शिमला: प्रदेश में चल रही 108 व 102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कम्पनी का नया टेंडर होने के बाद करीब 250 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया जिसके बाद कर्मचारियों में काफी रोष है. ऐसे में 108 व 102 कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर एनएचएम स्वास्थ्य विभाग कार्यालय कुसुम्पट्टी के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल (ambulance workers strike in shimla) पर बैठ गए हैं.
हिमाचल एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन (Himachal Ambulance Employees Union) के अध्यक्ष पूर्णचंद ने कहा कि कर्मचारियों के साथ किया जा रहा खिलवाड़ कतई बदार्शत नहीं किया जाएगा. जितने कर्मचारी पहले से ही एंबुलेंस सेवाएं दे रहे हैं उन सभी को ज्वाइनिंग लेटर मिलने चाहिए और उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाए. इन कर्मचारियों ने 90 व 60 दिन की ट्रेनिंग की है और इन्हें काफी सालों का अनुभव है.
10 साल से भी अधिक का समय इन (demand for 108 workers in himachal) कर्मचारियों को नौकरी करते हुए हो गया है, लेकिन अब इन कर्मचारियों को बेरोजगार होकर घर बैठना पड़ रहा है जो की सरासर गलत है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 1200 के करीब कर्मचारी हैं. कुछ कर्मचारियों को ऑफर लेटर न मिलने से कर्मचारियों में काफी रोष पनप गया है.
बता दें कि हिमाचल में 108 एंबुलेंस सेवा का जिम्मा मेडसवान फाउंडेशन (Medswan Foundation Himachal) को आगामी 4 वर्ष के लिए दिया गया है. ऐसे में अब प्रदेश में चल रही 108 एंबुलेंस सेवा के तहत 200 और 102 सेवा के तहत 125 एंबुलेंस है. इसमें जितने भी कर्मचारी हैं उन्होंने कोरोना काल में भी अपनी सेवाएं बखूबी दीं हैं.
एंबुलेंस कर्मियों के समर्थन में उतरा सीटू- मजदूर संगठन सीटू भी 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा से नौकरी से निकाले गए मजदूरों के समर्थन में उतर आया है. सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने इन कर्मचारियों के आंदोलन को सीटू राज्य कमेटी की ओर से पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि संगठन पूरे प्रदेश के मजदूरों को लामबंद करके इन मजदूरों की बहाली की लड़ाई को तेज करेगा. इस आंदोलन के तहत जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर मजदूरों की लामबंदी होगी. उन्होंने मैड स्वान फाउंडेशन कम्पनी प्रबंधन को चेताया है कि वह मजदूरों की सेवाओं को यथावत जारी रखे अन्यथा उसके खिलाफ प्रदेशव्यापी मोर्चाबंदी होगी.
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