शिमला: साल 2020 को कोविड संकट के लिए याद किया जाएगा. हिमाचल की जयराम सरकार के लिए इस साल कुछ सुकून की खबरें आई तो कुछ खबरों से सरकार की नींद भी उड़ी. कुछ मोर्चों पर सरकार को सफलता मिली तो कई जगह किरकिरी भी हुई.
विवादों की तरफ नजर डाली जाए तो साल 2020 में भाजपा सरकार को उस समय झटका लगा, जब स्वास्थ्य विभाग में पैसों के लेन-देने से जुड़ा एक ऑडियो वॉयरल होने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को त्यागपत्र देना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पर पैसों के लेन-देन का आरोप लगा और उन्हें गिरफ्तार किया गया.
इस मामले की आंच प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल तक आई और उन्हें भी पद से हटना पड़ा. बाद में जुलाई माह में 22 तारीख को सुरेश कश्यप को भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी गई. वे शिमला संसदीय सीट से सांसद हैं. राजीव बिंदल पहले विधानसभा अध्यक्ष थे. उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पद से मुक्त कर पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था. बिंदल के स्थान पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया.
मंत्रिमंडल का विस्तार
वहीं, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर मंडी से चुनाव लड़ने वाले भाजपा विधायक और मंत्री अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा के कारण विवाद पैदा हुआ. अनिल शर्मा को उर्जा मंत्री का पद छोड़ना पड़ा. इस तरह कैबिनेट एक्सपेंशन की स्थितियां पैदा हुईं.
सुखराम चौधरी को उर्जा मंत्री, राकेश पठानिया को वन मंत्री और राजेंद्र गर्ग को खाद्य आपूर्ति मंत्री का पद दिया गया. वहीं, कैबिनेट में फेरबदल भी हुआ. डॉ. राजीव सैजल को स्वास्थ्य विभाग सौंपा गया. वे पहले सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग देख रहे थे. उनकी जगह सरवीण चौधरी को उक्त विभाग का दायित्व दिया गया.
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज को शहरी विकास विभाग मिला. पहले शहरी विकास विभाग सरवीण चौधरी के पास था. परिवहन विभाग में भी फेरबदल किया गया. उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर को परिवहन का भी दायित्व मिला और शिक्षा विभाग का जिम्मा गोविंद सिंह ठाकुर को दिया गया. डॉ. रामलाल मारकंडा से कृषि विभाग लेकर पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर को दिया गया. मारकंडा के पास तकनीकी शिक्षा विभाग आया.
इससे पूर्व राजीव बिंदल के स्थान पर विपिन परमार को 25 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व मिला था. बाद में मार्च में बजट सत्र के दौरान ही कोरोना महामारी का संकट आया और सत्र को बीच में ही स्थगित करना पड़ा.
बेहतर गवर्नेंस के लिए माई गवर्नमेंट पोर्टल शुरू
यदि सरकारी गलियारों की बात की जाए तो साल की शुरुआत में ही जयराम सरकार ने बेहतर गवर्नेंस के लिए माई गवर्नमेंट पोर्टल शुरू किया. साथ ही सीएम एप भी लॉंच किया गया. कृषि क्षेत्र में विश्व बैंक के साथ 82 मिलियन डॉलर के लोन का करार हुआ.
साथ ही प्रदेश में स्टेट रोड्स ट्रांस्फार्मेशन के लिए विश्व बैंक से 585 करोड़ मंजूर हुए. हिमाचल में बद्दी में 110 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रानिक सामान तैयार करने के लिए एमओयू हुआ. सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड जो नवरत्न कंपनी है, ने सरकार के साथ 2020-21 के लिए 9680 मिलियन यूनिट्स का लक्ष्य हासिल करने के लिए एमओयू किया.
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना
नई योजनाओं के तहत सरकार ने मई महीने में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना शुरू की. ग्रामीण इलाकों के लिए एक बीघा योजना आरंभ हुई. केंद्र व राज्य सरकार के बीच अच्छे संबंधों का हिमाचल को लाभ हुआ. वित्तायोग ने हिमाचल को बड़ी राहत देते हुए रेवेन्यू डेफेसिट ग्रांट के तौर पर साढ़े नौ सौ करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की. जल जीवन मिशन के तहत हिमाचल को जुलाई में 326 करोड़ रुपये मिले.
बाढ़ नियंत्रण परियोजना के तहत 7922 करोड़ रुपये लागत की इन्वेस्टमेंट क्लियरेंस मिली. कोविड से लडऩे के लिए सरकार को केंद्र से 500 वेंटीलेटर मिले. मंडी के बल्ह में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को हरी झंडी मिली. राज्य सरकार को ई-पंचायत पुरस्कार मिला. हमीरपुर के नादौन पुलिस स्टेशन को देश में बेस्ट स्टेशन का अवॉर्ड हासिल हुआ.
पीएमजीएसवाई में देश में दूसरा स्थान
पीएमजीएसवाई में मंडी जिला को देश में पहला और हिमाचल को देश में दूसरा स्थान मिला. इसके अलावा हिमाचल को लोहड़ी के अवसर पर 1995 किलो खिचड़ी एक साथ पकाने के लिए गिनीज बुक में स्थान मिला. आउटलुक के सर्वे में हिमाचल को पर्यटन के क्षेत्र में सर्वोत्म आंका गया.
नेशनल हैल्थ मिशन के तहत शिमला जिला की रामपुर पीएचसी को देश में बेहतर सेवाएं देने के लिए पहला स्थान प्राप्त हुआ. हिमाचल पुलिस को क्राइम व क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क को लेकर हिमालयी राज्यों में बैस्ट परफार्मेंस स्टेट का सम्मान हासिल हुआ.
इस तरह जयराम सरकार के लिए ये साल कई मोर्चों पर बेहतर रहा. साल के आखिर में किसान सम्मान निधि के 12 करोड़ रुपये आयकर देने वालों के खाते में जाने से सरकार की किरकिरी हुई. यही नहीं, सीएम रिलीफ फंड में भी अपात्र लोगों को पैसे मिलने पर विवाद खड़ा हुआ. इन मामलों की जांच के आदेश दिए गए हैं.
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