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सीएम जयराम ने 'जाईका' का किया शुभारंभ, परियोजना में खर्च होंगे 800 करोड़ - सीएम जयराम ठाकुर

सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश में जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) परियोजना की वेबसाइट का शुभारंभ किया है. 800 करोड़ की परियोजना की इस को प्रदेश के छह जिलो में चलाया जा रहा है.

cm jairam thakur inaugurate jica project website in shimla
सीएम जयराम ठाकुर.
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Published : Mar 17, 2021, 9:39 AM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) परियोजना की वेबसाइट का शुभारंभ किया है. इस परियोजना के अंतर्गत वानिकी और अन्य गतिविधियों तक पहुंच स्थापित करने आसानी होगी.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य परियोजना क्षेत्र में पर्यावरणीय और सतत् सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान करते हुए वन क्षेत्र पारिस्थितिकीय तंत्र में वृद्धि और प्रबंधन करना है.

यह परियोजना जैव विविधता और जल स्रोतों के संरक्षण, भू-क्षरण को रोकने और स्थानीय समुदाय को स्थायी वैकल्पिक आजीविका स्थापित करने के लिए आवश्यक समर्थन के साथ पारिस्थितिकीय तंत्र में सुधार की दिशा में सहयोग कर रही है.

प्रदेश के छह जिलों में चल रही परियोजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि 800 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के छह जिलों - बिलासपुर, शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में क्रियान्वित की जा रही है. इस परियोजना के अंतर्गत सात वन वृत, 18 वन मंडल, 61 वन रेंज और 400 ग्राम वन विकास समितियां, 60 जैव विविधता प्रबंधन उप-समितियां, 920 स्वयं सहायता समूह और सामान्य हितधारक समूह शामिल हैं. यह परियोजना मार्च 2028 में पूरी हो जाएगी.

कार्यक्रम में वन मंत्री भी रहे मौजूद

वेबसाइट के शुभारंभ के मौके पर प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डॉ. सविता, मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: जल जीवन मिशन और अन्य योजनाओं पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से की श्वेत पत्र जारी करने की मांग

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) परियोजना की वेबसाइट का शुभारंभ किया है. इस परियोजना के अंतर्गत वानिकी और अन्य गतिविधियों तक पहुंच स्थापित करने आसानी होगी.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य परियोजना क्षेत्र में पर्यावरणीय और सतत् सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान करते हुए वन क्षेत्र पारिस्थितिकीय तंत्र में वृद्धि और प्रबंधन करना है.

यह परियोजना जैव विविधता और जल स्रोतों के संरक्षण, भू-क्षरण को रोकने और स्थानीय समुदाय को स्थायी वैकल्पिक आजीविका स्थापित करने के लिए आवश्यक समर्थन के साथ पारिस्थितिकीय तंत्र में सुधार की दिशा में सहयोग कर रही है.

प्रदेश के छह जिलों में चल रही परियोजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि 800 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के छह जिलों - बिलासपुर, शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में क्रियान्वित की जा रही है. इस परियोजना के अंतर्गत सात वन वृत, 18 वन मंडल, 61 वन रेंज और 400 ग्राम वन विकास समितियां, 60 जैव विविधता प्रबंधन उप-समितियां, 920 स्वयं सहायता समूह और सामान्य हितधारक समूह शामिल हैं. यह परियोजना मार्च 2028 में पूरी हो जाएगी.

कार्यक्रम में वन मंत्री भी रहे मौजूद

वेबसाइट के शुभारंभ के मौके पर प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डॉ. सविता, मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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