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फीस स्ट्रक्चर मामला: एक दर्जन स्कूलों पर लटकी तलवार, आचार संहिता के बाद हो सकती है कार्रवाई

शिक्षा विभाग को फीस स्ट्रक्चर की जानकारी न देने वाले करीब एक दर्जन स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है.

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Published : May 18, 2019, 1:09 PM IST

कॉन्सेप्ट इमेज.

सोलन: शिक्षा विभाग को फीस स्ट्रक्चर की जानकारी न देने वाले करीब एक दर्जन स्कूलों के खिलाफ चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा शिक्षा विभाग इन स्कूलों को ब्लैकलिस्ट भी कर सकता है.

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बता दें कि शिक्षा विभाग ने फीस स्ट्रक्चर न देने वाले 49 स्कूलों को डिफाल्टर लिस्ट में शामिल कर दिया था. विभाग की कार्रवाई से घबराए अधिकांश स्कूलों ने अपने फीस संबधित दस्तावेज जमा कर दिए थे, लेकिन करीब एक दर्जन स्कूलों ने अभी भी संबधित दस्तावेज जमा नहीं किए हैं.

वहीं, शिक्षा विभाग ने सोलन के 149 निजी स्कूलों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उनकी मान्यता को एक साल के लिए रिन्यू किया है, जबकि एक दर्जन स्कूलों की मान्यता पर अभी भी तलवार लटकी हुई है. निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग से मान्यता लेना अनिवार्य है, क्योंकि विभाग ने ही इन स्कूलों को एनओसी जारी करता है.

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गौर रहे कि निजी स्कूलों में भारी फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावकों ने आंदोलन किया था. जिसके बाद विभाग ने निजी स्कूलों को नोटिस भेजकर फीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा जमा करने के निर्देश दिए थे, जिसमें कुछ स्कूलों ने फीस संबधित दस्तावेज जमा कर दिए थे, कुछ ने नहीं किए थे.

सोलन: शिक्षा विभाग को फीस स्ट्रक्चर की जानकारी न देने वाले करीब एक दर्जन स्कूलों के खिलाफ चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा शिक्षा विभाग इन स्कूलों को ब्लैकलिस्ट भी कर सकता है.

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बता दें कि शिक्षा विभाग ने फीस स्ट्रक्चर न देने वाले 49 स्कूलों को डिफाल्टर लिस्ट में शामिल कर दिया था. विभाग की कार्रवाई से घबराए अधिकांश स्कूलों ने अपने फीस संबधित दस्तावेज जमा कर दिए थे, लेकिन करीब एक दर्जन स्कूलों ने अभी भी संबधित दस्तावेज जमा नहीं किए हैं.

वहीं, शिक्षा विभाग ने सोलन के 149 निजी स्कूलों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उनकी मान्यता को एक साल के लिए रिन्यू किया है, जबकि एक दर्जन स्कूलों की मान्यता पर अभी भी तलवार लटकी हुई है. निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग से मान्यता लेना अनिवार्य है, क्योंकि विभाग ने ही इन स्कूलों को एनओसी जारी करता है.

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गौर रहे कि निजी स्कूलों में भारी फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावकों ने आंदोलन किया था. जिसके बाद विभाग ने निजी स्कूलों को नोटिस भेजकर फीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा जमा करने के निर्देश दिए थे, जिसमें कुछ स्कूलों ने फीस संबधित दस्तावेज जमा कर दिए थे, कुछ ने नहीं किए थे.


---------- Forwarded message ---------
From: Ricky Yogesh <rickyyogesh000@gmail.com>
Date: Sat, May 18, 2019, 11:30 AM
Subject: एक दर्जन निजी स्कूलों की मान्यता पर लटकी तलवार
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


शिक्षा विभाग ने फीस स्ट्रक्चर की जानकारी न देने पर 49 स्कूलों को डिफाल्टर लिस्ट में शामिल कर दिया था लेकिन विभाग की कार्रवाई से घबराए अधिकांश स्कूलों ने अपने फीस सम्बन्धित दस्तावेज जमा कर दिए थे लेकिन करीब एक दर्जन स्कूलों ने अभी इसे जमा नहीं किया है,शिक्षा विभाग चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद उन सभी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जिन्होंने अभी तक रिकार्ड जमा नहीं किया है।

लोकेशन:-सोलन:-योगेश शर्मा

सोलन : शिक्षा विभाग ने जिला सोलन के 149 निजी स्कूलों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उनकी मान्यता को एक वर्ष के लिए रिन्यू किया है जबकि एक दर्जन स्कूलों की मान्यता पर अभी भी तलवार लटकी हुई है। इन स्कूलों ने अभी भी शिक्षा विभाग में फीस स्ट्रक्चर व मान्यता से जुड़े दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। शिक्षा विभाग ने फीस स्ट्रक्चर की जानकारी न देने पर 49 स्कूलों को डिफाल्टर लिस्ट में शामिल कर दिया था लेकिन विभाग की कार्रवाई से घबराए अधिकांश स्कूलों ने अपने फीस सम्बन्धित दस्तावेज जमा कर दिए थे लेकिन करीब एक दर्जन स्कूलों ने अभी इसे जमा नहीं किया है। शिक्षा विभाग इन स्कूलों को ब्लैकलिस्ट भी कर सकता है।



ध्यान रहे कि निजी स्कूलों में भारी फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावकों ने आंदोलन किए थे। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया। विभाग ने निजी स्कूलों को नोटिस भेजकर फीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा मांगा। शुरू में कई स्कूलों ने यह डिटेल देने में आनाकानी की लेकिन विभाग की सख्ती को देखते हुए स्कूलों ने यह जानकारी देना ही मुनासिब समझा। इसके बाद ही शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों की मान्यता का रिन्यू किया। निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग से मान्यता लेना अनिवार्य है क्योंकि विभाग ने ही इन स्कूलों को एन.ओ.सी. जारी की होती है। इस एन.ओ.सी. के आधार पर ही संबन्धित बोर्ड स्कूलों को मान्यता जारी करता है। यह सभी स्कूल शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद उन सभी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जिन्होंने अभी तक रिकार्ड जमा नहीं किया ।
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