ETV Bharat / city

अब तक नहीं हुआ 2 साल पहले बने आकपा पुल का लोकार्पण, विधायक ने उठाए सवाल - आकपा पुल

विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस पुल की गड़बड़ी के चलते आज सेना के साथ आम जनता को भी लकड़ी के खतरनाक पुल से होकर गुजरना पड़ रहा है. इसमें कई घंटों के समय के साथ हादसे का भी खतरा बना रहता है.

congress MLA Jagat singh negi on Morang Subdivision Bridge
आकपा में बने लकड़ी के पुल से लोगों को हो रही परेशानी, हादसे को न्यौता दे रहा ब्रिज
author img

By

Published : Jun 28, 2020, 1:51 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 2:55 PM IST

किन्नौर: उपमंडल मूरंग के तहत आकपा के पास साल 2005 में बीआरओ ने पुल का निर्माण शुरू किया था. इस पुल का निर्माण करीब दो साल पहले पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक इस पुल पर वाहनों को चलने की अनुमति नहीं मिली है. हालांकि पुल के बीच में गड़बड़ी बताई जाती है, जिसकी जानकारी अब तक बीआरओ ने सही ढंग से लोगों को नहीं दी है.

वर्ष 2005 में इस बड़े पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसका काम दो साल पहले खत्म हो चुका है, लेकिन इस पुल को सही नहीं बनाया गया है. पुल के बीचों-बीच बहुत बड़ा अंतर है, जिसमें वाहन नहीं चल सकते. इसके कारण स्पीति और किन्नौर की कई पंचायतों समेत बॉर्डर तक सेना को आवाजाही में कई घंटों का समय लग रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा पुल की गड़बड़ी के चलते आज सेना के साथ आम जनता को भी लकड़ी के खतरनाक पुल से होकर गुजरना पड़ रहा है. इसमें सफर में बहुत समय लगता है और हादसा होने का अंदेशा बना रहता है.

उन्होंने कहा कि इस नए पुल को बनाने वाले बीआरओ के बड़े अधिकारियों समेत सरकार को जवाब देना होगा. चूंकि अब ऊपरी क्षेत्रों में मटर के सीजन के साथ बॉर्डर पर सेना के वाहनों को आवाजाही में लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं.

जिला किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि एक तरफ भारत-चीन सीमा विवाद चल रहा है. ऐसे में जिला किन्नौर भी चीन सीमा से लगता है. रोजाना सेना के वाहनों को सीमा तक जाने में कई घंटों का समय लग रहा है.

उन्होंने कहा कि आकपा के पास बने लकड़ी के पुल से बड़े वाहनों की आवाजाही करना मुश्किल है. इसलिए नदी पर अस्थाई रूप से बनाए गए पुल से होकर गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इन दिनों सतलुज में जलस्तर बढ़ रहा है, जिसके कारण वाहनों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें : पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम चिंता का विषय, इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार: आशा कुमारी

किन्नौर: उपमंडल मूरंग के तहत आकपा के पास साल 2005 में बीआरओ ने पुल का निर्माण शुरू किया था. इस पुल का निर्माण करीब दो साल पहले पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक इस पुल पर वाहनों को चलने की अनुमति नहीं मिली है. हालांकि पुल के बीच में गड़बड़ी बताई जाती है, जिसकी जानकारी अब तक बीआरओ ने सही ढंग से लोगों को नहीं दी है.

वर्ष 2005 में इस बड़े पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसका काम दो साल पहले खत्म हो चुका है, लेकिन इस पुल को सही नहीं बनाया गया है. पुल के बीचों-बीच बहुत बड़ा अंतर है, जिसमें वाहन नहीं चल सकते. इसके कारण स्पीति और किन्नौर की कई पंचायतों समेत बॉर्डर तक सेना को आवाजाही में कई घंटों का समय लग रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा पुल की गड़बड़ी के चलते आज सेना के साथ आम जनता को भी लकड़ी के खतरनाक पुल से होकर गुजरना पड़ रहा है. इसमें सफर में बहुत समय लगता है और हादसा होने का अंदेशा बना रहता है.

उन्होंने कहा कि इस नए पुल को बनाने वाले बीआरओ के बड़े अधिकारियों समेत सरकार को जवाब देना होगा. चूंकि अब ऊपरी क्षेत्रों में मटर के सीजन के साथ बॉर्डर पर सेना के वाहनों को आवाजाही में लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं.

जिला किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि एक तरफ भारत-चीन सीमा विवाद चल रहा है. ऐसे में जिला किन्नौर भी चीन सीमा से लगता है. रोजाना सेना के वाहनों को सीमा तक जाने में कई घंटों का समय लग रहा है.

उन्होंने कहा कि आकपा के पास बने लकड़ी के पुल से बड़े वाहनों की आवाजाही करना मुश्किल है. इसलिए नदी पर अस्थाई रूप से बनाए गए पुल से होकर गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इन दिनों सतलुज में जलस्तर बढ़ रहा है, जिसके कारण वाहनों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें : पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम चिंता का विषय, इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार: आशा कुमारी

Last Updated : Jun 28, 2020, 2:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.