शिमला: पहाड़ जो गर्मियों में राहत देते थे वो भी अब गर्मियों में तपने लगे हैं. पहाड़ों की रानी शिमला में भी मैदानी इलाकों की तरह गर्मी पड़ने लगी है. मैदानी इलाकों से गर्मी से राहत पाने के लिए काफी तादात में पर्यटक पहाड़ों की रानी शिमला पहुंच रहे हैं लेकिन यहां भी उन्हें गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है. मार्च माह में पहाड़ों पर बढ़ते तापमान ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
शिमला में 17 मार्च की रात को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा. इससे पहले 2010 में मार्च माह में न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री रहा था. मनाली में मार्च माह में अधिकतम तापमान 27.5 हो गया. इससे पहले 2004 में तापमान 27 डिग्री रहा था. जबकि धर्मशाला में अधिकतम 32.2 डिग्री तापमान दर्ज हुआ. इससे पहले धर्मशाला में 2010 में 31.6 डिग्री तापमान रहा था.
शिमला पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि शिमला में मौसम ठण्डा होगा यह सोच कर ही वह अपने परिवार के साथ घुमने आये थे लेकिन उन्हें शिमला में भी गर्मी से राहत नहीं (temperature rises in shimla) मिल रही है. मैदानी इलाकों की तरह शिमला में भी गर्मी पड़ गई है. ऐसे में शिमला आने का उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ.
वहीं, मौसम विभाग के मौसम वैज्ञानिक संदीप शर्मा (Meteorologist Sandeep Sharma) ने कहा कि प्रदेश में 11 मार्च के बाद तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री ज्यादा चल रहे हैं. मनाली में तापमान ने इस बार कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है. 2004 में मनाली में अधिकतम तापमान मार्च माह में 27 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था जिसके बाद अब इस साल मार्च माह में 27.5 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है. इसके अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी तापमान में बढ़ोतरी हुई है. शिमला में भी रात के तापमान का रिकॉर्ड टूटा है जबकि धर्मशाला में अधिकतम 32.2 डिग्री तापमान दर्ज हुआ. इससे पहले धर्मशाला में 2010 में 31.6 डिग्री तापमान रहा था.
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