शिमला: हिमाचल में मानसून सीजन (monsoon season in himachal ) कहर बरपा रहा है. एक पखवाड़े के भीतर हिमाचल में बरसात के कारण हुए हादसों से 67 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दौरान सरकारी व निजी संपत्ति को 116 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. अकेले लोक निर्माण विभाग को 110 करोड़ 55 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है.
हिमाचल में बारिश के कारण वाहन दुर्घटनाएं भी बढ़ी (Accidents due to rain in Himachal) हैं. अब तक प्रदेश में 41 लोगों की मौत दुर्घटनाओं में हुई है. 13 दिन में कुल 67 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 7 लोगों की मृत्यु शर्पदंश के कारण हुई है. वहीं हिमाचल में इस दौरान वाहन दुर्घटनाओं के कारण कुल्लू और मंडी में 22 लोगों की मौत हो चुकी है. कुल्लू में बस हादसे (Kullu Bus Accident) में एक साथ 13 लोगों ने जान गंवाई.
अब तक बरसात के कारण वाहन दुर्घटनाओं में बिलासपुर में एक, चंबा में चार, हमीरपुर में दो, कुल्लू में 15, लाहौल स्पीति में एक, मंडी में 7, शिमला में 6, सिरमौर में दो, सोलन में दो, ऊना में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है. कांगड़ा और किन्नौर में सौभाग्यवश सड़क दुर्घटनाओं में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है. वहीं, सांप के काटने से चंबा जिला में दो व्यक्तियों की मौत हुई है इसके अलावा बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर व ऊना में सांप के काटने से एक एक व्यक्ति की मौत हुई है. सबसे अधिक मौत कुल्लू जिला में दर्ज की गई है. यहां कुल 16 लोगों की जान गई. मंडी जिला में 10 लोगों की मृत्यु हुई जिसमें से तीन लोग गिरने के कारण मारे गए. कुल्लू जिला में अभी भी बाढ़ में बहे 4 लोग लापता हैं.
शिमला जिले में सबसे अधिक संपत्ति का नुकसान: यदि संपत्ति को नुकसान की बात करें तो लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. भारी बारिश के कारण सड़कों की बर्बादी हुई है. 2 करोड़ 85 लाख रुपये का नुकसान निजी संपत्तियों को हुआ है. सबसे अधिक नुकसान शिमला जिले में हुआ है हादसों के कारण प्रदेशभर में 69 लोग घायल हुए हैं. पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. 41 गौशाला में भी ध्वस्त हुई हैं. चंबा जिला में रविवार और सोमवार को हुई बारिश है. 17 पेयजल योजनाओं को नुकसान हुआ है इस समय 2 दिन में प्रदेश भर में 16 सड़कें बाधित हुई हैं. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी (Heavy Rain Alert in Himachal) दी है.
हिमाचल में हर साल हादसों में सैकड़ों करोड़ की संपत्ति का नुकसान होता है. अकेले वर्ष 2018 में डेढ़ हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था. हाल ही में कसौली में पंजाब की एक गाड़ी पर पहाड़ से भारी चट्टान गिर गई थी. हालांकि हादसे के दौरान कार में कोई व्यक्ति सवार नहीं था, लेकिन गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं शिमला के नजदीक दिल्ली में पहाड़ी से चट्टानें गिरने के कारण एक लड़की की मौत हुई थी.
मंडी में 2017 में हुई थी 47 लोगों की मौत: हिमाचल में मंडी के कोर्ट रूपी में पहाड़ी खिसकने से एचआरटीसी की बस मलबे में दब गई थी, तब नेशनल हाईवे 11 दिन बाद बहाल हुआ था. वर्ष 2017 में अगस्त महीने में कोर्ट रूपी हादसा हुआ था. जिसमें 47 लोगों की मौत हुई थी. इसी तरह पिछले साल जुलाई महीने में किन्नौर में चट्टानें खिसकने (landslide in himachal) से हुए हादसे में 9 लोगों की मौत हुई थी. 15 साल पहले शिमला के रामपुर में बादल फटा था. गनवी में आई इस आपदा में 52 लोगों की मौत हुई थी. इस साल भी मॉनसून सीजन की शुरुआत में ही 13 दिनों में 67 लोगों की मौत हो गई है.
राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि फील्ड से सभी तरह के नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है. केंद्र सरकार को भी आपदा राहत के तहत आर्थिक सहायता के लिए पत्र लिखा जाएगा. राज्य सरकार अपने कोष से प्रभावितों को मदद दे रही है. प्रभावितों को मौके पर ही फौरी राहत दी जाती है.
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