस पर महत्वपूर्ण हस्तियों, विभाग प्रमुख एवं वरिष्ठ अधिकारियों की व्हाट्सएप प्रोफाइल फोटा लगी हो, से आने वाले संदेशों को नजर अंदाज करें और पहचान की पुष्टि किए बिना किसी तरह की बातचीत न करें. साइबर सेल ने जांच में पाया है कि इस तरह के लोग अक्सर रुपयों की मांग करते हैं या फिर कई बार फोन पर आए ओटीपी को बताने के लिए कहते हैं.
ये भी पढ़ें: अवैध खनन से पौंग डैम वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को नुकसान, हाईकोर्ट ने पीसीसीएफ से मांगा जवाब