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आफत बने तहबाजारी! सड़क पर जगह न होने से लोअर बाजार में फंसी एंबुलेंस, बड़ी मुश्किल से अस्पताल पहुंचा मरीज

शहर में तहबाजारी अब लोगों के लिए बड़ी आफत बनते जा रहे हैं. मंगलवार को लोअर बाजार में मरीज को लेकर अस्पताल जा रही एक एंबुलेंस बीच बाजार में फंस (Ambulance stuck in Lower Bazar Shimla) गई. बाजार में तहबाजारी और दुकानदारों द्वारा सामान बाहर सड़क पर लगाए जाने की वजह से एंबुलेंस काफी देर तक एक ही जगह पर फंसी रही. करीब 20 मिनट बाद एंबुलेंस को वहां से निकाला जा सका और मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया. पढ़ें पूरी खबर..

लोअर बाजार में फंसी एंबुलेंस.
लोअर बाजार में फंसी एंबुलेंस.
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Published : Jul 20, 2022, 1:24 PM IST

शिमला: शहर के लोअर बाजार में मंगलवार को मरीज को लेकर अस्पताल जा रही एक एंबुलेंस बीच बाजार में फंस (Ambulance stuck in Lower Bazar Shimla) गई. बाजार में दुकानदारों द्वारा सामान बाहर सड़क पर लगाए जाने की वजह से एंबुलेंस काफी देर तक एक ही जगह पर फंसी रही. करीब 20 मिनट तक एंबुलेंस वहीं फंसी रही. जिसे मौके पर मौजूद लोगों की मदद से काफी देर बाद बजार से बाहर निकाला गया. एंबुलेंस शेरे पंजाब से लोअर बाजार की तरफ जा रही थी. वहीं साथ में सड़क पर सामान बेच रहे तहबाजारियों की वजह से एंबुलेंस वहां से नहीं निकल पाई.

सड़क के किनारे बनी दुकानों में भी दुकानदारों ने सामान बाहर लगा रखा था. जिस वजह से सड़क पर जगह न होने की वजह से एंबुलेंस एक ही जगह पर काफी देर तक फंसी रही. बाद में लोगों ने सामान हटवाकर बड़ी मुश्किल से एंबुलेंस को वहां से निकाला. जिसके बाद उसमें बैठी महिला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. अगर समय पर महिला को अस्पताल न पहुंचाया जाता, को कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी. हालांकि महिला की हालत में अभी सुधार है.

लोअर बाजार में फंसी एंबुलेंस.

बता दें कि प्रशासन के आदेशों के अनुसार दुकानों के बाहर सामान रखने की साफ मनाही है. लेकिन फिर भी ग्राहकों को लुभाने के लिए दुकानदारों द्वारा रोजाना दुकान के बाहर सामान सजाया जाता है. नगर निगम द्वारा कई बार बाजारों का निरीक्षण भी किया जाता है और दोषी दुकानदारों पर जुर्माना लगाया (MC Shimla action on street vendors) जाता है. लेकिन अधिकारियों के निरीक्षण के बाद भी दुकानदार दुकानों के बाहर समान सजा देते हैं. जिसके चलते यहां से गाड़ियों का गुजरना मुश्किल हो जाता है.

हालांकि अग्निशमन विभाग यहां समय-समय पर मॉक ड्रिल करता रहता है, लेकिन उस समय तहबाजारी सामान अंदर समेट लेते हैं और जैसे ही मॉक ड्रिल पूरी होती है, वे यहां दोबारा अपना सामान सजा देते हैं. इससे नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं. जब निगम ने सामान बाहर रखने से स्खत मनाही की है, तो फिर क्यों दुकानदार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. निगम के चालान काटने के बाद भी तहबाजारी और दुकानदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और बेखौफ सड़कों पर ही अपना कारोबार कर रहे हैं.

शिमला: शहर के लोअर बाजार में मंगलवार को मरीज को लेकर अस्पताल जा रही एक एंबुलेंस बीच बाजार में फंस (Ambulance stuck in Lower Bazar Shimla) गई. बाजार में दुकानदारों द्वारा सामान बाहर सड़क पर लगाए जाने की वजह से एंबुलेंस काफी देर तक एक ही जगह पर फंसी रही. करीब 20 मिनट तक एंबुलेंस वहीं फंसी रही. जिसे मौके पर मौजूद लोगों की मदद से काफी देर बाद बजार से बाहर निकाला गया. एंबुलेंस शेरे पंजाब से लोअर बाजार की तरफ जा रही थी. वहीं साथ में सड़क पर सामान बेच रहे तहबाजारियों की वजह से एंबुलेंस वहां से नहीं निकल पाई.

सड़क के किनारे बनी दुकानों में भी दुकानदारों ने सामान बाहर लगा रखा था. जिस वजह से सड़क पर जगह न होने की वजह से एंबुलेंस एक ही जगह पर काफी देर तक फंसी रही. बाद में लोगों ने सामान हटवाकर बड़ी मुश्किल से एंबुलेंस को वहां से निकाला. जिसके बाद उसमें बैठी महिला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. अगर समय पर महिला को अस्पताल न पहुंचाया जाता, को कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी. हालांकि महिला की हालत में अभी सुधार है.

लोअर बाजार में फंसी एंबुलेंस.

बता दें कि प्रशासन के आदेशों के अनुसार दुकानों के बाहर सामान रखने की साफ मनाही है. लेकिन फिर भी ग्राहकों को लुभाने के लिए दुकानदारों द्वारा रोजाना दुकान के बाहर सामान सजाया जाता है. नगर निगम द्वारा कई बार बाजारों का निरीक्षण भी किया जाता है और दोषी दुकानदारों पर जुर्माना लगाया (MC Shimla action on street vendors) जाता है. लेकिन अधिकारियों के निरीक्षण के बाद भी दुकानदार दुकानों के बाहर समान सजा देते हैं. जिसके चलते यहां से गाड़ियों का गुजरना मुश्किल हो जाता है.

हालांकि अग्निशमन विभाग यहां समय-समय पर मॉक ड्रिल करता रहता है, लेकिन उस समय तहबाजारी सामान अंदर समेट लेते हैं और जैसे ही मॉक ड्रिल पूरी होती है, वे यहां दोबारा अपना सामान सजा देते हैं. इससे नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं. जब निगम ने सामान बाहर रखने से स्खत मनाही की है, तो फिर क्यों दुकानदार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. निगम के चालान काटने के बाद भी तहबाजारी और दुकानदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और बेखौफ सड़कों पर ही अपना कारोबार कर रहे हैं.

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