रामपुर: सीपीआईएम लोकल कमेटी रामपुर ने पेट्रोल- डीजल, घरेलू रसोई गैस के दाम में एक झटके में 50 रुपये की वृद्धि, खाद्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि, राज्य सरकार द्वारा डिपुओं के माध्यम दिए जा रहे सस्ते राशन और मकान निर्माण के कार्य में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट, सरिया व स्कूलों में बच्चों की फीस, किताबों, दवाईयों में हो रही (CPIM protest in Rampur) बेतहाशा बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शन किया.
इस धरने को सम्बोधित करते हुए सीपीआईएम लोकल कमेटी सचिव कुलदीप सिंह, अमित, योगेंद्र, ललिता, आशा ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार देश व प्रदेश के अंदर नवउदारवादी नीतियों को तेजी से लागू करके अपने पूंजीपति दोस्तों को फायदा पंहुचाने के लिए जानबूझकर देश की आम जनता के ऊपर महंगाई थोप रही है. आज महंगाई में हो रही बेतहाशा बढ़ोत्तरी का असर रसोई घर पर दिख रहा है.
सीपीआईएम ने आरोप लगाया कि (CPIM protest against rising inflation) आज सार्वजनिक सम्पतियों को कौड़ियों के भाव बेच कर पूंजीपतियों को मुनाफा कमाने की खुली छूट दी जा रही है. पिछले वर्ष के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 70 प्रतिशत, सब्जियों में 20 प्रतिशत, खाना पकाने के तेल में 23 प्रतिशत और अनाज की कीमतों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. करोड़ों भारतीयों के मुख्य आहार गेहूं की कीमत लगभग 35 रुपए प्रति किलो हो गई है. पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी इस चौतरफा महंगाई को बढ़ा रही है.
सीपीआईएम लोकल कमेटी रामपुर ने मांग की है कि केंद्र व राज्य सरकार महंगाई रोकने के लिए तुरंत रूप से प्रभावी कदम उठाए और केंद्र सरकार को सभी पेट्रोलियम उत्पादों पर सभी उपकर/अधिभार तुरंत वापस लेने चाहिए. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गेहूं की आपूर्ति बहाल की जानी चाहिए. इस मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करना चाहिए. महंगाई से राहत देने के लिए सबको 10 किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त राशन दिया जाए.