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बरसात के जख्म: हिमाचल में 45 की मौत और 44 घायल, 47 करोड़ से अधिक का नुकसान

हिमाचल में मानसून प्रदेश को हार साल गहरे जख्म दे जाता है. इस मानसून सीजन की शुरुआत ही भारी तबाही से हुई है. सोमवार, 4 जुलाई कुल्लू में बस हादसे में 13 लोग (Kullu Bus Accident ) काल के गाल में समा गए. वहीं, इस सीजन में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि प्रदेश को 47 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है.

45 people died in the monsoon season in Himachal
हिमाचल में मानसून सीजन में 45 लोगों की मौत.
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Published : Jul 6, 2022, 8:20 PM IST

शिमला: बरसात अभी शुरू (monsoon season in himachal) हुई ही है, लेकिन हिमाचल को जान और माल का भारी नुकसान हो रहा है. हिमाचल में मानसून सीजन में 45 लोगों की मौत हो चुकी है. निजी व सार्वजनिक संपत्ति को 47 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. राज्य सरकार के राजस्व विभाग की पांच जुलाई तक की रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें ये नुकसान दर्ज हुआ है. इसी बीच, छह जुलाई यानी बुधवार को बरसात के कारण हुए भूस्खलन में शिमला में एक लड़की की मौत हो गई. कुल्लू में चार लोग (Cloud Burst in Kullu) बह गए. इनमें से एक महिला का शव मिल गया है.

इस तरह अगर छह जुलाई का आंकड़ा भी जोड़ लें तो कुल 47 लोगों की मौत हो चुकी है. हर साल हिमाचल प्रदेश में बरसात के सीजन में भारी तबाही होती है. कई अनमोल जीवन मौत के आगोश में चले जाते हैं. निजी व सार्वजनिक संपत्ति को अरबों रुपये का नुकसान होता है. सबसे अधिक तबाही सड़कों की होती है. इसके अलावा बर्फबारी में अलग से नुकसान झेलना पड़ता है.

इस मानसून सीजन की शुरुआत ही भारी तबाही से हुई है. सोमवार को कुल्लू में बस हादसे में 13 लोगों की मौत (Kullu Bus Accident ) हो गई. ये इस मानसून सीजन का पहला बड़ा हादसा है. सोमवार व मंगलवार को दो दिन में सांप के काटने से पांच लोगों की मौत हुई है. इसी तरह गिरने के कारण छह लोगों की मौत हुई. वहीं, बद्दी में डूबने से दो बच्चों की मौत भी हुई. भारी बारिश के कारण 17 पशुओं की भी मौत हुई है.

बरसात के इस सीजन में हिमाचल में निजी व सरकारी संपत्ति को 47 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को झेलना पड़ा है. सड़कों को 44.98 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है. जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में कोई नुकसान नहीं हुआ है.

राहत की बात है कि अभी लाहौल-स्पीति में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है. इसका कारण ये है कि स्पीति में भारी बारिश नहीं हुई है. कांगड़ा, किन्नौर व सिरमौर में भी बारिश (Rain in Himachal) के कारण सड़क दुर्घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में 2018 में बारिश के कारण डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था.

ये भी पढ़ें: Cloud Burst in Kullu: कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटा, 4 लोग लापता, कई घर पानी में बहे

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शिमला: बरसात अभी शुरू (monsoon season in himachal) हुई ही है, लेकिन हिमाचल को जान और माल का भारी नुकसान हो रहा है. हिमाचल में मानसून सीजन में 45 लोगों की मौत हो चुकी है. निजी व सार्वजनिक संपत्ति को 47 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. राज्य सरकार के राजस्व विभाग की पांच जुलाई तक की रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें ये नुकसान दर्ज हुआ है. इसी बीच, छह जुलाई यानी बुधवार को बरसात के कारण हुए भूस्खलन में शिमला में एक लड़की की मौत हो गई. कुल्लू में चार लोग (Cloud Burst in Kullu) बह गए. इनमें से एक महिला का शव मिल गया है.

इस तरह अगर छह जुलाई का आंकड़ा भी जोड़ लें तो कुल 47 लोगों की मौत हो चुकी है. हर साल हिमाचल प्रदेश में बरसात के सीजन में भारी तबाही होती है. कई अनमोल जीवन मौत के आगोश में चले जाते हैं. निजी व सार्वजनिक संपत्ति को अरबों रुपये का नुकसान होता है. सबसे अधिक तबाही सड़कों की होती है. इसके अलावा बर्फबारी में अलग से नुकसान झेलना पड़ता है.

इस मानसून सीजन की शुरुआत ही भारी तबाही से हुई है. सोमवार को कुल्लू में बस हादसे में 13 लोगों की मौत (Kullu Bus Accident ) हो गई. ये इस मानसून सीजन का पहला बड़ा हादसा है. सोमवार व मंगलवार को दो दिन में सांप के काटने से पांच लोगों की मौत हुई है. इसी तरह गिरने के कारण छह लोगों की मौत हुई. वहीं, बद्दी में डूबने से दो बच्चों की मौत भी हुई. भारी बारिश के कारण 17 पशुओं की भी मौत हुई है.

बरसात के इस सीजन में हिमाचल में निजी व सरकारी संपत्ति को 47 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को झेलना पड़ा है. सड़कों को 44.98 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है. जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में कोई नुकसान नहीं हुआ है.

राहत की बात है कि अभी लाहौल-स्पीति में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है. इसका कारण ये है कि स्पीति में भारी बारिश नहीं हुई है. कांगड़ा, किन्नौर व सिरमौर में भी बारिश (Rain in Himachal) के कारण सड़क दुर्घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में 2018 में बारिश के कारण डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था.

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