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करोड़ों के घाटे में चल रहे सिविल सप्लाई के 69 डिपो जल्द होंगे बंद, विभाग ने लिया फैसला

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Published : Apr 6, 2021, 3:26 PM IST

प्रदेश में सिविल सप्लाई के 69 डिपुओं को बंद करने का फैसला लिया गया है. खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि घाटे में चल रहे सिविल सप्लाई के डिपुओं को बंद किया जाएगा, लेकिन इससे पहले लोगों को डिपो बंद होने के कारण परेशानी ना झेलनी पड़े इसके लिए भी सरकार उचित प्रबंध करेगी.

खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग
खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग

शिमलाः प्रदेश सरकार ने घाटे में चल रहे सिविल सप्लाई के 69 डिपुओं को बंद करने का फैसला लिया गया है. इन डिपुओं से विभाग को हर वर्ष करोड़ों का नुकसान हो रहा है. सिविल सप्लाई के डिपुओं में कर्मचारियों की सैलरी बहुत बड़ा बोझ है, जिसके कारण यह डिपो घाटे में चल रहे हैं. हालांकि, विभाग इन डिपुओं को बंद करने से पहले यहां के लोगों के लिए सस्ते राशन की खरीद के लिए उचित प्रबंध करने पर भी सोच रहा है.

लोगों के लिए पहले सरकार करेगी उचित प्रबंध

जानकारी देते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि घाटे में चल रहे सिविल सप्लाई के डिपुओं को बंद किया जाएगा, लेकिन इससे पहले लोगों को डिपो बंद होने के कारण परेशानी ना झेलनी पड़े इसके लिए भी सरकार उचित प्रबंध करेगी.

वीडियो रिपोर्ट.

सरप्लस कर्मचारियों को अन्य स्थानों पर करेगा एडजस्ट

इन क्षेत्रों में सोसायटी या अन्य माध्यमों से वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. उसके बाद ही डिपुओं को बंद किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि इन डिपुओं के बंद होने से सरप्लस कर्मचारियों को विभाग अन्य स्थानों पर एडजस्ट करेगा.

कमीशन के आधार पर चल रहे डिपो

सिविल सप्लाई के डिपुओं में कर्मचारियों की सैलरी काफी अधिक है, जिसके कारण यह डिपू घाटे में चल रहे हैं. मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिविल सप्लाई के अलावा भी सोसाइटी या फिर कमीशन के आधार पर डिपो चले हैं. जिनमें कार्मचारियों की सैलरी का अतिरिक्त बोझ सरकार पर नहीं पड़ता है.

किन डिपुओं को बंद करना है जल्द जारी होगी सूची

इसलिए सरकार ने इन डिपुओं को बंद करने का निर्णय लिया है. हालांकि, प्रदेश में किन डिपुओं को बंद करना है इसकी सूची भी विभाग जल्द ही जारी करेगा.

एक हजार की संख्या पर खोल सकते हैं नया डिपो

राजेंद्र गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए विभाग ने एक योजना बनाई है. पहले 1500 की आबादी पर एक डिपो खोला जा सकता था, लेकिन अब संशोधन कर विभाग ने एक हजार की जनसंख्या पर डिपो खोलने की अनुमति दे दी है.

डिपो में दालें बदलने पर भी विचार

इसके अलावा 2 किमी की दूरी पर नया डिपो खोला जा सकता है. खाद्य आपूर्ती मंत्री ने कहा कि अभी विभाग की तरफ से डिपुओं में चार दालें उपलब्ध करवाई जा रही हैं. जिनमें से लोगों को तीन दालें खरीदनी होती हैं. अब विभाग की तरफ से लोगों की इच्छा जानने के लिए एक सर्वे करवाया जा रहा है, जिसके बाद ही फैसला लिया जाएगा कि कौन सी दाल बदलनी होगी. यह जनता की इच्छा के अनुसार ही होगा.

जल्द बंद होगी बायोमीट्रिक व्यवस्था

खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बायोमीट्रिक या फिंगर स्कैनिंग व्यस्था से राशन देने की प्रणाली को बंद करने का फैसला ले लिया है. आने वाले दिनों में आंखों की स्कैनिंग करके सस्ता राशन दिया जाएगा, लेकिन अभी इस प्रक्रिया को लागू करने में कुछ समय लग सकता है.

फिंगर स्कैनिंग के बाद सैनिटाइजर सुविधा

उम्मीद लगाई जा रही है कि इस साल सितंबर महीने तक डिपुओं में आई स्कैन मशीनें लग जाएंगी. उसके बाद ही फिंगर स्कैनिंग प्रक्रिया बंद हो सकेगी. राजेंद्र गर्ग ने कहा कि सभी डिपो होल्डरों को विभाग की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि कोरोना काल में फिंगर स्कैनिंग के बाद सैनेटाइजर की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाए.

