शिमला: केंद्रीय ट्रेड यूनियनस की विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी राजधानी शिमला में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का (Central trade union strike in Shimla) असर देखने को मिला. शिमला में सीटू व विभिन्न संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की रैली उपायुक्त कार्यालय शिमला से शुरू हुई और शेर-ए-पंजाब (नाद चौक) तक चली. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे.
सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंदर मेहरा ने कहा (CITU PROTEST IN HIMACHAL PRADESH) कि केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है जिसमें देश भर के करोड़ों लोग शामिल हुए. उन्होंने कहा कि यूनियन की मांग हैं कि श्रम कानूनों को खत्म करके जो चार श्रम कोड को लागू किया गया है उन्हें वापस लिया जाए. यह श्रमिकों के साथ अन्याय है. सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण किया जा रहा है. वहीं, लाखों कर्मियों को एनपीएस में धकेला जा रहा है. लाखों कर्मियों को ओपीएस में लाया जाना चाहिए. सरकार आउटसोर्स पर भर्ती कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है जिसे बंद किया जाना चाहिए.
बता दें कि श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का (Central trade union strike in Shimla) आज दूसरा दिन है. श्रमिक संगठन निजीकरण का विरोध करने के अलावा श्रम कानूनों में प्रस्तावित संशोधनों और राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन का विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा, उनकी मांगों में मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून) के लिये आवंटन बढ़ाने और ठेका कर्मचारियों को नियमित करना शामिल है.
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