शिमला: आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के दो मामले सामने आए हैं. अस्पताल में कुल 14 मरीजों के टेस्ट किए गए थे, जिसमें से 2 मरीजों को स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है.
बरसात के दिनों में उगने वाली घास में पाए जाने वाले पीसू से स्क्रब टायफस ज्यादा फैलता है, जिससे मरीज की मौत तक हो जाती है. स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाडियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है.
चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाडियों से दूर रहे और घास आदि में न जाए. वहीं, किसानों और बागवानों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है.
बता दें कि आईजीएमसी में अभी तक 11 मरीजों के मामले पॉजिटिव आए हैं, जबकि दो मरीजों की मौत हो चुकी है. हालांकि स्क्रब टायफस के मामले आने से प्रशासन भी अलर्ट हो गया है, तो वहीं,स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया हैं कि स्क्रब टायफस की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है. दोनों मरीजों शिमला के रहने वाले है.