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हिमाचल के मुख्य सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप पर सियासत तेज, सीएम ने किया बचाव तो विपक्ष ने मांगी निष्पक्ष जांच

हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर सियासत का दौर शुरू हो गया है. सीएम जयराम ठाकुर ने (CM Jairam thakur on Chief Secretary) कहा है कि जब तक कोई तथ्य सामने नहीं आ जाते, तब तक किसी के बारे में ऐसा कहना उचित नहीं, वहीं विपक्ष इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है. पढे़ं पूरी खबर...

CM Jairam statement on Chief Secretary
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
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Published : Apr 14, 2022, 3:23 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 6:05 PM IST

शिमला: हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह (himachal chief secretary ram subhag singh) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. पीएमओ से भेजी गई एक चिट्ठी के बाद राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं और इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को रूटीन में शिकायत जाती है, वो राज्य सरकार को भेजी जाती है और उस दृष्टि से वो पत्र हिमाचल सरकार को आया है. उन्होंने कहा कि (CM Jairam thakur on Chief Secretary) जब तक कोई तथ्य सामने नहीं आ जाते, तब तक किसी के बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं. सीएम ने कहा कि अनाम चिट्ठियों में कोई भी किसी के खिलाफ कुछ भी लिख देता है लेकिन फिर भी इस मामले पर जानकारी (corruption allegations on cs ram subhag singh ) ली जा रही है.

ये है पूरा मामला- दरअसल मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर (corruption allegations on himachal chief secretary) वन विभाग के ACS रहते हुए नगरोटा सूरियां में इंटरप्रटेशन सेंटर के भवन निर्माण में भारी अनियमितताएं हुईं लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पूरे मामले पर एक शिकायतकर्ता ने आरटीआई के जरिये जानकारी जुटाई और शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय (PMO letter to CMO himachal pradesh) तक भेज दी. इस शिकायत के बाद पीएमओ ने इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार को आदेश जारी किया. पीएमओ की तरफ से 13 अक्टूबर 2021 को एक चिट्ठी लिखी गई थी लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल- हिमाचल के मुख्य सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप पर कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी और माकपा तक ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. आम आदमी पार्टी ने इस पूरे प्रकरण पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय से सच में इस तरह का कोई पत्र आया है तो मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जानी चाहिए. कुलदीप राठौर ने कहा कि ये सीधे-सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की अनदेखी करना है.

सरकार पर क्यों उठ रहे सवाल- पीएमओ से सीएमओ को भेजी गई चिट्ठी में बताया गया है कि बृजलाल के नाम से आईएएस अधिकारी और वर्तमान में राज्य के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह के खिलाफ शिकायत मिली है. गौरतलब है कि ये चिट्ठी 13 अक्टूबर 2021 को भेजी गई थी पूरे 6 महीने बाद भी सरकार की तरफ से इसपर कोई ठोस जवाब नहीं मिला है और विपक्षी इसी चीज को मुद्दा बना रहे हैं.

कौन हैं राम सुभग सिंह - 1987 बैच के आईएएस अधिकारी राम सुभग सिंह को बीते साल अगस्त में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वो हिमाचल के 42वें मुख्य सचिव हैं. उन्हें पूर्व मुख्य सचिव अनिल खाची के रिटायरमेंट के बाद ये जिम्मेदारी मिली थी. इससे पहले सुभग सिंह पर्यटन, उद्योग, वन, से लेकर कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

शिमला: हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह (himachal chief secretary ram subhag singh) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. पीएमओ से भेजी गई एक चिट्ठी के बाद राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं और इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को रूटीन में शिकायत जाती है, वो राज्य सरकार को भेजी जाती है और उस दृष्टि से वो पत्र हिमाचल सरकार को आया है. उन्होंने कहा कि (CM Jairam thakur on Chief Secretary) जब तक कोई तथ्य सामने नहीं आ जाते, तब तक किसी के बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं. सीएम ने कहा कि अनाम चिट्ठियों में कोई भी किसी के खिलाफ कुछ भी लिख देता है लेकिन फिर भी इस मामले पर जानकारी (corruption allegations on cs ram subhag singh ) ली जा रही है.

ये है पूरा मामला- दरअसल मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर (corruption allegations on himachal chief secretary) वन विभाग के ACS रहते हुए नगरोटा सूरियां में इंटरप्रटेशन सेंटर के भवन निर्माण में भारी अनियमितताएं हुईं लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पूरे मामले पर एक शिकायतकर्ता ने आरटीआई के जरिये जानकारी जुटाई और शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय (PMO letter to CMO himachal pradesh) तक भेज दी. इस शिकायत के बाद पीएमओ ने इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार को आदेश जारी किया. पीएमओ की तरफ से 13 अक्टूबर 2021 को एक चिट्ठी लिखी गई थी लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल- हिमाचल के मुख्य सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप पर कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी और माकपा तक ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. आम आदमी पार्टी ने इस पूरे प्रकरण पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय से सच में इस तरह का कोई पत्र आया है तो मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जानी चाहिए. कुलदीप राठौर ने कहा कि ये सीधे-सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की अनदेखी करना है.

सरकार पर क्यों उठ रहे सवाल- पीएमओ से सीएमओ को भेजी गई चिट्ठी में बताया गया है कि बृजलाल के नाम से आईएएस अधिकारी और वर्तमान में राज्य के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह के खिलाफ शिकायत मिली है. गौरतलब है कि ये चिट्ठी 13 अक्टूबर 2021 को भेजी गई थी पूरे 6 महीने बाद भी सरकार की तरफ से इसपर कोई ठोस जवाब नहीं मिला है और विपक्षी इसी चीज को मुद्दा बना रहे हैं.

कौन हैं राम सुभग सिंह - 1987 बैच के आईएएस अधिकारी राम सुभग सिंह को बीते साल अगस्त में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वो हिमाचल के 42वें मुख्य सचिव हैं. उन्हें पूर्व मुख्य सचिव अनिल खाची के रिटायरमेंट के बाद ये जिम्मेदारी मिली थी. इससे पहले सुभग सिंह पर्यटन, उद्योग, वन, से लेकर कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

Last Updated : Apr 14, 2022, 6:05 PM IST
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