शिमला: हालांकि वैश्विक महामारी कोविड का प्रकोप काफी हद तक कम हो गया है, लेकिन इस संक्रमण ने देश व दुनिया को गहरे जख्म दिए हैं. कोविड काल में बीमारी का भय, भविष्य की अनिश्चितता व अन्य कारणों से उपजे तनाव ने हिमाचल में 144 लोगों की जान ले ली. प्रदेश में करीब 2 साल की अवधि में 144 लोगों ने आत्महत्या कर ली.
प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में सबसे अधिक सुसाइड के केस दर्ज किए गए. यहां 31 लोगों ने आत्महत्या की. मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में 19 लोगों ने सुसाइड किया. प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में आत्महत्या का एक भी मामला सामने नहीं आया. यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में एक सवाल के लिखित जवाब में आई.
दरअसल जुब्बल कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर ने कोविड काल में (Suicide in Himachal during Corona) आत्महत्या के मामलों से जुड़ा सवाल किया था. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ से आए लिखित जवाब में बताया गया कि मार्च 2020 से फरवरी 2022 तक की अवधि में भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आत्महत्या के कुल 144 मामले दर्ज किए गए.
मुख्यमंत्री द्वारा लिखित जवाब में सामने आई जानकारी के अनुसार पुलिस जिला बद्दी में 2 साल में आत्महत्या के 13, बिलासपुर में 14, चंबा में 4, हमीरपुर 11, कांगड़ा 31, किन्नौर 1, कुल्लू 5, लाहौल स्पीति शून्य, मंडी 21, शिमला 19, सिरमौर 4, सोलन 5 व ऊना में आत्महत्या के 14 मामले सामने आए. पर्यटन रेलवे व यातायात पुलिस ने आत्महत्या के दो मामले दर्ज किए.
वहीं, इस अवधि में प्रदेश में 1552 लोगों की विभिन्न परिस्थितियों में मौत हुई. यह मामले सीआरपीसी की धारा 174 के तहत दर्ज किए गए. प्रदेश भर में विभिन्न जिलों में मौत के 1552 मामले ऐसे सामने आए जिनका पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम की जरूरत हुई. ये मामले कानून के अनुसार सीआरपीसी की धारा 174 में दर्ज किए जाते हैं. ऐसी मौतों के सबसे अधिक 339 मामले कांगड़ा में, 199 मामले मंडी में, 150 मामले शिमला में, 148 मामले ऊना में व 121 मामले हमीरपुर में दर्ज किए गए.
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