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हिमाचल में सेब सीजन की शुरुआत में ही बढ़ी बागवानों की मुश्किलें, जानें क्यों शराब की पेटी में सेब लाने को मजबूर हुए बागवान

हिमाचल में सेब का सीजन शुरू (Apple season in himachal) हो गया है. प्रदेश में इस बार सेब की बंपर फसल है, लेकिन GST का स्लैब 6 से 12 फीसदी किया गया, जिसके बाद सेब की पैकिंग सामग्री की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गई है. ऐसे में बागवान शराब की पेटियों में सेब लाकर बेचने को मजबूर हो (Apples in wine boxes in Shimla) गए हैं. बागवान प्रदेश सरकार से कार्टन के दाम कम करने की सरकार से गुहार लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बागवानों की समस्या को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया है.

Apples in wine boxes in Shimla
शराब की पेटी में सेब लाने को मजबूर हुए बागवान.
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Published : Jul 7, 2022, 6:15 PM IST

Updated : Jul 7, 2022, 7:07 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत (Apple season in Himachal) के साथ ही बागवानों की समस्याएं बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. सेब की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पेटी और ट्रे दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है. बीते सीजन के मुकाबले सेब बागवानों को इस साल एक पेटी खरीदने के लिए 150 से 200 रुपये अतिरिक्त खर्चा करना पड़ रहा है. पहले कोरोना और फिर आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसानों के सामने एक और भयावह समस्या पैदा हो गई है.

केंद्र सरकार ने कार्टन पर पहले GST का स्लैब 6 से 12 फीसदी किया. इसके बाद इसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर किया गया. इससे सेब की पैकेजिंग सामग्री दोगुनी महंगी हो गई है. इस बार पेटी ओर ट्रे के दाम बढ़ने से लागत 150 से ज्यादा हो गई है. सेब की पैकिंग सामग्री महंगी होने की वजह से कई बागवान मंडियों में शराब की पेटी में सब कर लाने के लिए मजबूर (Apples in wine boxes in Shimla) हो गए हैं.

मंडी में शराब की पेटी में सेब लाने को मजबूर हुए बागवान. (वीडियो)

बीते दिन शिमला भट्टाकुफर मंडी में एक बागबान शराब की पेटी में सेव लेकर पहुंचा था, जिसे देख आढ़ती भी हैरान हो गए थे. बीते साल सेब की पेटी 58 रुपये तक मिल रही थी और अब दाम बढ़ने से 75 रुपये से भी अधिक मिल रही है. ऐसे में इस बार सेब पर लागत बढ़ने से बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई है.

Apples in wine boxes in Shimla
मंडी में शराब की पेटियों में पहुंच रहा सेब.

कैबिनेट मंत्री का बागवानों को आश्वासन: हिमाचल प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने भी मामला केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष उठाने की बात कही है. भारद्वाज ने बागवानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को जल्द सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार के ध्यान में है और जल्दी मुख्यमंत्री मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे सेब के कार्टून के दाम बढ़ने से भगवानों की निश्चित रूप से मुश्किलें बड़ है, लेकिन सरकार बागबानों को राहत देने का प्रयास जरूर करेगी.

Apples in wine boxes in Shimla
हिमाचल में सेब का सीजन में कार्टन के रेट बढ़ने से बागवान परेशान.

हिमाचल की आर्थिकी में सेब का बहुत बड़ा योगदान: बता दें कि हिमाचल की आर्थिकी में सेब का बहुत बड़ा योगदान है. काकड़, शिमला, कुल्लू और चंबा के कई क्षेत्रों में लोग इससे पर ही निर्भर रहते हैं. इस बार पहले ही ओलावृष्टि ने काफी कहर बरपाया है. वहीं, अब कार्टन के दाम बढ़ने से बागवानों की मुश्किलें और भी बढ़ रही हैं और अब बागवान प्रदेश सरकार से कार्टन के दाम कम करने की सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

शिमला में सबसे ज्यादा सेब का उत्पादन: वर्तमान में राज्य में 2.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी के (Horticulture sector in Himachal) अधीन है. पिछले चार वर्षों से प्रदेश में 31.40 लाख मीट्रिक टन फल उत्पादन हुआ है. हिमाचल के कुल सेब उत्पादन (Apple production in Himachal) का 80 फीसदी शिमला जिले में होता है. हिमाचल में सालाना तीन से चार करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. अब प्रदेश सरकार की योजना फल कारोबार को बढ़ाकर 6 हजार करोड़ करने का लक्ष्य है.

Apples in wine boxes in Shimla
शराब की पेटी में सेब लाने को मजबूर हुए बागवान.

