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गेयटी थियेटर में दो साल बाद गूंजी कलाकारों की आवाज, पुरुष नाटक का मंचन

कोरोना के चलते गेयटी थियेटर में दो साल बाद कलाकारों की आवाज गूंजी. अनुकृति फेस्टिवल (Anukriti Festival) के पहले दिन गेयटी थियेटर (Gaiety Theater) में पुरुष नाटक का आयोजन हुआ.

Anukriti Festival in Gaiety Theatre
गेयटी थियेटर में अनुकृति फेस्टिवल.
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Published : Nov 18, 2021, 8:14 PM IST

शिमला: भाषा एवं संस्कृति विभाग (Language and Culture Department) व रंग-मंडल कानपुर (Rang Mandal Kanpur) की ओर से गेयटी थियेटर (Gaiety Theater) में अनुकृति फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में चार नाटकों का मंचन किया जाएगा. कोरोना के चलते लगभग दो साल के बाद गेयटी थियेटर में कलाकारों की आवाज गुंजी.

पहले दिन पुरूष नाटक का मंचन किया गया. इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के पूर्व निदेशक श्रीनिवास जोशी ने मुख्यातिथि के रूप शिरकत की. वहीं, लेखक सुदर्शन वशिष्ठ और भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक पंकज ललित विशिष्ठ अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई. पुरुष नाटक का निर्देशन (Directing the play) निशा वर्मा ने किया है.

वीडियो.

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पुरुष नाटक में बताया गया कि वर्तमान समय में महिलाओं, लड़कियों, बहु-बेटियों पर किस तरह से अत्याचार किया जा रहा है. कुछ लोग महिलाओं-बेटियों को बुरी नजर से देखते हैं. अनुकृति रंगमंडल के सचिव (Secretary of Anukriti Theater) डॉ. ओमेंद्र कुमार ने बताया कि मराठी के प्रसिद्ध लेखक जयवंत दलवी (Famous Marathi writer Jaywant Dalvi) के इस नाटक का प्रथम मंचन विजया मेहता के निर्देशन में 22 सितंबर 1982 को शिवाजी मंदिर मुंबई में हुआ था. उन्होंने कहा कि यह नाटक मराठी भाषा में था इसका हिन्दी में रूपांतर किया गया है.

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शिमला: भाषा एवं संस्कृति विभाग (Language and Culture Department) व रंग-मंडल कानपुर (Rang Mandal Kanpur) की ओर से गेयटी थियेटर (Gaiety Theater) में अनुकृति फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में चार नाटकों का मंचन किया जाएगा. कोरोना के चलते लगभग दो साल के बाद गेयटी थियेटर में कलाकारों की आवाज गुंजी.

पहले दिन पुरूष नाटक का मंचन किया गया. इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के पूर्व निदेशक श्रीनिवास जोशी ने मुख्यातिथि के रूप शिरकत की. वहीं, लेखक सुदर्शन वशिष्ठ और भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक पंकज ललित विशिष्ठ अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई. पुरुष नाटक का निर्देशन (Directing the play) निशा वर्मा ने किया है.

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पुरुष नाटक में बताया गया कि वर्तमान समय में महिलाओं, लड़कियों, बहु-बेटियों पर किस तरह से अत्याचार किया जा रहा है. कुछ लोग महिलाओं-बेटियों को बुरी नजर से देखते हैं. अनुकृति रंगमंडल के सचिव (Secretary of Anukriti Theater) डॉ. ओमेंद्र कुमार ने बताया कि मराठी के प्रसिद्ध लेखक जयवंत दलवी (Famous Marathi writer Jaywant Dalvi) के इस नाटक का प्रथम मंचन विजया मेहता के निर्देशन में 22 सितंबर 1982 को शिवाजी मंदिर मुंबई में हुआ था. उन्होंने कहा कि यह नाटक मराठी भाषा में था इसका हिन्दी में रूपांतर किया गया है.

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