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वनरक्षक होशियार सिंह मौत मामला: अदालत में चालान पेश, CBI को नहीं मिले हत्या के सबूत

चालान सीजेएम अदालत में दायर किया गया है. सीबीआई ने अपने चालान में कहा है कि डिप्टी रेंजर तेज राम होशियार सिंह पर वन माफिया के खिलाफ कुछ भी कार्रवाई न करने को लेकर दबाव बनाता था. इसके अलावा वह उसे धमकाता भी था. इससे होशियार सिंह आहत था.

Court Hearing in Hoshiyar singh Murder case
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Published : Jul 18, 2019, 12:18 PM IST

शिमला: पूर्व सरकार में बहुचर्चित रहे वन रक्षक होशियार सिंह हत्या मामले में सीबीआई ने जिला अदालत में चालान पेश कर दिया है. चालान में सीबीआई को वनरक्षक होशियार सिंह की हत्या के कोई सबूत हाथ नहीं लगे हैं, लेकिन सीबीआई ने वन विभाग के एक अधिकारी तेज राम पर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.

चालान सीजेएम अदालत में दायर किया गया है. सीबीआई ने अपने चालान में कहा है कि डिप्टी रेंजर तेज राम होशियार सिंह पर वन माफिया के खिलाफ कुछ भी कार्रवाई न करने को लेकर दबाव बनाता था. इसके अलावा वह उसे धमकाता भी था. इससे होशियार सिंह आहत था.

सीबीआई ने होशियार सिंह की डायरी में लिखे सुसाइड नोट को आधार बनाया है. चालान में अदालत को अवगत करवाया गया है कि होशियार सिंह ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी. जहर पीने के बाद वह पेड़ पर चढ़ गया था व उसकी लाश जब नीचे को लटकी तो उसका पांव दो टहनियों के बीच फंस गया.

इससे वह जमीन पर नहीं गिर सका. वह जहर पीने के बाद पेड़ पर क्यों चढ़ा इसका आज तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है. पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार में इस मामले को भाजपा ने जमकर भुनाया था व होशियार सिंह की मौत को हत्या करार देते हुए सरकार पर हत्यारों को संरक्षण देने का इल्जाम लगाया था. लेकिन सीबीआई को हत्या के सबूत नहीं मिले है.

याद रहे कि पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार में जिला मंडी के सेरी कंटाडा के गरजेब के जंगल में 20 साल के वनरक्षक होशियार सिंह की लाश पेड़ में लटकी पाई गई थी. इस बावत होशियार सिंह के चाचा ने करसोग थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी कि होशियार सिंह पांच जून से लापता है.

9 जून को होशियार सिंह की लाश मिलने पर तत्कालीन भाजपा विधायक व वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सराज मंच के बैनर तले सड़कों पर उतर गए थे. होशियार सिंह के माता पिता की बहुत पहले ही मौत हो चुकी थी ऐसे में उसे उसकी दादी ने पाला था. उसकी मौत के बाद अब उसकी दादी ही बची हैं.

यह मामला भी गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले की तरह बहुचर्चित हो गया था. प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों पर इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द किया गया था. जहां होशियार सिंह की लाश मिली थी सीबीआई ने वहां का कई बार दौरा किया व कई दौर की पूछताछ हुई, लेकिन सीबीआई हत्या के सुराग नहीं जुटा पाई.

शिमला: पूर्व सरकार में बहुचर्चित रहे वन रक्षक होशियार सिंह हत्या मामले में सीबीआई ने जिला अदालत में चालान पेश कर दिया है. चालान में सीबीआई को वनरक्षक होशियार सिंह की हत्या के कोई सबूत हाथ नहीं लगे हैं, लेकिन सीबीआई ने वन विभाग के एक अधिकारी तेज राम पर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.

चालान सीजेएम अदालत में दायर किया गया है. सीबीआई ने अपने चालान में कहा है कि डिप्टी रेंजर तेज राम होशियार सिंह पर वन माफिया के खिलाफ कुछ भी कार्रवाई न करने को लेकर दबाव बनाता था. इसके अलावा वह उसे धमकाता भी था. इससे होशियार सिंह आहत था.

सीबीआई ने होशियार सिंह की डायरी में लिखे सुसाइड नोट को आधार बनाया है. चालान में अदालत को अवगत करवाया गया है कि होशियार सिंह ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी. जहर पीने के बाद वह पेड़ पर चढ़ गया था व उसकी लाश जब नीचे को लटकी तो उसका पांव दो टहनियों के बीच फंस गया.

