शिमला: हिमाचल प्रदेश पुलिस की अब अपनी एंटी ड्रग टास्क फोर्स होगी. इसके बनने का रास्ता साफ हो गया है. गठन प्रक्रिया के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार है. एंटी ड्रग टास्क फोर्स का हेड क्वार्टर शिमला होगा. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने इसकी घोषणा की थी. शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए एडीजीपी सीआईडी सत्येंद्र पाल सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए नशा एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
सीएम के आदेश के बाद हम नशे की रोकथाम के लिए (Anti drug task force will be formed in Himachal) एक एंटी ड्रग टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं. इसका हेड क्वार्टर शिमला में होगा. इसके अलावा इंटर स्टेट का एक हेड ऑफिस पंचकूला में स्थापित किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अब पेडलर्स को पकड़कर मुकदमा चलाया जाएगा. इसके अलावा, हम लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की योजना बना रहे हैं, ताकि लोग नशे का सेवन करने से बचें. इस संबंध में स्कूल और कॉलेजों में अवेयरनेस कैंप शुरू किए गए हैं. इसके अलावा पुलिस भी अपने स्तर पर इसमें मदद कर रही है. युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. नशा तस्कर को गिरफ्तार करने के साथ-साथ इससे जुड़े लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
पंजाब और दिल्ली से नशा आ रहा: एडीजीपी सीआईडी सत्येंद्र पाल सिंह ने कहा कि (Drug supply in Himachal) पंजाब और दिल्ली से अलग-अलग तरह का नशा आ रहा है. जहां पंजाब से हेरोइन और चिट्टा आ रहा है वहीं, दिल्ली से नशे की गोलियां और लिक्विड तरह के नशे की सप्लाई हो रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह के नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए पुलिस की टीम दिन रात मेहनत कर रही है.
हिमाचल में नहीं है महिलाओं के लिए नशा निवारण केंद्र: एसपी सिंह (ADGP CID Satyender Pal Singh) ने बताया कि हिमाचल में सरकारी व निजी 60 नशा निवारण केंद्र कार्य कर रहे हैं जो लोगों में नशा छुड़ाने का कार्य कर रहे हैं. लेकिन महिलाओं के लिए एक भी निशा निवारण केंद्र नहीं है. उनका कहना था कि महिलाएं भी नशे में संलिप्त पाई जा रही हैं और उनकी संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है ऐसे में यह और चिंता का विषय है.
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