शिमला: राजधानी शिमला में साहित्य उत्सव चल रहा (Literature Festival in Shimla 2022) है. जिसमें शनिवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिरकत की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ज्ञान, विज्ञान और प्रज्ञा यह भारत की परंपरा रही है और यही पहचान रही है. जब भी हम इससे से दूर गए है पतन हुआ (Arif Mohammad Khan in shimla) है. उन्होंने कहा कि पतन के टाइम में हम इस से दूर रहें. उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान को खोना नहीं है.
आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि साहित्यकार और ऋषि मुनि ने ही समाज को नई दिशा दी है. राजा महाराजा और आर्मी के बड़े चीफ ने कभी समाज को दिशा नहीं दी. साहित्यकार और ऋषि मुनि ही समाज में नई दिशा दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे साहित्यिक आयोजन से लोगों में चेतना जागृत की जा सकती है जिससे समाज को एक सूत्र में बांधा जा सके और नई दिशा दी जा सके. आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि 75 साल पहले भारत का बटवारा हुआ जो एक सांप्रदायिक राजनीति थी और अभी तक उसके प्रभाव पड़ रहे हैं. हमें समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए प्रयास करना चाहिए और समाज को नई दिशा दे कर एक सूत्र में बांध सकते हैं.
उन्होंने कहा कि विचारों की अभिव्यक्ति पर कभी प्रतिबंध नहीं लगा है. साहित्य स्वतंत्र है उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है. उस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि साहित्य संगम से पुनर चेतना आम आदमी तक पहुंचाई जा सकती (Arif Mohammad Khan in Literature Festival) है. जिससे वह नफरत की भावना खत्म कर एकता बनाने में सफल रह सकते हैं. उनका कहना था कि भारतीय सभ्यता की शुरुआत नारी शक्ति के साथ ही है. नारी शक्ति के पूजन से हमारी सभ्यता आगे बढ़ी है और प्राचीन से ही नारी शक्ति का महत्व रहा है. उनका कहना था कि भगवान कृष्ण में भी नारी शक्ति थी. बिना नारी शक्ति के वह आगे नहीं बढ़ सके थे.
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