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सिरमौर में महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर, डोने-पत्तल बना कर परिवार की आर्थिकी कर रहीं मजबूत

सिरमौर प्रशासन की ओर से गाडाधार क्यारी के लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को डोना-पत्तल बनाने की मशीन उपलब्ध करवाई गई है, जिसके बाद से ही महिलाएं डोने-पत्तल बनाकर खुद का रोजगार सृजित कर रही हैं.

sirmaur women self reliant
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Published : Jan 7, 2020, 10:07 AM IST

नाहनः महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी बुलंदियों के नए आयाम स्थापित कर रही हैं. इस सिलसिले में जिला सिरमौर के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी स्वाभिमान के साथ रोजगार पैदा कर रही हैं. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं डोने-पत्तल बनाकर जहां आत्मनिर्भर बन रही हैं, वहीं अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए भी प्रयास कर रही हैं.

इसी के तहत जिला प्रशासन की तरफ से गाडाधार क्यारी के लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को डोना-पत्तल बनाने की मशीन उपलब्ध करवाई गई है, जिसके बाद से ही महिलाएं डोने-पत्तल बनाकर खुद का रोजगार सृजित कर रही हैं.

वीडियो.

स्वयं सहायता समूह के पास लगातार डोना-पत्तल की डिमांड आ रही है. आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महिलाएं सरकार का आभार भी व्यक्त कर रही हैं. लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता देवी ने कहा कि वह सरकार का आभार व्यक्त करती है कि उनके समूह को डोने पत्तल बनाने वाली मशीन उपलब्ध करवाई गई.

वहीं, समूह के अन्य सदस्य कमला देवी का कहना है कि समूह की सभी महिलाएं सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई मशीन के माध्यम से डोना पत्तल बना रही हैं. रोजाना 1 हजार के करीब डोने-पत्तल तैयार किए जाते हैं. रोजगार पाकर वह बेहद खुश हैं.

बता दें कि सोमवार को नाहन में आयोजित महिला सम्मेलन के दौरान भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा डोने पत्तल की प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसके लिए सभी से महिलाओं की सराहना भी हुई. कुल मिलाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर व उनकी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और जिला सिरमौर में भी महिलाएं इस दिशा में अग्रसर है.

ये भी पढ़ें- सिरमौर के पर्यटन को अब लगेंगे नए पंख, जयराम सरकार ने पूरी की दशकों पुरानी ये मांग

नाहनः महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी बुलंदियों के नए आयाम स्थापित कर रही हैं. इस सिलसिले में जिला सिरमौर के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी स्वाभिमान के साथ रोजगार पैदा कर रही हैं. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं डोने-पत्तल बनाकर जहां आत्मनिर्भर बन रही हैं, वहीं अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए भी प्रयास कर रही हैं.

इसी के तहत जिला प्रशासन की तरफ से गाडाधार क्यारी के लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को डोना-पत्तल बनाने की मशीन उपलब्ध करवाई गई है, जिसके बाद से ही महिलाएं डोने-पत्तल बनाकर खुद का रोजगार सृजित कर रही हैं.

वीडियो.

स्वयं सहायता समूह के पास लगातार डोना-पत्तल की डिमांड आ रही है. आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महिलाएं सरकार का आभार भी व्यक्त कर रही हैं. लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता देवी ने कहा कि वह सरकार का आभार व्यक्त करती है कि उनके समूह को डोने पत्तल बनाने वाली मशीन उपलब्ध करवाई गई.

वहीं, समूह के अन्य सदस्य कमला देवी का कहना है कि समूह की सभी महिलाएं सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई मशीन के माध्यम से डोना पत्तल बना रही हैं. रोजाना 1 हजार के करीब डोने-पत्तल तैयार किए जाते हैं. रोजगार पाकर वह बेहद खुश हैं.

बता दें कि सोमवार को नाहन में आयोजित महिला सम्मेलन के दौरान भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा डोने पत्तल की प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसके लिए सभी से महिलाओं की सराहना भी हुई. कुल मिलाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर व उनकी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और जिला सिरमौर में भी महिलाएं इस दिशा में अग्रसर है.

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Intro:नाहन। कहा जाता है कि महिला शक्ति यदि दृढ़ निश्चय कर ले तो उसका मार्ग कोई नहीं रोक सकता। स्वाभिमान के साथ रोजगार भी ग्रामीण इलाकों में पैदा किया जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं डोने-पत्तल बनाकर जहां आत्मनिर्भर बन रही है, वही अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए भी प्रयास कर रही हैं।


Body:इसी के तहत जिला प्रशासन की तरफ से गाडाधार क्यारी के लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को डोना पत्तल बनाने की मशीन उपलब्ध करवाई गई, जिसके बाद से ही महिलाएं डोनेने पत्तल बनाकर खुद का रोजगार सृजित कर रही हैं। सैमसंग का समूह के पास लगातार दोने पत्तल की डिमांड आ रही है और इस दिशा में महिलाएं कार्य भी कर रही हैं। आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महिलाएं सरकार का आभार भी व्यक्त कर रही हैं।
लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता देवी ने कहा कि वह सरकार का आभार व्यक्त करती है कि उनके समूह को डोने पत्तल बनाने वाली मशीन उपलब्ध करवाई गई, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है और रोजगार के द्वार भी खुले हैं।
बाइट 1 : ममता देवी, सदस्य लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह

वही समूह के अन्य सदस्य कमला देवी का कहना है कि समूह की सभी महिलाएं सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई मशीन के माध्यम से डोना पत्तल बना रही हैं। रोजाना 1 हज़ार के करीब डोने पत्तल तैयार किए जाते हैं। रोजगार पाकर वह बेहद खुश हैं और घर द्वार पर ही उन्हें अब रोजगार मिल रहा है।
बाइट 2 : कमला देवी, सदस्य लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह
बता दें कि गत दिवस सोमवार को नाहन में आयोजित हुए महिला सम्मेलन के दौरान भी उक्त स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा डोने पत्तल की प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसकी सभी ने खूब प्रशंसा की।


Conclusion:कुल मिलाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर व उनकी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और जिला सिरमौर में भी महिलाएं इस दिशा में अग्रसर है।
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