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जानिए, हिमाचल में क्यों पीडब्ल्यूडी के ठेकेदारों की मिन्नतें कर रही सरकार, सीएम के दरबार में जाएगा मामला

हिमाचल प्रदेश में इस समय भारी हिमपात के कारण (Snowfall in Shimla) जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है. हिमपात के साथ ही एक और मुसीबत पैदा हो गई है. राज्य सरकार बर्फ साफ करने के लिए ठेकेदारों से मशीनरी लेती थी. इस समय ठेकेदारों की 350 करोड़ रुपए की राशि सरकार के पास फंसी हुई है. पांच महीने से उन्हें भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में शनिवार को हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज (Cabinet Minister Suresh Bhardwaj) ने ठेकेदारों के प्रतिनिधियों से बातचीत करके उन्हें आश्वस्त किया कि मसला सीएम जयराम ठाकुर के साथ उठाया जाएगा.

demands of the contractors in HP
फोटो.
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Published : Feb 5, 2022, 8:18 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस समय भारी हिमपात के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है. हिमपात के साथ ही एक और मुसीबत पैदा हो गई है. लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार अपनी मांगों के पूरा न होने से नाराज हैं. राज्य सरकार बर्फ साफ करने के लिए ठेकेदारों से मशीनरी लेती थी. इस समय ठेकेदारों की 350 करोड़ रुपए की राशि सरकार के पास फंसी हुई है. पांच महीने से उन्हें भुगतान नहीं हुआ है. वहीं, ठेकेदारों को खनन से जुड़े काम में फार्म एक्स आदि की दिक्कतों का मसला अदालत में है. ठेकेदार अपनी बकाया राशि के भुगतान की मांग कर रहे हैं. शनिवार को हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ठेकेदारों के प्रतिनिधियों से बातचीत करके उन्हें आश्वस्त किया कि मसला सीएम जयराम ठाकुर के साथ उठाया जाएगा.

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ठेकेदारों से आग्रह किया (Snowfall in Shimla) कि वे हिमपात के दौरान सहयोग करें व विकास कार्यों को भी जारी रखें. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों की मांगों के संबंध में उन्होंने अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की है. हिमाचल प्रदेश ठेकेदार कल्याण संघ को मंत्री ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) के समक्ष उनकी समस्याओं को रखा (demands of the contractors in HP) जाएगा और शीघ्र ही हल निकाला जाएगा. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी ठेकेदारों की मांगों का समर्थन किया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार के पास मशीनरी की कमी है और ठेकेदारों की मदद से हिमपात के दौरान सड़कें बहाल की जाती हैं.

पिछले सीजन में ठेकेदारों को दिए थे 12 करोड़: हिमपात के दौरान सरकार ने सड़कों को बहाल करने और बर्फ हटाने के लिए ठेकेदारों को पिछले विंटर सीजन में 12 करोड़ रुपए की राशि दी थी. तब सरकार ने कहा था कि अब हिमपात के दौरान बर्फ हटाने का काम खुद सरकार करेगी. इसके लिए मशीनरी खरीदी गई. राज्य सरकार ने 79 मशीनें खरीदीं, लेकिन इस दफा भारी बर्फबारी के कारण ये पर्याप्त नहीं हैं.

पिछले सीजन में शिमला जोन की सड़कों से बर्फ हटाने के लिए 5.68 करोड़ रुपए, कांगड़ा जोन में 4.23 करोड़, मंडी जोन में 1.61 करोड़ रुपए, सहित शिमला नगर निगम एरिया की सड़कों पर 0.16 करोड़ रुपए खर्च हुए. कुछ रकम नेशनल हाईवे पर खर्च की गई. फिलहाल, ठेकेदारों की समस्याओं का हल न होने पर दुर्गम इलाकों की सड़कें बहाल करने में दिक्कत आ रही है. हिमाचल में अभी भी सात सौ के करीब सड़कें व अन्य संपर्क मार्ग बाधित हैं.

ये भी पढ़ें- ये हैं देश-दुनिया के सबसे ऊंचे स्टैच्यू, हिमाचल में भी हैं दो प्रतिमाएं

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस समय भारी हिमपात के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है. हिमपात के साथ ही एक और मुसीबत पैदा हो गई है. लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार अपनी मांगों के पूरा न होने से नाराज हैं. राज्य सरकार बर्फ साफ करने के लिए ठेकेदारों से मशीनरी लेती थी. इस समय ठेकेदारों की 350 करोड़ रुपए की राशि सरकार के पास फंसी हुई है. पांच महीने से उन्हें भुगतान नहीं हुआ है. वहीं, ठेकेदारों को खनन से जुड़े काम में फार्म एक्स आदि की दिक्कतों का मसला अदालत में है. ठेकेदार अपनी बकाया राशि के भुगतान की मांग कर रहे हैं. शनिवार को हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ठेकेदारों के प्रतिनिधियों से बातचीत करके उन्हें आश्वस्त किया कि मसला सीएम जयराम ठाकुर के साथ उठाया जाएगा.

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ठेकेदारों से आग्रह किया (Snowfall in Shimla) कि वे हिमपात के दौरान सहयोग करें व विकास कार्यों को भी जारी रखें. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों की मांगों के संबंध में उन्होंने अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की है. हिमाचल प्रदेश ठेकेदार कल्याण संघ को मंत्री ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) के समक्ष उनकी समस्याओं को रखा (demands of the contractors in HP) जाएगा और शीघ्र ही हल निकाला जाएगा. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी ठेकेदारों की मांगों का समर्थन किया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार के पास मशीनरी की कमी है और ठेकेदारों की मदद से हिमपात के दौरान सड़कें बहाल की जाती हैं.

पिछले सीजन में ठेकेदारों को दिए थे 12 करोड़: हिमपात के दौरान सरकार ने सड़कों को बहाल करने और बर्फ हटाने के लिए ठेकेदारों को पिछले विंटर सीजन में 12 करोड़ रुपए की राशि दी थी. तब सरकार ने कहा था कि अब हिमपात के दौरान बर्फ हटाने का काम खुद सरकार करेगी. इसके लिए मशीनरी खरीदी गई. राज्य सरकार ने 79 मशीनें खरीदीं, लेकिन इस दफा भारी बर्फबारी के कारण ये पर्याप्त नहीं हैं.

पिछले सीजन में शिमला जोन की सड़कों से बर्फ हटाने के लिए 5.68 करोड़ रुपए, कांगड़ा जोन में 4.23 करोड़, मंडी जोन में 1.61 करोड़ रुपए, सहित शिमला नगर निगम एरिया की सड़कों पर 0.16 करोड़ रुपए खर्च हुए. कुछ रकम नेशनल हाईवे पर खर्च की गई. फिलहाल, ठेकेदारों की समस्याओं का हल न होने पर दुर्गम इलाकों की सड़कें बहाल करने में दिक्कत आ रही है. हिमाचल में अभी भी सात सौ के करीब सड़कें व अन्य संपर्क मार्ग बाधित हैं.

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