ETV Bharat / city

शिमला में शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान सीएम जयराम बोले- शिक्षक राष्ट्र निर्माता एवं समाज के पथ प्रदर्शक

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा (All India National Federation of Education) आयोजित अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह 'शिक्षा भूषण’ के दौरान अपने संबोधन में (Teacher Award Ceremony in shimla) मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता एवं समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं. शिक्षक विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाते हैं जो आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते हैं.

shiksha bhushan programme in shimla
शिमला में शिक्षक सम्मान समारोह
author img

By

Published : Dec 19, 2021, 5:32 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि शिक्षा व शिक्षण की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें हमारी भावी पीढ़ियों को अपनी संस्कृति, संस्कारों, सभ्यता व जीवन मूल्यों के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले. यह बात उन्होंने रविवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा आयोजित (Teacher Award Ceremony in Shimla) अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह 'शिक्षा भूषण’ के दौरान अपने संबोधन में कही.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता एवं समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं. शिक्षक विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाते हैं जो आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते हैं. उन्होंने शिक्षक सम्मान समारोह के आयोजन के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की सराहना करते हुए कहा कि महासंघ शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका (shiksha bhushan programme in shimla) निभा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति के साथ-साथ अपने सांस्कृतिक मूल्यों और संस्कारों को संजो कर फिर से विश्व गुरु के अपने स्वरूप को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर (Teacher Award Ceremony in Shimla) आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के विद्यार्थियों को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में अनेक कारगर कदम उठाए हैं. प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवोन्मेषी प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है. राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनेक महत्वकांक्षी योजनाएं आरंभ की हैं और आज हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में सबसे विकसित राज्यों में से एक है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और धार्मिक गुरु ज्ञानानंद महाराज ने संयुक्त रूप से तीन शिक्षाविदों प्रो. कपिल कपूर, डाॅ. बद्री प्रसाद पंचोली और रेनु दांडेकर को शिक्षा भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया. इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की विकासात्मक योजनाओं व कार्यक्रमों पर आधारित विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया. इस अवसर पर भागवत गीता पर अपने शोध के लिए प्रतिष्ठित ज्ञानानंद महाराज ने सभी से आध्यात्मिक और नैतिक विकास के लिए वर्तमान में जीने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रायोजन राष्ट्रहित में होना चाहिए.

ये भी पढे़ं : महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ भड़की महिला कांग्रेस, बोले- प्रदेश में कांग्रेस का सत्ता में आना लगभग तय

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि शिक्षा व शिक्षण की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें हमारी भावी पीढ़ियों को अपनी संस्कृति, संस्कारों, सभ्यता व जीवन मूल्यों के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले. यह बात उन्होंने रविवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा आयोजित (Teacher Award Ceremony in Shimla) अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह 'शिक्षा भूषण’ के दौरान अपने संबोधन में कही.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता एवं समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं. शिक्षक विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाते हैं जो आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते हैं. उन्होंने शिक्षक सम्मान समारोह के आयोजन के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की सराहना करते हुए कहा कि महासंघ शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका (shiksha bhushan programme in shimla) निभा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति के साथ-साथ अपने सांस्कृतिक मूल्यों और संस्कारों को संजो कर फिर से विश्व गुरु के अपने स्वरूप को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर (Teacher Award Ceremony in Shimla) आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के विद्यार्थियों को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में अनेक कारगर कदम उठाए हैं. प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवोन्मेषी प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है. राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनेक महत्वकांक्षी योजनाएं आरंभ की हैं और आज हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में सबसे विकसित राज्यों में से एक है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और धार्मिक गुरु ज्ञानानंद महाराज ने संयुक्त रूप से तीन शिक्षाविदों प्रो. कपिल कपूर, डाॅ. बद्री प्रसाद पंचोली और रेनु दांडेकर को शिक्षा भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया. इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की विकासात्मक योजनाओं व कार्यक्रमों पर आधारित विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया. इस अवसर पर भागवत गीता पर अपने शोध के लिए प्रतिष्ठित ज्ञानानंद महाराज ने सभी से आध्यात्मिक और नैतिक विकास के लिए वर्तमान में जीने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रायोजन राष्ट्रहित में होना चाहिए.

ये भी पढे़ं : महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ भड़की महिला कांग्रेस, बोले- प्रदेश में कांग्रेस का सत्ता में आना लगभग तय

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.