शिमला: हिमाचल में उप चुनावों को लेकर राजनीति गरमाने लग गई है. भाजपा और कांग्रेस में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला जारी हो गया है. मुख्यमंत्री सहित बीजेपी के अनेक नेता कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर आरोप लगा रहे हैं वहीं अब भाजपा के इस बयान पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं विधायक आशा कुमारी ने पलटवार किया है और बीजेपी के नेताओं को पहले अपनी पार्टी की गुटबाजी को देखने की नसीहत दी है.
विधायक आशा कुमारी ने कहा कि भाजपा में गुटबाजी हावी है, जबकि कांग्रेस में कोई गुट नहीं है और पार्टी पूरी तरह से एकजुट है. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल में कभी मुख्यमंत्री तो कभी मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा आए दिन सुनने को मिलती है. इससे स्पष्ट होता कि भाजपा में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में सत्ताधारी दल को विपक्ष पर टिप्पणी करने से पहले अपनी पार्टी में चल रही उथल-पुथल के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
आशा कुमारी ने कहा कि, उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पहले से ही तैयार है. उन्होंने कहा कि उपचुनावों में सरकार को घेरने के लिए मुद्दों की कोई कमी नहीं है. बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है. सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि, भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी, हास्यपद है क्योंकि विकास कहने से नहीं होता, ये धरातल पर भी दिखना चाहिए.
आशा कुमारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा को विपक्ष में रहते हुए 400 रुपए का सिलेंडर भी महंगा लगता था लेकिन आज दाम 1 हजार पहुंचने पर भी महंगाई नजर नहीं आ रही है. इसी तरह सरसों का तेल 220 से 225 पार हो गया, उचित मूल्य की दुकानों में रिफांइड तेल महंगा मिल रहा है. महंगाई बढ़ रही है, जबकि आमदनी घट रही है. इसके साथ ही बेरोजगारी चरम सीमा पर है.
आशा कुमारी ने वैक्सीन की पहली डोज का लक्ष्य सौ फीसदी पूरा करने पर भी सवाल उठाए. आशा कुमारी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के इस बयान से सहमत नहीं हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में वैक्सीन की पहली डोज सभी को लग चुकी है. उन्होंने कहा कि वह निजी तौर पर ऐसे कई लोगों को जानती हैं, जिन्होंने पहली डोज नहीं लगाई है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण के मुद्दे पर विपक्ष ने राजनीति नहीं बल्कि सहयोग किया है.
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