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हिमाचल में जल्द लागू होगी देश की पहली फिश पॉलिसी, मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कही ये बात - मंत्री वीरेंद्र कंवर

प्रदेश सरकार पहली बार फिश पॉलिसी लागू करने जा रही है. अब सैम्पलिंग के बाद ही होटलों, रेस्टोरेंट और दुकानों में मछलियां परोसी जा सकेंगी. प्रदेश सरकार लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए यह कदम उठाने जा रही है.

country's first fish policy will be implemented in himachal
मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर
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Published : Feb 24, 2020, 1:35 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार पहली बार फिश पॉलिसी लागू करने जा रही है. अब सैम्पलिंग के बाद ही होटलों, रेस्टोरेंट और दुकानों में मछलियां परोसी जा सकेंगी. प्रदेश सरकार लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए यह कदम उठाने जा रही है.

मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि इससे पर्यटकों का भी विश्वास बढ़ेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. हिमाचल की ट्राउट मछली दुनिया भर में प्रसिद्ध है. अगर कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है तो यह देश की पहली फिश पॉलिसी होगी. इसके लागू होने के बाद प्रदेश लाई जाने वाली मछलियां बिना टेस्टिंग के नहीं बिकेगी. मछलियों के सैंपल पास होने के बाद ही दुकानदारों को मछलियां बेचने की इजाजत दी जाएगी.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पिछले दिनों कई मामले सामने आए थे. जिनमें कई जगहों पर बिना चेक किए मछलियों को लाया जा रहा है. दूषित पानी की मछलियां खाने से लेाग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इसे रोकने के लिए सरकार ने अधिकारियेां को इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है.

मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मछलियों का सैंपल जांचने के लिए सरकार अपनी खुद की लैब स्थापित करेगी, ताकि देश-विदेश से हिमाचल लाई जाने वाली मछलियों को सरकार अपने स्तर पर जांच करवा सके. अभी तक देखा जाए तो हिमाचल में बिना जांच के ही मछलियों को बेचा जा रहा है. ऐसे में किसी को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वह जो मछली खा रहे हैं वह गुणवत्ता की दृष्टि सही है यह नहीं और लोगों की इस बात की भी जानकारी नहीं होती है कि जो मछलियां लाई जा रही है वह कहीं दूषित पानी का तो नहीं है. इस बात का पता लगाने के लिए मछलियों की टेस्टिंग की जाएगी.

वीडियो

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदूषित पानी की मछ्ली खाने से लोगो में बढ़ती बीमारियों को खत्म करने के लिए विदेशों से आयात की जाने वाली मछलियों पर भी बैन लग सकती है. सरकार अपने स्तर पर उच्च क्वालिटी की मछलियां तैयार कर लोगों में इसकी मांग को पूरा करेगी.

ये भी पढ़ें: हादसे को न्योता दे रहा भट्टाकुफर-चुरुटनाला मार्ग, लोकनिर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

शिमला: प्रदेश सरकार पहली बार फिश पॉलिसी लागू करने जा रही है. अब सैम्पलिंग के बाद ही होटलों, रेस्टोरेंट और दुकानों में मछलियां परोसी जा सकेंगी. प्रदेश सरकार लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए यह कदम उठाने जा रही है.

मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि इससे पर्यटकों का भी विश्वास बढ़ेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. हिमाचल की ट्राउट मछली दुनिया भर में प्रसिद्ध है. अगर कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है तो यह देश की पहली फिश पॉलिसी होगी. इसके लागू होने के बाद प्रदेश लाई जाने वाली मछलियां बिना टेस्टिंग के नहीं बिकेगी. मछलियों के सैंपल पास होने के बाद ही दुकानदारों को मछलियां बेचने की इजाजत दी जाएगी.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पिछले दिनों कई मामले सामने आए थे. जिनमें कई जगहों पर बिना चेक किए मछलियों को लाया जा रहा है. दूषित पानी की मछलियां खाने से लेाग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इसे रोकने के लिए सरकार ने अधिकारियेां को इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है.

मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मछलियों का सैंपल जांचने के लिए सरकार अपनी खुद की लैब स्थापित करेगी, ताकि देश-विदेश से हिमाचल लाई जाने वाली मछलियों को सरकार अपने स्तर पर जांच करवा सके. अभी तक देखा जाए तो हिमाचल में बिना जांच के ही मछलियों को बेचा जा रहा है. ऐसे में किसी को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वह जो मछली खा रहे हैं वह गुणवत्ता की दृष्टि सही है यह नहीं और लोगों की इस बात की भी जानकारी नहीं होती है कि जो मछलियां लाई जा रही है वह कहीं दूषित पानी का तो नहीं है. इस बात का पता लगाने के लिए मछलियों की टेस्टिंग की जाएगी.

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वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदूषित पानी की मछ्ली खाने से लोगो में बढ़ती बीमारियों को खत्म करने के लिए विदेशों से आयात की जाने वाली मछलियों पर भी बैन लग सकती है. सरकार अपने स्तर पर उच्च क्वालिटी की मछलियां तैयार कर लोगों में इसकी मांग को पूरा करेगी.

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