शिमला: कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन पर रोक लगाने के सरकार के फरमान पर कांग्रेस मुखर हो गई है. कांग्रेस ने सरकार को कर्मचारियों को धमकाने के बजाय उनकी मांगे पूरी करने की सलाह दी है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि कर्मचारियों के हितैषी होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार आज कर्मचारियों को ही धमकाने लगी है. कर्मचारियों के धरना प्रर्दशन पर रोक लगाने के लिए तानाशाही रवैया (Demonstration of employees banned in Himachal) अपनाते हुए लिखित आदेश जारी किए है, जो सही नहीं है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद जो वेतन विसंगतियां उभर कर सामने आई है, उसका समाधान करना सरकार की जिम्मेवारी है. इसी तरह अन्य कर्मचारी संगठन जिस तरह से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर रहे हैं, उनकी मांगों को भी सुना जाना चाहिए और वार्ता के माध्यम से मुख्यमंत्री को हल निकालना चाहिए.
नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश के अढ़ाई लाख से अधिक कर्मचारी अपनी सेवाओं के माध्यम से प्रदेश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं. ऐसे में उनकी अनदेखी सरकार पर भारी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर संर्घषरत है जबकि सरकार उनसे वार्ता तक करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों पर गुस्सा करने के बदले उनकी बात को सुना जाएगा तभी प्रदेश, विकास की राह पर आगे बढ़ पाएगा.
वहीं, नरेश चौहान ने कहा कि यूक्रेन में चल रहे हालात बेहद (Naresh Chauhan on situation in Ukraine) दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि वहां की वर्तमान परिस्थितियां दिल दहलाने वाली है. देश और प्रदेश के कई बच्चे वहां फंसे हुए है. उन्होंने कहा कि समय रहते भारत सरकार ने एडवाजरी नहीं की. नरेश चौहान ने विदेश नीति पर भी सवाल उठाए. नरेश चौहान ने कहा कि ये बेहद अफसोस की बात है कि प्रदेश सरकार अभी तक ये ही आंकड़ा नहीं जुटा पाई है कि प्रदेश के कितने बच्चे वहां फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों को वापस लाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठाए.
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