शिमला: निजी स्कूलों की फीस को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कमेटियां गठित कर मामले को सुलझाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन अभिभावक मंच सरकार के इस फैसले से नाखुश है. बुधवार को अभिभावक मंच ने फिर शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन किया. अभिभावक मंच ने कैबिनेट के फैसले को भ्रामक बताया. जिसमें निजी स्कूलों की फीस संबंधी मामलों पर निगरानी रखकर नकेल कसने के लिए जिलाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है.
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
छात्र-अभिभावक मंच के संयोजक विजेन्दर मेहरा ने कहा कि सरकार अभिभावकों को गुमराह करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जिलाधीश की अध्यक्षता में कमेटी बनाना और उसमें डिप्टी डायरेक्टर को भी शामिल करना हास्यास्पद है क्योंकि इस तरह की कमेटियां पहले भी बनाई जा चुकी है. जिसका कोई हल नहीं निकला है. शिक्षा निदेशक पहले ही कह चुके हैं कि इसमे उनका कोई भूमिका नहीं है, जो भी करना है सरकार करेगी.
सरकार ने कमेटी बनाकर झाड़ा पल्ला
विजेन्दर मेहरा ने कहा कि सरकार ने कमेटी बनाकर अपना पल्ला झाड़ा है. सरकार को वास्तविकता का पता नहीं है इसलिए इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. भ्रामक बयानबाजी न करके निजी स्कूलों के द्वारा वसूले जा रहे सभी एक्स्ट्रा चार्जेज को निरस्त करना चाहिए.
केवल ट्यूशन फीस लेने की मांग
बता दें कि कोरोना काल मे निजी स्कूलों द्वारा सभी तरह के चार्ज वसूले जा रहे हैं, जिसके खिलाफ अभिभावक विरोध में उतरे आए हैं. छात्र-अभिभावक मंच सरकार से केवल टीयूशन फीस लेने की मांग कर रहे हैं.