शिमला: प्रदेश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर इजाफा हो रहा है. रोजाना तीन सौ से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है. अगस्त के पहले सप्ताह से मामले बढ़ने शुरू हो गए थे.
स्वास्थ्य विभाग(health department) का यह भी कहना है कि वैसे लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिन्होंने कोविड वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगाई है. इस बार शिक्षण संस्थानों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ा है.
छात्रों के लिए स्कूल खोले जाने के बाद से ही प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है. कोरोना संक्रमण की चपेट में छात्र भी आए हैं. वीरवार को आनी उपमंडल के 2 स्कूलों में ही 15 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. पूरे प्रदेश में स्कूल खुलने के एक सप्ताह बाद ही 52 छात्र कोविड की चपेट में आ गए. ऐसे में सरकार की चिंता बढ़ गई है.
स्कूल और कॉलेजों की ओर से शिक्षा विभाग को आंकड़े भेजे गए हैं. आंकड़ों के अनुसार अभी तक डिग्री कॉलेजों के 54 शिक्षक और गैर शिक्षक संक्रमित हुए हैं. कॉलेज के 80 छात्र भी पॉजिटिव पाए गए हैं. कोरोना से 6 शिक्षकों ने भी अपनी जान गंवाई है.
सावधानी के बाद भी स्कूली बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. कक्षा छह से लेकर जमा दो तक कुल 479575 छात्रों में से 211 पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें ऊपरी हिमाचल(Upper Himachal) के 52 छात्र हैं. प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को 2 अगस्त से खोला गया था. स्कूल खुलने के एक सप्ताह बाद ही 52 बच्चे कोविड की चपेट में आ गए. ऐसे में 10 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूलों को दोबारा से बंद करने का अहम फैसला लेना पड़ा.
प्रदेश के स्कूलों में 93.95 शिक्षकों ने वैक्सीनेशन की पहली डोज ली है, जबकि सेकंड डोज का आंकड़ा अभी 16.98 फीसदी ही है. यानि अभी सेंकड डोज का आंकड़ा बेहद कम है. कुल 46812 शिक्षकों में से 45105 ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है, जबकि 6683 ने दूसरी डोज ली है. इसके साथ ही गैर शिक्षक में 14879 ने पहली डोज, जबकि 2690 ने दूसरी डोज ली है.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 16 अगस्त से कॉलेजों में भी नियमित कक्षाएं शुरू होनी है. इसके लिए भी कॉलेज प्रिंसिपल को अपने स्तर पर माइक्रो प्लान (micro plan)बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं. प्रदेश में यदि मामले और बढ़ते हैं, तो कॉलेजों में अलग-अलग दिनों में छात्रों को बुलाया जा सकता है.
आईजीएमसी(IGMC) के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया की प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना को लेकर व्यापक प्रबंध किए गए हैं. चिल्ड्रन वार्ड(Children's Ward) में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था के साथ स्टाफ को भी ट्रेंड किया गया है.
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