इससे वह जमीन पर नहीं गिर सका. वह जहर पीने के बाद पेड़ पर क्यों चढ़ा इसका आज तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है. पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार में इस मामले को भाजपा ने जमकर भुनाया था व होशियार सिंह की मौत को हत्या करार देते हुए सरकार पर हत्यारों को संरक्षण देने का इल्जाम लगाया था. लेकिन सीबीआई को हत्या के सबूत नहीं मिले है.

याद रहे कि पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार में जिला मंडी के सेरी कंटाडा के गरजेब के जंगल में 20 साल के वनरक्षक होशियार सिंह की लाश पेड़ में लटकी पाई गई थी. इस बावत होशियार सिंह के चाचा ने करसोग थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी कि होशियार सिंह पांच जून से लापता है.

9 जून को होशियार सिंह की लाश मिलने पर तत्कालीन भाजपा विधायक व वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सराज मंच के बैनर तले सड़कों पर उतर गए थे. होशियार सिंह के माता पिता की बहुत पहले ही मौत हो चुकी थी ऐसे में उसे उसकी दादी ने पाला था. उसकी मौत के बाद अब उसकी दादी ही बची हैं.

यह मामला भी गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले की तरह बहुचर्चित हो गया था. प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों पर इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द किया गया था. जहां होशियार सिंह की लाश मिली थी सीबीआई ने वहां का कई बार दौरा किया व कई दौर की पूछताछ हुई, लेकिन सीबीआई हत्या के सुराग नहीं जुटा पाई.

Intro:शिमला। पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार में बहुचर्चित रहे वन रक्षक होशियार सिंह हत्या मामले में

सीबीआई ने राजधानी की अदालत में चालान पेश कर दिया है। चालान में सीबीआइ को वनरक्षक

होशियार सिंह की हत्या के कोई सबूत हाथ नहीं लगे है लेकिन सीबीआइ ने वन विभाग के एक

अधिकारी तेज राम पर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
Body:चालान सीजेएम की अदालत में दायर किया गया है।
सीबीआइ ने अपने चालान में कहा है कि डिप्टी रेंजर तेज राम होशियार सिंह पर वन माफिया के

खिलाफ कुछ भी कार्रवाई न करने को लेकर दबाव बनाता था। इसके अलावा वह उसे धमकाता भी

था। इससे होशियार सिंह आहत था। सीबीआइ ने होशियार सिंह की डायरी में लिखे सुसाइड नोट को

आधार बनाया है। होशियार सिंह ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। जहर पीने के बाद वह पेड़

पर चढ़ गया था व उसकी लाश जब नीचे को लटकी तो उसका पांव दो टहनियों के बीच फंस गया।

इससे वह जमीन पर नहीं गिर सका। वह जहर पीने के बाद पेड़ पर क्यों चढ़ा इसका आज तक

कोई खुलासा नहीं हो पाया है।

पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार में इस मामले को भाजपा ने जमकर भुनाया था व होशियार सिंह की मौत

को हत्या करार देते हुए सरकार पर हत्यारों को संरक्षण देने का इल्जाम लगाया था। लेकिन

सीबीआइ को हत्या के सबूत नहीं मिले है।

याद रहे कि पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार में जिला मंडी के सेरी कंटाडा के गरजेब के जंगल में 20

साल के वन रक्षक होशियार सिंह की लाश पेड़ में लटकी पाई गई थी। इस बावत होशियार सिंह के

चाचा ने करसोग थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी कि होशियार सिंह पांच जून से लापता है।
लेकिन 9 जून को हाशियार सिंह की लाश मिलने पर तत्कालीन भाजपा विधायक व अब मुख्यमंत्री

जयराम ठाकुर सिराज मंच के बैनर तले सड़कों पर उतर गए थे। होशियार सिंह के माता पिता की

बहुत पहले ही मौत हो चुकी थी। उसे उसकी दादी ने पाला था। उसकी मौत के बाद अब उसकी

दादी ही बची है।
यह मामला भी गुडिया दुष्कर्म व हत्या मामले की तरह बहुचर्चित हो गया था। प्रदेश हाईकोर्ट के

आदेशों पर इस मामले को सीबीआइ के सुपुर्द किया गया था। जहां होशियार सिंह की लाश मिली थी

सीबीआइ ने वहां का कई बार दौरा किया व कई दौर की पूछताछ हुई। लेकिन सीबीआइ हत्या के

सुराग नहीं जुटा पाई।
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