ये भी पढ़ेंः CM जयराम का दावा, चारों नगर निगम पर होगा BJP का कब्जा

शिमलाः प्रदेश सरकार ने घाटे में चल रहे सिविल सप्लाई के 69 डिपुओं को बंद करने का फैसला लिया गया है. इन डिपुओं से विभाग को हर वर्ष करोड़ों का नुकसान हो रहा है. सिविल सप्लाई के डिपुओं में कर्मचारियों की सैलरी बहुत बड़ा बोझ है, जिसके कारण यह डिपो घाटे में चल रहे हैं. हालांकि, विभाग इन डिपुओं को बंद करने से पहले यहां के लोगों के लिए सस्ते राशन की खरीद के लिए उचित प्रबंध करने पर भी सोच रहा है.

लोगों के लिए पहले सरकार करेगी उचित प्रबंध

जानकारी देते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि घाटे में चल रहे सिविल सप्लाई के डिपुओं को बंद किया जाएगा, लेकिन इससे पहले लोगों को डिपो बंद होने के कारण परेशानी ना झेलनी पड़े इसके लिए भी सरकार उचित प्रबंध करेगी.

वीडियो रिपोर्ट.

सरप्लस कर्मचारियों को अन्य स्थानों पर करेगा एडजस्ट

इन क्षेत्रों में सोसायटी या अन्य माध्यमों से वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. उसके बाद ही डिपुओं को बंद किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि इन डिपुओं के बंद होने से सरप्लस कर्मचारियों को विभाग अन्य स्थानों पर एडजस्ट करेगा.

कमीशन के आधार पर चल रहे डिपो

सिविल सप्लाई के डिपुओं में कर्मचारियों की सैलरी काफी अधिक है, जिसके कारण यह डिपू घाटे में चल रहे हैं. मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिविल सप्लाई के अलावा भी सोसाइटी या फिर कमीशन के आधार पर डिपो चले हैं. जिनमें कार्मचारियों की सैलरी का अतिरिक्त बोझ सरकार पर नहीं पड़ता है.

किन डिपुओं को बंद करना है जल्द जारी होगी सूची

इसलिए सरकार ने इन डिपुओं को बंद करने का निर्णय लिया है. हालांकि, प्रदेश में किन डिपुओं को बंद करना है इसकी सूची भी विभाग जल्द ही जारी करेगा.

एक हजार की संख्या पर खोल सकते हैं नया डिपो

राजेंद्र गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए विभाग ने एक योजना बनाई है. पहले 1500 की आबादी पर एक डिपो खोला जा सकता था, लेकिन अब संशोधन कर विभाग ने एक हजार की जनसंख्या पर डिपो खोलने की अनुमति दे दी है.

डिपो में दालें बदलने पर भी विचार

इसके अलावा 2 किमी की दूरी पर नया डिपो खोला जा सकता है. खाद्य आपूर्ती मंत्री ने कहा कि अभी विभाग की तरफ से डिपुओं में चार दालें उपलब्ध करवाई जा रही हैं. जिनमें से लोगों को तीन दालें खरीदनी होती हैं. अब विभाग की तरफ से लोगों की इच्छा जानने के लिए एक सर्वे करवाया जा रहा है, जिसके बाद ही फैसला लिया जाएगा कि कौन सी दाल बदलनी होगी. यह जनता की इच्छा के अनुसार ही होगा.

जल्द बंद होगी बायोमीट्रिक व्यवस्था

खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बायोमीट्रिक या फिंगर स्कैनिंग व्यस्था से राशन देने की प्रणाली को बंद करने का फैसला ले लिया है. आने वाले दिनों में आंखों की स्कैनिंग करके सस्ता राशन दिया जाएगा, लेकिन अभी इस प्रक्रिया को लागू करने में कुछ समय लग सकता है.

फिंगर स्कैनिंग के बाद सैनिटाइजर सुविधा

उम्मीद लगाई जा रही है कि इस साल सितंबर महीने तक डिपुओं में आई स्कैन मशीनें लग जाएंगी. उसके बाद ही फिंगर स्कैनिंग प्रक्रिया बंद हो सकेगी. राजेंद्र गर्ग ने कहा कि सभी डिपो होल्डरों को विभाग की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि कोरोना काल में फिंगर स्कैनिंग के बाद सैनेटाइजर की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाए.

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