ठियोग: शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग- 5 पर मौजूद सन्धु पंचायत में इन दिनों बेसहारा पशुओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. ये आवारा पशु राष्ट्रीय राजमार्ग के आस-पास चलते फिरते रहते है, इससे एक ओर जहां स्कूल जाने वले बच्चों को डर लगता है तो वहीं, दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है.
बेसहारा पशुओं की कई बार गाड़ी की चपेट में आने से मौत हो जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पशु सेब और अन्य फसलों को नष्ट कर देते हैं. लोग भी दिन भर इनकी जगाई करते मार पीटकर इधर से उधर भगाते रहते हैं. पशुओं की इस दुर्दशा से उन्हें भी दिक्कत होती है. लेकिन स्थानीय प्रशासन इसका कोई समाधान नहीं निकाल रही है.
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बेसहारा पशुओं से हो रही दिक्कत के बारे में जब सन्धु के पंचायत प्रधान सन्देश कश्यप से बात की तो उन्होंने कहा की पंचायत के पास इतना बजट नहीं होता कि इनका कोई स्थाई समाधान निकाला जा सके. लोगों की मदद से इन्हें पानी और घास दिया जाता है लेकिन ये समस्या पिछले कई सालों से चली आ रही है. ये पशु सड़क किनारे फसलों और यातायात को प्रभावित करते हैं.
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आपको बता दें कि ठियोग से नारकंडा के बीच मे सैकड़ों बेसहारा पशु लोगों की फसलों को तबाह कर रहे हैं और आये दिन सड़क हादसे में इन पशुओं की मौत हो जाती है, जिससे लोगों को बीमारी फैलने का भी डर लगा रहता है. लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार इन पशुओं को बसाने में अभी तक कोई उचित और ठोस कदम नहीं उठा पाया है.