शिमला: सीएम जयराम ठाकुर ने 'नई राहें-नई मंजिलें' योजना के तहत कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम जयराम ने कहा कि पर्यटन योजनाओं में हो रही देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. वर्तमान राज्य सरकार के पहले बजट में 'नई राहें-नई मंजिलें' योजना की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में अनछुए पर्यटन स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना है. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को बेहतर समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए ताकि योजना के तहत विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके.
वन विश्राम गृहों के उन्नयन के लिए 18 करोड़ रुपये की राशि जारी
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने जंजैहली ईको पर्यटन परियोजना के तहत ट्रैकिंग मार्गों, विश्राम स्थलों, व्यू प्वाइंट और टेंटों की स्थापना के अतिरिक्त वन विश्राम गृहों के उन्नयन के लिए 18 करोड़ रुपये की राशि जारी की है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना को अगले साल दिसंबर तक पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लारजी डैम को 3.3 करोड़ रुपये व्यय कर जल क्रीडा गतिविधि केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. इससे न केवल पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि साहसिक खेल प्रेमियों के लिए भी एक उपयुक्त स्थल उपलब्ध होगा.
पोंग डैम को जल क्रीड़ा हब के रूप में किया जाएगा विकसित
मुख्यमंत्री ने कहा कि पोंग डैम को जल क्रीड़ा हब के रूप में विकसित करने के लिए 6.6 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत पोंग डैम क्षेत्र में स्पीड बोट और फ्लोटिंग जेटी आदि की खरीद के अलावा इंटरप्रटेसन केन्द्र और ईको टूरिज्म साइट्स का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में बीड़ बिलिंग क्षेत्र को भी ईको पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है.
चांशल क्षेत्र ईको पर्यटन और स्कीइंग गंतव्य के रूप में विकसित होगा
जयराम ठाकुर ने कहा कि जिला शिमला में चांशल को विकसित करने, लॉग हट्स के उन्नयन, करसाली में प्राकृतिक जल निकाय का जीर्णोद्धार, शिविर स्थलों को विकसित करने और वन विश्राम गृहों के उन्नयन के लिए अब तक 5.31 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. उन्होंने कहा कि इससे चांशल क्षेत्र ईको पर्यटन और स्कीइंग गंतव्य के रूप में विकसित होगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना अगले वर्ष अगस्त माह के अंत तक पूरी हो जाएगी.