शिमला: गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में हलचल मच गई है. देशभर में पार्टी के आला नेता इसे बड़ा झटका बता रहे हैं, तो कई नेताओं ने गुलाम नबी के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस पर ही निशाना साधा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी कहा है कि इस स्थिति को टाला जा सकता (Anand Sharma on Ghulam Nabi Azad resignation) था. इस साल होने वाले हिमाचल विधानसभा चुनाव को देखते हुए हिमाचल कांग्रेस पर भी आनंद शर्मा ने बड़ी चेतावनी दी है.
गुलाम नबी आजाद आहत थे- गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर आनंद शर्मा ने कहा कि वो जिस पार्टी के साथ करीब 50 साल का रिश्ता था, अगर वो इस्तीफा देने की स्थिति में पहुंच गए तो ये बताता है कि वो बहुत आहत थे. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा देना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन ये स्थिति नहीं आनी चाहिए थी और इससे बिल्कुल बचा जा सकता था. समय-समय पर पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस संगठन को मजबूत करने को लेकर अपनी बातें रखी हैं, जिस पर मंथन भी हुआ है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि गुलाम नबी आजाद को इस्तीफा देना पड़ा, ये पार्टी को देखना होगा.
कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है- आनंद शर्मा ने कहा कि हम लगातार कहते रहे हैं कि पार्टी को आत्मचिंतन करने की जरूरत है और ये ब्लॉक लेवल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक होना चाहिए. पार्टी का हर फैसला एक पार्टी के आम नेता और कार्यकर्ता की आवाज होना चाहिए. हमने हमेशा सामूहिक सोच और सामूहिक निर्णय की बात रखी है.
आनंद शर्मा की चेतावनी- आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस लगातार कमजोर हो (Congress is gradually weakening) रही है, जो कि देश कि लिए अच्छी बात नहीं है. साल 2014 से अब तक लोकसभा और विधानसभा चुनावों में यही हुआ है. हिमाचल में भी इस साल चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस नेताओं को एकजुट रहना चाहिए. आपस में राय मशवरा करके चीजों को सुधारना (Anand Sharma on Himachal Congress) चाहिए.
आनंद शर्मा ने भी दिया था इस्तीफा- दरअसल शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad resignation) ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दिया. आजाद ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है. जानकारी के मुताबिक आजाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सानियर नेताओं को लगातार साइडलाइन किया जा रहा है. उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में लिखा कि बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है. आजाद ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए. गौरतलब है कि बीते रविवार 21 अगस्त को आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. बताया जा रहा है कि संगठन में उनकी अनदेखी हो रही थी. चुनाव को लेकर हो रही बैठकों में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा (Anand Sharma on Congress) था.
हिमाचल में कांग्रेस की मुश्किल- हिमाचल में कांग्रेस की अंदरूनी कलह वक्त-वक्त पर जगजाहिर होती रही है. वैसे कांग्रेस का लगभग हर राज्य में यही हाल है, पार्टी कई धड़ों में बंटी रहती है. जिसका पार्टी को वक्त-वक्त पर खामियाजा भी भुगतना पड़ा है. आनंद शर्मा के संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से पहले कांग्रेस के दो मौजूदा विधायक पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी नेताओं के मुताबिक कुछ और विधायक कांग्रेस छोड़ सकते हैं. इसलिये अगर ऐसा हो रहा है तो ये धड़ों में बंटी हुई कांग्रेस इसकी सबसे बड़ी वजह है. कांग्रेस छोड़ने वाले नेता पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाते है. ऐसे में आगामी चुनावों को देखते हुए आनंद शर्मा ने चेतावनी दी है कि एकजुट हो जाओ वरना इसका खामियाजा हिमाचल में भी भुगतना पड़ (Anand Sharma on Himachal Election 2022) सकता है.