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कफोटा डिग्री कॉलेज में वार्षिक समारोह की धूम, पारंपरिक व्यजनों व आभूषणों की प्रदर्शनियों ने बांधा समा - कफोटा कॉलेज में वार्षिक समारोह

कफोटा डिग्री कॉलेज में वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान छात्राओं की ओर से लगाई गई पांरम्परिक व्यजनों, आभूषणों, वस्त्र और औजारों की प्रदर्शनी लगाई गई.

Exhibition in kafota college
Exhibition in kafota college
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Published : Dec 24, 2019, 1:48 PM IST

Updated : Dec 24, 2019, 2:52 PM IST

नाहनः जिला सिरमौर के कफोटा डिग्री कॉलेज में वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान छात्राओं की ओर से लगाई गई पारंपरिक व्यजनों, आभूषणों, वस्त्र और औजारों की प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान खूब अपनी ओर खींचा.

Exhibition in nahan college
प्रदर्शनी में सजाए गए औजार

इस दौरान पारंपरिक व्यंजन और घर में इस्तेमाल होने वाले वस्तुयों को प्रदर्शनी लगाई जिसका शुभारंभ अमर जीत शर्मा ने किया. इस दौरान डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने पहाड़ी व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तेजी से बदलते दौर में अब लोग नई दिनचर्या अपना रहे हैं और पुराने पौष्टिक व्यंजनों को भूल रहे हैं, जिनको बचाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.

Exhibition in nahan college
प्रदर्शनी में लगाए गए पहाड़ी व्यंजन

डिग्री कॉलेज की छात्रा सुमन ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र की बेटियां भी कम नहीं है अगर समय रहते सुविधाएं मिलती रहे तो छात्राएं भी अपनी प्रतिभा को विकसित कर देश और समाज की प्रगति में अपना योगदाना दे सकती हैं.

वीडियो.

अन्य छात्रा अंजू बाला ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में अब पुराने आभूषण और वस्त्र नजर नहीं आ रहे हैं. इन सभी का प्रदर्शनी लगाकर सहजने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर इन वस्तुओं को बचाने के लिए कोई योजना शुरु करनी चाहिए, जिससे हिमाचल की संस्कृति से जुड़ी चीजों को संजो कर रखा जा सके.

ये भी पढ़ें- HPU ने बढ़ाई टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों की आवेदन फीस, अब भरने होंगे इतने रुपये

नाहनः जिला सिरमौर के कफोटा डिग्री कॉलेज में वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान छात्राओं की ओर से लगाई गई पारंपरिक व्यजनों, आभूषणों, वस्त्र और औजारों की प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान खूब अपनी ओर खींचा.

Exhibition in nahan college
प्रदर्शनी में सजाए गए औजार

इस दौरान पारंपरिक व्यंजन और घर में इस्तेमाल होने वाले वस्तुयों को प्रदर्शनी लगाई जिसका शुभारंभ अमर जीत शर्मा ने किया. इस दौरान डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने पहाड़ी व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तेजी से बदलते दौर में अब लोग नई दिनचर्या अपना रहे हैं और पुराने पौष्टिक व्यंजनों को भूल रहे हैं, जिनको बचाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.

Exhibition in nahan college
प्रदर्शनी में लगाए गए पहाड़ी व्यंजन

डिग्री कॉलेज की छात्रा सुमन ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र की बेटियां भी कम नहीं है अगर समय रहते सुविधाएं मिलती रहे तो छात्राएं भी अपनी प्रतिभा को विकसित कर देश और समाज की प्रगति में अपना योगदाना दे सकती हैं.

वीडियो.

अन्य छात्रा अंजू बाला ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में अब पुराने आभूषण और वस्त्र नजर नहीं आ रहे हैं. इन सभी का प्रदर्शनी लगाकर सहजने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर इन वस्तुओं को बचाने के लिए कोई योजना शुरु करनी चाहिए, जिससे हिमाचल की संस्कृति से जुड़ी चीजों को संजो कर रखा जा सके.

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Intro:पहाड़ी की छात्राएं भी कम नहीं मौका मिले तो कई व्यंजनों बनाकर कर सकती है कॉलेज की छात्राओं ने पुराने आभूषण व वस्त्र का पोस्टिक आहार का शोल लगाकर पुराने परंपराओं को किया ताजाBody:

जिला सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्र की छात्राओं ने आज डिग्री कॉलेज में प प्रदर्शनी लगाकर अपने पारंपरिक पोस्टिक व्यजन व घर इस्तेमाल होने वाले वस्तुये का शोल लगाया जिसका शुभारंभ अमर जीत शर्मा ने किया छात्रों द्वारा बनाए गए डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने मंगलवार स्कूल ग्राउंड में शोल लगाकर पहाड़ी व्यंजनो उजागर किया बता दें कि कई पहाड़ी व्यंजन अब समय के साथ-साथ लुप्त हो रहे हैं छात्राओं ने इन्हीं सभी व्यंजन सोल लगाया प्रदर्शनी में मुड़ा सुरकु खेनदा ख़ूबलु सतु आदि पहाड़ी क्षेत्र के पारम्परिक वस्त्र व आभूषण शोल टोपा कुचला सदरी लूरकु काग्नि आदि का शोल लगाया


डिग्री कॉलेज की छात्रा सुमन का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र की बेटियां भी कम नहीं है अगर समय रहते सुविधाएं मिलती रहे तो छात्रायें भी कई प्रकार के व्यंजन मना सकती है पर पहाड़ी क्षेत्रों में जितने भी पुराने पोस्टिक आहार से वह बिल्कुल चुप हो गए हैं लोग ज्यादा फास्ट फूड की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं उन्हें ताजा करने के लिए यह शोल लगाया गया है ताकि उन सभी बढ़ावा मिल सके अंजू बाला ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में अब पुराने आभूषण व वस्त्र नजर नहीं आ रहे हैं इन सभी का शोल लगाकर हमने दिखाया था कि इन सभी वस्तुओं को बढ़ावा मिल सके और यहां की बेरोजगार महिलाओं को रोजगार मिल सके अगर सरकार पुरानी आभूषणों व वस्त्रों को बढ़ावा दे तो आने वाले समय में यहां के बुजुर्ग महिलाओं को रोजगार मिल सकता हैConclusion:प्रदेश सरकार अगर पहाड़ी संस्कृति वा पहाड़ी व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाएं तो लुप्त हो रही पहाड़ी आभूषण पहाड़ी वस्त्र व पोस्टिक आहार दोबारा से ताजा हो सकते हैं लोगों को ताजा वाह पोस्टिक आहार खाने में मिल सकता है और पहनने के लिए गर्म वस्त्र भी मिल सकते हैं
Last Updated : Dec 24, 2019, 2:52 PM IST
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