शिमला: लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिलावार समेकित रिपोर्ट तैयार की गई है. 15 फरवरी, 2020 के बाद हिमाचल प्रदेश के विभिन्न गांवों में कुल 6,943 मजदूर आए, लेकिन किसी में भी कोविड-19 के संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए हैं.
9,629 प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन वितरित किया गया है और 1,735 प्रवासी मजदूरों के लिए विभिन्न पंचायतों द्वारा ठहरने की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत जारी किए गए धन का उपयोग अब लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए भोजन के प्रावधान के लिए किया जा सकता है, जो पहले आपदा संबंधी गतिविधियों के लिए ही इस्तेमाल किया जाता था.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को भी इससे संबंधित निर्देश जारी किए गए हैं. जिला प्रशासन लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों की मदद कर रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनके लिए भोजन और रहने की उचित व्यवस्था की जाए. इसी तरह चंडीगढ़ या दिल्ली में रह रहे छात्र और वहां कार्य करने वाले लोग, जो लॉकडाउन के कारण फिलहाल घर वापस नहीं आ सकते, उनके लिए हिमाचल भवन चंडीगढ़ और दिल्ली में व्यवस्था कर दी गई है.
हिमाचल भवन नई दिल्ली में नियंत्रण कक्ष स्थापित
दिल्ली-एनसीआर में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों की सहायता के लिए हिमाचल भवन नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. दिल्ली में हिमाचल प्रदेश सरकार के उप-आवासीय आयुक्त विवेक महाजन ने बताया कि यह नियंत्रण कक्ष दिन-रात कार्य करेगा.
विवेक महाजन ने कहा कि इस नियंत्रण कक्ष में सुबह10 बजे से शाम 5 बजे तक दूरभाष संख्या 011-23716574, 23711964 और 24105386 पर संपर्क किया जा सकता है. शाम 5 बजे से प्रातः 10 बजे तक हेल्पलाइन नंबर 011-23716124-27 और 011-24105386-88 पर संपर्क किया जा सकता है.
विवेक महाजन ने कहा कि हिमाचल चैप्टर सृजित किया गया है, जिसमें हिमाचल के विशिष्ट नागरिक और गैर सरकारी संस्थाएं शामिल हैं, जो दिल्ली एनसीआर में फंसे अपने-अपने क्षेत्रों के लोगों की सहायता करने लिए आगे आए हैं.