शिमला: हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसे (road accident in himachal ) थमने का नाम नहीं ले रहे. तीन साल में राज्य में 3174 लोगों ने सड़क हादसों (3174 people died in road accident) में जान गंवा दी. बजट सेशन (himachal assembly budget session) के दौरान ये जानकारी सामने आई. किन्नौर के विधायक जगत नेगी के सवाल पर लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में बीते तीन सालों में सड़क हादसों में 3174 लोगों की मौत हुई है.
दुर्घटनाएं रोकने के लिए सरकार ने पुलिस व परिवहन विभाग के माध्यम से जरूरी कदम उठाए हैं. प्रदेश में विगत तीन साल में 4079 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं. इसमें 74 ब्लैक, 1320 संवेदनशील और 2685 संभावित ब्लैक स्पॉट शामिल हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (cm jairam thakur on road accident) ने लिखित जवाब में ये भी बताया कि सड़क सुरक्षा फंड में 2019-20 में 40 करोड़, 2020-21 में 40.15 करोड़, वर्ष 2021-22 में 50.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सरकार ने हादसे रोकने के लिए सड़क सुरक्षा अधिनियम के तहत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. समय समय पर जनता को जागरूक किया जा रहा है. इस साल अब तक विभिन्न दुर्घटनाओं में 96 लोगों की मौत हो चुकी है.
हिमाचल प्रदेश में हर रोज औसतन तीन लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं. एक (road accident in himachal) अनुमान के अनुसार हिमाचल में मार्च 2020 से जनवरी 2021 के बीच कोविड से हुई मौतों और सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में आंकड़ों के लिहाज से कोई अधिक फर्क नहीं है. कुछ जिलों में कोविड से अधिक मौत सड़क हादसों में हुई है.
शरारती तत्वों द्वारा तोड़ी गई पट्टिकओं को फिर से लगाया जाएगा: सदन में लिखित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जानकारी दी कि प्रदेश में 45 पट्टिकाओं को तोड़ने की शिकायत मिली है. उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि शरारती तत्वों की ओर से नुकसान पहुंचाने की शिकायतें आई हैं. उन पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है. पुलिस के पास 15 शिकायतें आई थीं. इनमें नौ शिकायतों में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. शेष छह शिकायतें की जांच के दौरान कोई अपराध घटित होना नहीं पाया गया. पंजीकृत नौ अभियोगों में से 2 से 3 लोगों के खिलाफ चालान व शेष 7 अभियोगों में अनट्रेस रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की गई.
वहीं, एक अन्य प्रश्न के जवाब में सरकार ने बताया कि वर्तमान अग्निशमन विभाग में फायरमैन के 590 पदों में से 225 पद रिक्त चल रहे हैं. वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक फायरमैन व चालक, पंप ऑपरेटर के 102 पदों को भरा गया है. 97 फायरमैन को विभागीय पदोन्नति से लीडिंग फायरमैन के पद पर पदोन्नत किया गया है. सीएम ने कहा कि अग्निशमन केंद्र में 29, उप अग्निशमन केंद्र में 23, अग्निशमन चौकियों में 17 विभिन्न श्रेणियों के पद स्वीकृत हैं. अग्निशमन कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान के प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है.
विधायक राजेंद्र राणा की ओर से पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 240 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को अधिसूचित किया गया है. इन केंद्रों में होम्योपैथिक चिकित्सक कार्यरत नहीं है. होम्योपैथिक चिकित्सकों की भर्ती और पदोन्नति नियमों के तहत की जाती है. अलग से पॉलिसी का कोई प्रावधान नहीं है.