शिमला: राजधानी शिमला के डीडीयू अस्पताल में बीते सोमवार को वैक्सीनेशन के दोनों डोज लेने के बाद डॉक्टर के पॉजिटिव आने से लोग घबरा गये हैं. ऐसे में पूरा मामला क्या था और डॉक्टर कैसे पॉजिटिव आये. इन सभी बातों को जाने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सीएमओ सुरेखा चोपड़ा से बात की गई.
सुरेखा चोपड़ा ने डॉक्टर पॉजिटिव आये हैं उन्हें पहली डोज 30 जनवरी को लगायी गयी थी. इसके बाद एक मार्च को दूसरी डोज लगाई गई, कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के ठीक चौदह दिन बाद डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. डॉक्टर को होम आइसोलेट करने के निर्देश दे दिए गए हैं, ऐसे में अब नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा जाएगा.
बेटी और पत्नी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव
सीएमओ ने बताया कि कोरोना संक्रमित डॉक्टर की पत्नी और बेटी की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आयी हैं. इन्हें बुखार होने की शिकायत पर सोमवार को अस्पताल लाया गया था और इनका एहतियातन कोविड-19 टेस्ट करवाया गया, जिसमें डॉक्टर की पत्नी और बेटी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव पायी गयी थी.
15 दिन में डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव
उन्होंने बताया कि वैक्सीन लेने के बाद 15 दिनों के भीतर ही डॉक्टर कोरोना से संक्रमित पाये गये हैं. वैक्सिनेशन के 45 दिनों तक खास एहतियात बरतने की जरूरत होती है. डॉक्टर वैक्सिनेशन के बाद एक भीड़भाड़ वाले रेस्टोरेंट में गये थे. ऐसे में हो सकता है की वो वहां किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये होंगे.
वैक्सिनेशन के बाद भी बरतें एहतियात
लोगों को वैक्सिनेशन के बाद भी एहतियात बरतने की जरूरत है. क्योंकि वैक्सिनेशन के बाद भी इस वायरस के संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है. ऐसे में जो भी लोग वैक्सीन लगा रहे हैं उनको स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस पर गौर करना चाहिये. ताकि वायरस के संक्रमण से बचा जा सकें. बता दें कि तीन-चार दिन पहले सोलन जिले में भी एक महिला डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद पॉजिटिव पाई गई थीं.