12 लाख लोगों को सेब से रोजगार: हिमाचल प्रदेश में बागवानी क्षेत्र से 12 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है. राज्य में ढ़ाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की जा रही है. अब प्रदेश सरकार की योजना फल कारोबार को बढ़ाकर 6 हजार करोड़ करने का लक्ष्य है. प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में तो फल उत्पादन होता ही है. लेकिन अब प्रदेश सरकार का फोकस निचले इलाके इलाकों में भी किसानों का ध्यान पारंपरिक खेती से हटाकर बागवानी की तरफ लाना है. जिसके लिए विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

ये भी पढ़ें: Natural Farming of Apple: देश-दुनिया को सेहत बांट रहा हिमाचल का नेचुरल सेब, तमिलनाडु से गुजरात तक मची केमिकल फ्री एप्पल की धूम

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत (Apple season in Himachal) के साथ ही बागवानों की समस्याएं बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. सेब की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पेटी और ट्रे दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है. बीते सीजन के मुकाबले सेब बागवानों को इस साल एक पेटी खरीदने के लिए 150 से 200 रुपये अतिरिक्त खर्चा करना पड़ रहा है. पहले कोरोना और फिर आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसानों के सामने एक और भयावह समस्या पैदा हो गई है.

केंद्र सरकार ने कार्टन पर पहले GST का स्लैब 6 से 12 फीसदी किया. इसके बाद इसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर किया गया. इससे सेब की पैकेजिंग सामग्री दोगुनी महंगी हो गई है. इस बार पेटी ओर ट्रे के दाम बढ़ने से लागत 150 से ज्यादा हो गई है. सेब की पैकिंग सामग्री महंगी होने की वजह से कई बागवान मंडियों में शराब की पेटी में सब कर लाने के लिए मजबूर (Apples in wine boxes in Shimla) हो गए हैं.

मंडी में शराब की पेटी में सेब लाने को मजबूर हुए बागवान. (वीडियो)

बीते दिन शिमला भट्टाकुफर मंडी में एक बागबान शराब की पेटी में सेव लेकर पहुंचा था, जिसे देख आढ़ती भी हैरान हो गए थे. बीते साल सेब की पेटी 58 रुपये तक मिल रही थी और अब दाम बढ़ने से 75 रुपये से भी अधिक मिल रही है. ऐसे में इस बार सेब पर लागत बढ़ने से बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई है.

Apples in wine boxes in Shimla
मंडी में शराब की पेटियों में पहुंच रहा सेब.

कैबिनेट मंत्री का बागवानों को आश्वासन: हिमाचल प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने भी मामला केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष उठाने की बात कही है. भारद्वाज ने बागवानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को जल्द सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार के ध्यान में है और जल्दी मुख्यमंत्री मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे सेब के कार्टून के दाम बढ़ने से भगवानों की निश्चित रूप से मुश्किलें बड़ है, लेकिन सरकार बागबानों को राहत देने का प्रयास जरूर करेगी.

Apples in wine boxes in Shimla
हिमाचल में सेब का सीजन में कार्टन के रेट बढ़ने से बागवान परेशान.

हिमाचल की आर्थिकी में सेब का बहुत बड़ा योगदान: बता दें कि हिमाचल की आर्थिकी में सेब का बहुत बड़ा योगदान है. काकड़, शिमला, कुल्लू और चंबा के कई क्षेत्रों में लोग इससे पर ही निर्भर रहते हैं. इस बार पहले ही ओलावृष्टि ने काफी कहर बरपाया है. वहीं, अब कार्टन के दाम बढ़ने से बागवानों की मुश्किलें और भी बढ़ रही हैं और अब बागवान प्रदेश सरकार से कार्टन के दाम कम करने की सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

शिमला में सबसे ज्यादा सेब का उत्पादन: वर्तमान में राज्य में 2.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी के (Horticulture sector in Himachal) अधीन है. पिछले चार वर्षों से प्रदेश में 31.40 लाख मीट्रिक टन फल उत्पादन हुआ है. हिमाचल के कुल सेब उत्पादन (Apple production in Himachal) का 80 फीसदी शिमला जिले में होता है. हिमाचल में सालाना तीन से चार करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. अब प्रदेश सरकार की योजना फल कारोबार को बढ़ाकर 6 हजार करोड़ करने का लक्ष्य है.

Apples in wine boxes in Shimla
शराब की पेटी में सेब लाने को मजबूर हुए बागवान.

12 लाख लोगों को सेब से रोजगार: हिमाचल प्रदेश में बागवानी क्षेत्र से 12 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है. राज्य में ढ़ाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की जा रही है. अब प्रदेश सरकार की योजना फल कारोबार को बढ़ाकर 6 हजार करोड़ करने का लक्ष्य है. प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में तो फल उत्पादन होता ही है. लेकिन अब प्रदेश सरकार का फोकस निचले इलाके इलाकों में भी किसानों का ध्यान पारंपरिक खेती से हटाकर बागवानी की तरफ लाना है. जिसके लिए विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

ये भी पढ़ें: Natural Farming of Apple: देश-दुनिया को सेहत बांट रहा हिमाचल का नेचुरल सेब, तमिलनाडु से गुजरात तक मची केमिकल फ्री एप्पल की धूम

Last Updated : Jul 7, 2022, 7:07 PM IST
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