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किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे बेसहारा पशु, लोगों ने सरकार से उठाई स्थाई समाधान की मांग

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Published : Jul 14, 2019, 12:35 PM IST

Updated : Jul 14, 2019, 3:52 PM IST

राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर मौजूद सन्धु पंचायत में बेसहारा पशु लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. ये पशु सड़क किनारे फसलों और यातायात को प्रभावित करते हैं.

Animals are wasting farmers' crops in sandhu panchayat

ठियोग: शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग- 5 पर मौजूद सन्धु पंचायत में इन दिनों बेसहारा पशुओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. ये आवारा पशु राष्ट्रीय राजमार्ग के आस-पास चलते फिरते रहते है, इससे एक ओर जहां स्कूल जाने वले बच्चों को डर लगता है तो वहीं, दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है.

बेसहारा पशुओं की कई बार गाड़ी की चपेट में आने से मौत हो जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पशु सेब और अन्य फसलों को नष्ट कर देते हैं. लोग भी दिन भर इनकी जगाई करते मार पीटकर इधर से उधर भगाते रहते हैं. पशुओं की इस दुर्दशा से उन्हें भी दिक्कत होती है. लेकिन स्थानीय प्रशासन इसका कोई समाधान नहीं निकाल रही है.

वीडियो.

ये भी पढ़ें: रहस्य: प्रलय के बाद जिस ऋषि ने किया सृष्टि का निर्माण उसके नाम पर बसा है पर्यटन नगर मनाली

बेसहारा पशुओं से हो रही दिक्कत के बारे में जब सन्धु के पंचायत प्रधान सन्देश कश्यप से बात की तो उन्होंने कहा की पंचायत के पास इतना बजट नहीं होता कि इनका कोई स्थाई समाधान निकाला जा सके. लोगों की मदद से इन्हें पानी और घास दिया जाता है लेकिन ये समस्या पिछले कई सालों से चली आ रही है. ये पशु सड़क किनारे फसलों और यातायात को प्रभावित करते हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचली कला को मिलेगी नई पहचान, स्टोल-स्कार्फ पर उकेरी जाएंगी पांडुलिपियां

आपको बता दें कि ठियोग से नारकंडा के बीच मे सैकड़ों बेसहारा पशु लोगों की फसलों को तबाह कर रहे हैं और आये दिन सड़क हादसे में इन पशुओं की मौत हो जाती है, जिससे लोगों को बीमारी फैलने का भी डर लगा रहता है. लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार इन पशुओं को बसाने में अभी तक कोई उचित और ठोस कदम नहीं उठा पाया है.

ठियोग: शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग- 5 पर मौजूद सन्धु पंचायत में इन दिनों बेसहारा पशुओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. ये आवारा पशु राष्ट्रीय राजमार्ग के आस-पास चलते फिरते रहते है, इससे एक ओर जहां स्कूल जाने वले बच्चों को डर लगता है तो वहीं, दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है.

बेसहारा पशुओं की कई बार गाड़ी की चपेट में आने से मौत हो जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पशु सेब और अन्य फसलों को नष्ट कर देते हैं. लोग भी दिन भर इनकी जगाई करते मार पीटकर इधर से उधर भगाते रहते हैं. पशुओं की इस दुर्दशा से उन्हें भी दिक्कत होती है. लेकिन स्थानीय प्रशासन इसका कोई समाधान नहीं निकाल रही है.

वीडियो.

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बेसहारा पशुओं से हो रही दिक्कत के बारे में जब सन्धु के पंचायत प्रधान सन्देश कश्यप से बात की तो उन्होंने कहा की पंचायत के पास इतना बजट नहीं होता कि इनका कोई स्थाई समाधान निकाला जा सके. लोगों की मदद से इन्हें पानी और घास दिया जाता है लेकिन ये समस्या पिछले कई सालों से चली आ रही है. ये पशु सड़क किनारे फसलों और यातायात को प्रभावित करते हैं.

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आपको बता दें कि ठियोग से नारकंडा के बीच मे सैकड़ों बेसहारा पशु लोगों की फसलों को तबाह कर रहे हैं और आये दिन सड़क हादसे में इन पशुओं की मौत हो जाती है, जिससे लोगों को बीमारी फैलने का भी डर लगा रहता है. लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार इन पशुओं को बसाने में अभी तक कोई उचित और ठोस कदम नहीं उठा पाया है.

Intro:राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर आवारा पशु फसलो को कर रहे है नष्ट।सड़क हादसों में कई पशुओं की हो जाती है मौत।लोगों ने सरकार से उठाई स्थाई समाधान की मांग।Body:
ठियोग से 12 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर स्थित सन्धु में इन दिनों आवारा पशुओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। ये आवारा पशु दिन को राष्ट्रीय राजमार्ग के पास चलते फिरते रहते है।इससे एक ओर जंहा स्कूल जाने वाले बच्चों को डर लगा रहता है वन्ही सड़क के आस पास यातायात पूरी तरह प्रभावित रहता है। कई बार तो गाड़ी की चपेट में आने से इनकी मौत हो जाती है।और ये सड़को पर ही सड़ जाते है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पशु सेब ओर अन्य फसलों को नष्ट कर देते है। और लोग भी दिन भर इनकी जगाई करते मारते पीटते इधर से उधर हांकते रहते है। पशुओं की इस दुर्दशा से उन्हें भी दिक्कत होती है।लेकिन सरकार इनके बारे में कोई समाधान नहीं करती।

बाईट,,, स्थानीय लोग

आवारा पशुओं से हो रही दिक्कत के बारे में जब हमने सन्धु के पंचायत प्रधान से बात की तो उन्होंने कहा की पंचायत के पास इतना बजट नही होता कि इनका कोई स्थाई समाधान निकाला जा सके।उन्होंने कहा कि लोगों की मदद से इन्हें पानी और घास दिया जाता है लेकिन ये समस्या पिछले कई सालों से चली आ रही है ये पशु सड़क किनारे फसलो ओर यातायात को प्रभावित करते है जिसके लिए उन्होंने सरकार से मदद की मांग की है।

बाईट,,, सन्देश कश्यप
प्रधान सन्धु पंचायतConclusion:
आपको बता दे कि ठियोग से नारकंडा के बीच मे सैंकड़ो आवारा पशु लोगों की फसलों को तबाह कर रहे है। और आये दिन सड़क हादसे में इन पशुओं की मौत हो जाती है जिससे लोगों को बीमारी फैलने का भी डर लगा रहता है।लेकिन सरकार इन पशुओं को बसाने में अभी तक कोई उचित ओर ठोस कदम नही उठा पाई है।
Last Updated : Jul 14, 2019, 3:52 PM IST
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