शिमला हिमाचल प्रदेश के बागवानों (Himachal gardeners) के हितों को ध्यान में रखते हुए और उनकी मांगों पर विचार करने के लिए वीरवार को मुख्य सचिव आर.डी. धीमान की (Himachal Chief Secretary RD Dhiman) अध्यक्षता में प्रगतिशील बागवानों (Progressive Gardeners of Himachal) और संबंधित सचिवों एवं विभागाध्याक्षों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें बागवानों के हितों और सेब की फसल (Himachal apple season 2022) से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
लंबित राशि जारी करने का निर्देश: राज्य सरकार ने सेब मंडी मध्यस्थता योजना अन्तर्गत वर्ष 2021 में प्रापण की गई सेब की लंबित राशि 8.59 करोड़ रुपए में से 4.15 करोड़ एचपीएमसी और 4.45 करोड़ रपुए हिमफैड को 30 जुलाई, 2022 को जारी कर दिए गए. प्रापण संस्थाओं एचपीएमसी और हिमफैड को आदेश दिए गए कि वे बागवानों की लंबित राशि नगद में एक सप्ताह के भीतर जारी करना सुनिश्चित करें.
बागवानी नीति में बदलाव: बागवानी नीति में बदलाव करते हुए प्रदेश सरकार ने गत वर्षों की तरह विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों के उपदान की पुरानी योजना फिर लागू कर दी ,जिसके अनुसार यह सारी वस्तुएं उद्यान विभाग के केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध होंगी.उन्होंने बताया कि बागवानों से संबंधित उपकरण,एंटी हेलनेट और अन्य संबंधित उपकरणों की अदायगी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उद्यान विभाग को 20 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं ,जिसे सम्बन्धित जिले को आबंटित कर दिया गया. जैसे ही इस राशि को व्यय कर लिया जाएगा, उसके तत्पश्चात अतिरिक्त बजट के प्रावधान करने की व्यवस्था की जाएगी.
समिति का गठन: प्रदेश के सभी निजी सीए स्टोर में लिए जाने वाले सेब के दाम तय करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए डॉ. वाईएस परमार बागवानी विश्वविद्यालय (Dr YS Parmar Horticulture University) के कुलपति की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया, जिसमें संबंधित क्षेत्र के प्रगतिशील बागवानों को भी शामिल किया गया, ताकि सेब के दामों को तय करने की प्रकिया में पारदर्शिता लाई जा सके. प्रदेश में सभी निजी सीए स्टोर में बागवानों के सेब रखने के प्रावधान को समझौता ज्ञापन के अनुसार सखती से लागू करने के लिए उद्यान विभाग को कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए.प्रवक्ता ने आगे बताया कि प्रदेश में बागवानी विकास के लिए बागवानी बोर्ड स्थापित (Horticulture board to be formed in Himachal) करने की प्रकिया प्रगति में है।
अनुदान का प्रावधान: बागवानों को फल प्रसंस्करण इकाई व सीए स्टोर स्थापित करने के लिए बागवानी विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अन्तर्गत 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त फल प्रसंस्करण इकाई एवं सीए स्टोर स्थापित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण राज्य मिशन के अन्तर्गत उद्योग विभाग द्वारा 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है.
बागवानों के खातों में जमा होगा: प्रदेश में सभी बागवानों को 1 अप्रैल, 2022 के बाद एचपीएमसी या खुले बाजार से सेब कार्टन एवं ट्रे पर उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का 6 प्रतिशत उपदान दिया जाएगा. यह उपदान बागवानी विभाग एवं एचपीएमसी के माध्यम से उपलब्ध करवाने के लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. बागवान अपने नजदीकी उद्यान विभाग अथवा एचपीएमसी के कार्यालय में जाकर सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर उक्त योजना का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया कि 6 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) का लाभ या उपदान सीधा बागवान के खाते में 15 दिनों के भीतर जमा किया जाएगा.