शिमला: विधानसभा परिसर के समीप हिमालयन ब्रम्ह समाज की जमीनी पर कब्जे की कोशिश और बार एसोसिएशन द्वारा प्रस्ताव पास करने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि हिमालयन ब्रम्ह समाज की जमीन पर कब्जा करने वालों को जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके अलावा वकीलों को भी नसीहत दी कि पूरे मामले को इस प्रकार से पेश करने की कोशिश न करें.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूरे प्रकरण की निंदा करते हुए कहा कि जहां तक बार काउंसिल इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रही है. उस दृष्टि से इस विषय को देखने की जरूरत नहीं है. एक साधु समाज के संत के साथ दुर्व्यवहार करना और उनके क्षेत्र में बार-बार दखल देना, कुत्ते भेजना यह बिल्कुल भी सही नहीं है और सिर्फ एक मकसद के साथ उस प्रॉपर्टी पर कब्जा करने के लिए प्रयास हुए हैं जो मुझे जानकारी मिली है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उसके पीछे मकसद दिखता है कि वो संत जो वहां रहते हैं वो उसे छोड़ जाएं और इस प्रॉपर्टी पर फिर वो लोग कब्जा करें. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि संत समाज की तरफ से जब बार-बार इस प्रकार परेशान करने शिकायत मिली तो स्वभाविक रूप से पुलिस ही मौके पर जाएगी.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि डीजीपी की उपस्थिति में फिर से संत समाज के साथ दुर्व्यवहार किया गया तो स्वभाविक रूप से नियमों के अनुसार जो कार्रवाई बनती है वो उसमें की गई और आने वाले समय में भी निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. इसलिए किसी भी आदमी को इस प्रकार की इजाजत नहीं दी जा सकती.
अगर कोई वकालत करता है उसका प्रोफेशन है उसके प्रति हमारा सम्मान है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो इस प्रकार का व्यवहार करे, बाकी छोड़िए डीजीपी के साथ इस प्रकार का व्यवहार निंदनीय है. इसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और ऐसे में जो भी कानून के अनुसार कार्यवाही का रास्ता बनता है वो कार्रवाई उस पर होनी चाहिए.
दरअसल हिमालयन ब्रम्ह समाज के जमीनी विवाद के चलते वहां निवास कर रहे की तरफ से उन्हें परेशान करने की शिकायत लंबे समय से की जा रही थी. इसके कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे जिसमें आश्रम में जबरन कुत्ते छोड़ने और संतों के साथ दुर्व्यवहार देखा रहा है.
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