शिमला: हिमाचल में कोरोना फिर डराने लगा है. पिछले तीन दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में हो रही वृद्धि से स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या फिर से ग्यारह सौ पार कर गई है. ऐसे में तीसरी लहर की आशंका और प्रबल होती जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस 1137 पहुंच गए हैं. कोरोना से अब तक हिमाचल में 3504 लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं. पिछले कुछ दिनों के कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
दिनांक | एक दिन में मामले | एक दिन में ठीक मरीज | एक दिन में मौत | |
22 जुलाई | 115 | 119 | 2 | |
23 जुलाई | 87 | 127 | 2 | |
24 जुलाई | 130 | 90 | 2 | |
25 जुलाई | 44 | 130 | 1 | |
26 जुलाई | 139 | 120 | 2 | |
27 जुलाई | 183 | 116 | 2 | |
28 जुलाई | 116 | 84 | 2 | |
29 जुलाई | 229 | 73 | 0 | |
30 जुलाई | 146 | 100 | 0 |
प्रदेश में भारी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही और और बॉर्डर पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं होने के कारण भी काफी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग हिमाचल आए. इसके अलावा भी प्रदेश में वर्तमान समय में किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है. हालांकि प्रदेश प्रशासन कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करवाने की बात कह रहा है और नियमों को ना मानने वालों को बड़ी संख्या में चालान भी काटे जा रहे हैं.
प्रदेश सरकार के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. तैयारियों की समीक्षा भी की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कोरोना से निपटने की तैयारियों की समीक्षा बैठकें जारी हैं. बैठक में सभी जिला उपायुक्तों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य व चिकित्सा अधीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहते हैं, जिससे ग्राउंड लेवल पर हम कितने तैयार हैं इसका पता चलता है.
कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने और स्वास्थ्य संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति ने 24110.40 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित किया है. स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में कोविड पॉजिटिव मामलों के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की खरीद, बफर स्टॉक के रखरखाव और आवश्यक दवाओं के प्रबंधन के लिए निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं और निदेशक, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को 12 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि लाहौल और स्पीति और किन्नौर जिलों के लिए 32 बिस्तरों वाली एक समर्पित बाल चिकित्सा देखभाल इकाई का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, कुल्लू, सोलन, ऊना, जोनल अस्पताल मंडी, धर्मशाला और शिमला, आईजीएमसी शिमला, मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मंडी, टांडा, नाहन, चंबा और हमीरपुर के लिए 42 बिस्तरों वाली बाल चिकित्सा देखभाल इकाई की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है. सिविल अस्पताल काजा, पांगी, उदयपुर, डोडरा, भरमौर, शिलाई, कुपवी, नेरवा और पूह में 20 बिस्तरों वाली इकाइयां प्रस्तावित की गईं हैं. यह भी निर्णय लिया गया है कि शिमला, मंडी, टांडा, नाहन, चंबा और हमीरपुर मेडिकल कॉलेजों में 20 अतिरिक्त आईसीयू बिस्तर स्थापित किए जाएंगे.
इसके अलावा, नागरिक अस्पताल देहरा, चैपाल, सरकाघाट, करसोग, अर्की, बगश्याड़, घुमारवीं, डलहौजी, चुवाड़ी, सराहन और पांवटा साहिब में पांच बिस्तरों वाले आईसीयू भी स्थापित किए जाएंगे. इंदौरा, हमीरपुर और नाहन में 100 बिस्तरों वाले फील्ड अस्पताल प्रस्तावित किए गए हैं. इन गतिविधियों के लिए 11935.39 लाख रुपए प्रस्तावित किए गए हैं. ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1280 लाख रुपए का प्रस्ताव किया गया है. नाहन, हमीरपुर, धर्मशाला, ऊना, कुल्लू, बिलासपुर, सोलन, पालमपुर, खनेरी, चंबा, किन्नौर और रिकोंगपियो में 10 किलो लीटर क्षमता के लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव है. आईजीएमसी शिमला, नेरचैक और चम्याना में 20 किलोलीटर क्षमता के एलएमओ की यूनिट प्रस्तावित की गई है. सरकाघाट और देहरा के लिए भी एलएमओ प्रस्तावित किए गए हैं.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य ने पीजी रेजीडेंट, यूजी इंटर्न और एमबीबीएस, जीएनएम और बीएससी विद्यार्थियों को शामिल करे अतिक्ति मानव संसाधन की उपलब्धता बढ़ाने का प्रस्ताव भी दिया है. इसके लिए 2294.10 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है. राज्य के सभी 12 जिला अस्पतालों, 36 नागरिक अस्पतालों, आईजीएमसी शिमला की तीन इकाइयों-आईजीएमसी शिमला, केएनएच और चम्याना सहित दो मेडिकल कॉलेजों में ई-अस्पतालों को कार्यान्वित करने के लिए 1428.04 लाख रुपए का प्रस्ताव किया गया है. राज्य में टेली-मेडिसिन को मजबूत करने की दृष्टि से, मेडिकल कॉलेजों में दो अतिरिक्त हब बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके लिए 43.42 लाख रुपये का प्रस्ताव किया गया है. बाल चिकित्सा कोविड-19 प्रबंधन, आईटी हस्तक्षेप और व्यवसासियों के सीएमई पर क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए 96.94 लाख रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है. इन प्रस्तावों को मंजूरी के लिए भारत सरकार को भेजा गया है.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 की हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं ताकि किसी भी स्थिति से समय रहते निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत राज्य में हर संभव तैयारियां की जा रही हैं और इस संबंध में सभी उपायुक्तों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त बिस्तर, ऑक्सीजन की उपलब्धता, मानव संसाधनों का प्रबंधन व प्रशिक्षण, दवाइयों की खरीद व आपूर्ति सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही हैं ताकि आवश्यकता होने पर बचाव के दृष्टिगत इनका उपयोग किया जा सके.
स्वास्थ्य सचिव ने लोगों से संभावित तीसरी लहर से बचाव के दृष्टिगत सतर्क रहने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य में कोविड-19 महामारी का प्रभाव कम हुआ है, लेकिन यह महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. संभावित तीसरी लहर से बचाव के दृष्टिगत कोविड अनुरूप व्यवहार जैसे परस्पर दूरी बनाए रखना, साबुन-पानी से हाथ धोना या सैनिटाइजर से हाथ साफ करना और मास्क का उपयोग करना आदि नियमों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
प्रदेश की एक बड़ी आबादी का टीकाकरण भी किया जा चुका है. टीकाकरण की दृष्टि से हिमाचल देशभर में प्रथम है. इसके अलावा प्रदेश में 62 प्रतिशत लोगों में इम्युनिटी पैदा हो गई है. ऐसे में हिमाचल में हर्ड इम्युनिटी की संभावना भी बन जाती है. इससे भी तीसरी लहर से निपटने में सहायता मिलेगी.
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