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प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किए जा रहे हर संभव प्रयासः CM

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि सरकार कोविड-19 के दृष्टिगत लाॅकडाउन के कारण प्रभावित लोगों की सहायता और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

chief minister on food supply
खाद्य आपूर्ति पर मुख्यमंत्री
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Published : Mar 29, 2020, 10:28 PM IST

शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि सरकार कोविड-19 के दृष्टिगत लाॅकडाउन के कारण प्रभावित लोगों की सहायता और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य और जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और नियमित आधार पर आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता की निगरानी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में रविवार को विभिन्न सीमावर्ती जिलों की तरफ से विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करवाई गई. राज्य के बिलासपुर, चम्बा, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और ऊना आदि सीमावर्ती जिलों की तरफ से 67 वाहनों में घरेलू गैस के 14515 सिलेंडर, 22 वाहनों में 214000 लीटर डीजल/पैट्रोल, 118 वाहनों में 19400 लीटर दूध, 459 वाहनों में 955 टन से अधिक किराने का सामान व सब्जियां, 89 वाहनों में विभिन्न जरूरी दवाइयां व सेनिटाइजर, 24 वाहनों में 95 टन से अधिक पशुओं का चारा लाया गया.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति का ध्यान रखा जा रहा है ताकि आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी न हो. कोविड-19 के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया दल के रूप में स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी संगठनों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सेवा प्रदान करने के इच्छुक स्वयंसेवक www.hpsdma.nic.in पर व http://bit.ly/3byNlgQ लिंक के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं और उसी प्रकार स्वैच्छिक संगठन स्वयं को www.hpiag.in पर पंजीकृत करवा सकते हैं.उन्होंने कहा कि आपदाओं के प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पंचायत स्तर पर प्रशिक्षित स्वयंसेवकों का डेटाबेस तैयार किया गया है, जो कोविड-19 के कारण उत्पन्न होने वाली वर्तमान स्वास्थ्य आपदा के दौरान उपयोग करने के लिए तैयार है.

यह डाटाबेस भविष्य में भी उपयोग के लिए उपलब्ध होगा. इसी तरह, आपातकालीन प्रतिक्रिया नेटवर्क का हिस्सा इन 51 स्वैच्छिक संगठनों की सेवाएं केवल एक कॉल पर उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण/जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के स्वयंसेवकों और जिन लोगों ने राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के साथ विशेष रूप से कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति के लिए पंजीकरण किया है.

यदि आवश्यक होगा तो उनकी सेवाओं का उपयोग आम जनता, विशेष रूप से दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर-द्वार पर आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने में स्थानीय प्रशासन की सहायता करने के लिए किया जा सकता है.इसके अलावा, इन स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी संगठनों की सेवाओं का उपयोग स्वच्छता उपायों सम्बन्धी जन जागरूकता, सामाजिक दूरी के उपायों को बढ़ावा देने और घर पर अलगाव, कानून व्यवस्था, सफाई सेवाओं, रोगियों के प्रबंधन और परिवहन में जिला प्रशासन की सहायता करने में किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय अपना रही है कि प्रवासी मजदूरों में दहशत न फैले और राज्य में सभी आपातकालीन संचालन केंद्रों के माध्यम से उन्हें दैनिक उपयोग की सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा सकें.

साथ ही कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय कर रही है कि प्रवासी मजदूर घबराए नहीं और राज्य सरकार उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करेगी. यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी प्रवासी या स्थानीय मजदूर भोजन और आश्रय के बिना नहीं रहे. स्थानीय प्रधानों और पंचायत सचिवों को भी इस बारे में निर्देश दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः COVID-19: JP नड्डा ने बिंदल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जाना प्रदेश का हाल

शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि सरकार कोविड-19 के दृष्टिगत लाॅकडाउन के कारण प्रभावित लोगों की सहायता और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य और जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और नियमित आधार पर आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता की निगरानी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में रविवार को विभिन्न सीमावर्ती जिलों की तरफ से विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करवाई गई. राज्य के बिलासपुर, चम्बा, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और ऊना आदि सीमावर्ती जिलों की तरफ से 67 वाहनों में घरेलू गैस के 14515 सिलेंडर, 22 वाहनों में 214000 लीटर डीजल/पैट्रोल, 118 वाहनों में 19400 लीटर दूध, 459 वाहनों में 955 टन से अधिक किराने का सामान व सब्जियां, 89 वाहनों में विभिन्न जरूरी दवाइयां व सेनिटाइजर, 24 वाहनों में 95 टन से अधिक पशुओं का चारा लाया गया.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति का ध्यान रखा जा रहा है ताकि आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी न हो. कोविड-19 के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया दल के रूप में स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी संगठनों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सेवा प्रदान करने के इच्छुक स्वयंसेवक www.hpsdma.nic.in पर व http://bit.ly/3byNlgQ लिंक के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं और उसी प्रकार स्वैच्छिक संगठन स्वयं को www.hpiag.in पर पंजीकृत करवा सकते हैं.उन्होंने कहा कि आपदाओं के प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पंचायत स्तर पर प्रशिक्षित स्वयंसेवकों का डेटाबेस तैयार किया गया है, जो कोविड-19 के कारण उत्पन्न होने वाली वर्तमान स्वास्थ्य आपदा के दौरान उपयोग करने के लिए तैयार है.

यह डाटाबेस भविष्य में भी उपयोग के लिए उपलब्ध होगा. इसी तरह, आपातकालीन प्रतिक्रिया नेटवर्क का हिस्सा इन 51 स्वैच्छिक संगठनों की सेवाएं केवल एक कॉल पर उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण/जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के स्वयंसेवकों और जिन लोगों ने राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के साथ विशेष रूप से कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति के लिए पंजीकरण किया है.

यदि आवश्यक होगा तो उनकी सेवाओं का उपयोग आम जनता, विशेष रूप से दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर-द्वार पर आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने में स्थानीय प्रशासन की सहायता करने के लिए किया जा सकता है.इसके अलावा, इन स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी संगठनों की सेवाओं का उपयोग स्वच्छता उपायों सम्बन्धी जन जागरूकता, सामाजिक दूरी के उपायों को बढ़ावा देने और घर पर अलगाव, कानून व्यवस्था, सफाई सेवाओं, रोगियों के प्रबंधन और परिवहन में जिला प्रशासन की सहायता करने में किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय अपना रही है कि प्रवासी मजदूरों में दहशत न फैले और राज्य में सभी आपातकालीन संचालन केंद्रों के माध्यम से उन्हें दैनिक उपयोग की सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा सकें.

साथ ही कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय कर रही है कि प्रवासी मजदूर घबराए नहीं और राज्य सरकार उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करेगी. यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी प्रवासी या स्थानीय मजदूर भोजन और आश्रय के बिना नहीं रहे. स्थानीय प्रधानों और पंचायत सचिवों को भी इस बारे में निर्देश दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः COVID-19: JP नड्डा ने बिंदल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जाना प्रदेश का हाल

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