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कांग्रेस विधायक ने सरकार पर साधा निशाना, CM रिलीफ फंड खर्च पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग

विधानसभा क्षेत्र कुसुम्पटी के कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार और प्रशासन के स्तर रही खामियों को लेकर शिमला में पत्रकार वार्ता कर सरकार और प्रशासन को निशाना साधा है.

Congress MLA anirudh singh press conference in shimla
कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह
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Published : Jun 14, 2020, 9:38 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 3:56 PM IST

शिमला : स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के बाद से कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई है. साथ ही मामले की जांच सिटिंग जज से करवाने की मांग कर रही है. विधानसभा क्षेत्र कुसुम्पटी के कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार और प्रशासन के स्तर रही खामियों को लेकर शिमला में पत्रकार वार्ता कर सरकार और प्रशासन को निशाना साधा है.

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्वेत पत्र जारी कर बताए कि आम जनता के दिए गए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा राशि को कहा खर्च किया गया, सरकार ने इस मुश्किल घड़ी में किसकी मदद की. उन्होंने कहा कि आम जनता यह जानना चाहती है. राजधानी में क्या सिर्फ नगर निगम के 12 वार्ड में ही कोरोना का खतरा था, गांव में कहीं भी सेनिटाइजर का छिड़काव नहीं किया गया.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि मार्च में ही विधायक निधि के 25 लाख को अपने क्षेत्र में संक्रमण से बचाव को खर्च करने को जिला प्रशासन को दिया था, इसे आज तक खर्च नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार बताए की संक्रमण के बचाव की कितनी तैयारी है, सिर्फ 60 वेंटिलेटर उनमें भी कुछ खराब पड़े हुए है क्या पूरे प्रदेश को पर्याप्त है. सरकार बताए की कोरोना पीड़ितों की सेवा करने वाले डॉक्टर, नर्स के पैसे क्यों काटे, उनको क्या सुरक्षा कवर सरकार ने दिया है.

उन्होंने कहा कि यदि तैयारियां पूरी है तो संक्रमित मरीजों को उपचार के लिए शिमला और टांडा ही क्यों भेजा जा रहा है. मंडी में बड़ा अरबों का बना अस्पताल है, वहां उपचार क्यों नहीं हो रहा. राजधानी में डी डी यू को कोविड अस्पताल बनाया गया है. आईजीएमसी में ही रोजाना होने वाली एक हजार की ओपीडी प्रभावित हो रही है, यदि मलयाना में अस्पताल का काम समय से पूरा होता तो आम मरीज परेशान नहीं होते.

विधायक ने कहा कि सरकार के पास कितनी टेस्ट किट उपलब्ध हैं, प्रदेश के हर नागरिक का टेस्ट करने की व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि प्रदेश के बाहर से लाए गए छात्रों और आम लोगों से कितना खर्चा लिया गया है. इस संकट की घड़ी में बिजली, पानी के बिल माफ करने के बजाय भारी बिल क्यों दिए गए. कोरोना से सबसे अधिक पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है, इससे जुड़े लोगों को सरकार ने कोई मदद नहीं की है.

शिमला : स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के बाद से कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई है. साथ ही मामले की जांच सिटिंग जज से करवाने की मांग कर रही है. विधानसभा क्षेत्र कुसुम्पटी के कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार और प्रशासन के स्तर रही खामियों को लेकर शिमला में पत्रकार वार्ता कर सरकार और प्रशासन को निशाना साधा है.

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्वेत पत्र जारी कर बताए कि आम जनता के दिए गए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा राशि को कहा खर्च किया गया, सरकार ने इस मुश्किल घड़ी में किसकी मदद की. उन्होंने कहा कि आम जनता यह जानना चाहती है. राजधानी में क्या सिर्फ नगर निगम के 12 वार्ड में ही कोरोना का खतरा था, गांव में कहीं भी सेनिटाइजर का छिड़काव नहीं किया गया.

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उन्होंने कहा कि मार्च में ही विधायक निधि के 25 लाख को अपने क्षेत्र में संक्रमण से बचाव को खर्च करने को जिला प्रशासन को दिया था, इसे आज तक खर्च नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार बताए की संक्रमण के बचाव की कितनी तैयारी है, सिर्फ 60 वेंटिलेटर उनमें भी कुछ खराब पड़े हुए है क्या पूरे प्रदेश को पर्याप्त है. सरकार बताए की कोरोना पीड़ितों की सेवा करने वाले डॉक्टर, नर्स के पैसे क्यों काटे, उनको क्या सुरक्षा कवर सरकार ने दिया है.

उन्होंने कहा कि यदि तैयारियां पूरी है तो संक्रमित मरीजों को उपचार के लिए शिमला और टांडा ही क्यों भेजा जा रहा है. मंडी में बड़ा अरबों का बना अस्पताल है, वहां उपचार क्यों नहीं हो रहा. राजधानी में डी डी यू को कोविड अस्पताल बनाया गया है. आईजीएमसी में ही रोजाना होने वाली एक हजार की ओपीडी प्रभावित हो रही है, यदि मलयाना में अस्पताल का काम समय से पूरा होता तो आम मरीज परेशान नहीं होते.

विधायक ने कहा कि सरकार के पास कितनी टेस्ट किट उपलब्ध हैं, प्रदेश के हर नागरिक का टेस्ट करने की व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि प्रदेश के बाहर से लाए गए छात्रों और आम लोगों से कितना खर्चा लिया गया है. इस संकट की घड़ी में बिजली, पानी के बिल माफ करने के बजाय भारी बिल क्यों दिए गए. कोरोना से सबसे अधिक पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है, इससे जुड़े लोगों को सरकार ने कोई मदद नहीं की है.

Last Updated : Jun 16, 2020, 3:56 PM IST
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