नाहन: राष्ट्रीय महत्व की बहुआयामी रेणुका बांध परियोजना (Renuka Dam Project) के शिलान्यास के बाद अब बांध प्रबंधन इसके निर्माण की गतिविधियों में जुट गया है. 40 मेगावाट का यह बांध सिरमौर जिला के श्री रेणुका जी में गिरी नदी पर प्रस्तावित है. करीब 7 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली रेणुका बांध परियोजना में जल्द ही 3 डायवर्सन टनल्स का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. बता दें कि बीती 27 दिसंबर को प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंडी से रेणुका बांध परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास किया था.
दरअसल इस बांध निर्माण से देश की राजधानी दिल्ली को 23 क्यूमैक्स पीने के पानी की आपूर्ति होगी तो वहीं, हिमाचल प्रदेश के लिए 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा. करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस बांध के निर्माण में 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार करेगी. बांध निर्माण के दौरान यहां डेढ़ किलोमीटर की 3 डायवर्सन टनल्स का निर्माण किया जाना है, जिसकी सभी औपचारिकताएं पूरी करने में बांध प्रबंधन जुटा हुआ है. यही नहीं बांध निर्माण से यहां 24 किलोमीटर की झील भी बनेगी. इससे प्रदेश सहित जिला सिरमौर में पर्यटन के अवसर भी बढ़ेंगे.
रेणुका बांध परियोजना के उप महाप्रबंधक सुनील ठाकुर ने बताया कि रेणुका बांध का शिलान्यास होने के बाद अब प्रबंधन बांध निर्माण की गतिविधियों पर काम कर रहा है. जल्द ही बांध के कंस्ट्रक्शन वर्क को शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम बांध निर्माण में डेढ़ किलोमीटर में बनने वाली 3 डायवर्सन टनल्स का कार्य शुरू होगा. इसके लिए शीघ्र ही कंसल्टेंट हायर किया जाएगा. तत्पश्चात टेंडर प्रक्रिया आयोजित की जाएगी. आने वाले 4-5 महीनों में इन डायवर्सन टनल्स का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है. केंद्र सरकार से इसके लिए राशि भी जारी की जा चुकी है.
उप महाप्रबंधक सुनील ठाकुर ने बताया कि बांध परियोजना की कुल लागत करीब 7 हजार करोड़ है, जिसमें से 90 प्रतिशत भारत सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि यह बांध बहुयामी परियोजना है. इससे दिल्ली को 23 क्यूमैक्स पानी की आपूर्ति होगी. वहीं, प्रदेश के लिए 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी सुनिश्चित होगा. उन्होंने बताया कि बांध निर्माण के बाद यहां 24 किलोमीटर के दायरे में लंबी झील बनेगी. इससे क्षेत्र सहित सिरमौर जिले में पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा.
कुल मिलाकर राष्ट्रीय महत्व की बहुआयामी रेणुका बांध परियोजना के शिलान्यास के बाद अब बांध प्रबंधन तेजी के साथ इसके निर्माण की गतिविधियों में जुटा हुआ है. इस परियोजना से न केवल प्रदेश को लाभ मिलेगा, बल्कि राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने में भी यह बांध कारगर साबित होगा.
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