शिमला/देहरादून : कोरोना महामारी के चलते तीर्थ यात्री उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा नहीं कर पा रहे हैं. कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के प्रसिद्ध धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद ही यात्रा का संचालन पूरी तरह से बंद है. चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग परेशान हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस और मानसून के कारण चारधाम यात्रा पर 'ग्रहण' लगने वाला है.
उत्तराखंड की लाइफलाइन कही जाने वाली चारधाम यात्रा पर इस बार संशय बना हुआ है. कोरोना संकट के बीच सरकार 8 जून से चारधाम यात्रा शुरू करने का मन बना रही है. लेकिन तीर्थ-पुरोहित इसके पक्ष में नहीं है. ऐसे में अब इस सीजन चारधाम की यात्रा पर संकट के कई बादल मंडराते नजर आ रहे हैं.
कोरोना महामारी के बीच 26 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 15 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे. लेकिन इन सबके बीच अभी तक चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में अब राज्य सरकार केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर चारधाम यात्रा चलाने को लेकर गाइडलाइन तैयार करने में जुटी हुई है.
चारधाम यात्रा का समय बीत रहा
उत्तराखंड में चारधाम के कपाट खुलने के साथ ही प्रदेश में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है. गर्मियों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के साथ मानसून में यात्रियों की संख्या घटती जाती है. मानसून सीजन के बाद सितंबर, अक्टूबर महीने में एक बार फिर चारधाम की यात्रा थोड़ी रफ्तार जरूर पकड़ती है. लेकिन तब तक धामों के कपाट बंद होने का समय नजदीक आ जाता है. कोरोना संकट के बीच 8 जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोले जाने की तैयारी हो रही है.
पुरोहितों से बात कर शुरू होगी यात्रा
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक 8 जून से सभी धार्मिक स्थल खोल दिए जाएंगे. लेकिन चारधाम यात्रा को लेकर कोई भी निर्णय तीर्थ पुरोहितों से वार्ता करने के बाद ही लिया जाएगा. चारधाम यात्रा को लेकर अभी तीर्थ पुरोहित मानसिक तौर पर तैयार नहीं हैं. लिहाजा चारधाम यात्रा के संबंध में तीर्थ पुरोहितों से बातचीत कर ही निर्णय लिया जाएगा.
डिमरी पुजारी समुदाय के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि हर साल चारधाम यात्रा शुरू होने से कुछ महीने पहले से ही तैयारियां मुकम्मल हो जाती हैं. लेकिन इस सीजन पूरी सरकारी मशीनरी कोरोना वायरस से लड़ने में लगी हुई है. लिहाजा हम चारधाम यात्रा शुरू करने के विरोध में नहीं हैं.
हम चाहते हैं यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए सरकार अपनी तैयारियां पूरी कर ले. उत्तराखंड में मानसून सीजन आते ही यात्रियों की संख्या भी कम होने लगती है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या कोरोना ब्रेक के बाद चारधाम यात्रा अपनी रफ्तार पकड़ेगी या फिर इस बार कोरोना और मानसून के ग्रहण की वजह से फीकी रहेगी.
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