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बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आयोडीन की पर्याप्त मात्रा जरूरी: सीएमओ सिरमौर

सिरमौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस पर मजदूरों सहित लोगों को जागरूक किया गया. सीएमओ डॉ. के के पराशर ने कहा कि नमक में आयोडीन की मात्रा पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए, ताकि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास हो सके.

Program on World Iodine Deficiency Disorders Day at Sirmour
विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस
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Published : Oct 22, 2020, 8:36 AM IST

नाहन: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस के उपलक्ष्य में जामन की सैर पंचायत में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिला के सीएमओ डॉ. के के पराशर ने बतौर मुख्यातिथि शिकरत की. इस दौरान सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों ने यहां स्थित कथा उद्योग के मजदूरों व स्थानीय लोगों को आयोडीन युक्त नमक की पहचान एवं आयोडीन से शारीरिक विकारों से मुक्ति आदि के बारे में जागरूक किया.

सिरमौर जिला के सीएमओ डॉ. के के पराशर ने कहा कि नमक में आयोडीन की मात्रा पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए, ताकि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास हो सके. मानसिक विकास में आयोडीन की बहुत अधिक भूमिका रहती है. उन्होंने कहा कि आयोडीन की कमी से थायराइड जैसे रोग पैदा हो जाते हैं और बच्चे शुरू में मानसिक अविकसित भी हो जाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

सीएमओ ने बताया कि आयोडीन की कमी जानवरों में भी देखने को मिलती है. इसकी कमी से दूध की मात्रा कम हो जाती है. मुर्गियों में भी अंडे का साइज छोटा हो जाता है. उन्होंने कहा कि नेचर में जो आयोडीन मिलता है, सल्फेज में पाया जाता है. समुद्र के किनारे आयोडीन की पर्याप्त मात्रा होती है. जबकि पहाड़ों में उपर की तरफ आयोडीन होता है, जोकि बारिश की वजह से बहकर चला जाता है, जिससे पहाड़ों में आयोडीन की डेफीशियेंसी ज्यादा होती है. इस वजह से आयोडीन नमक खाना बेहद ही जरूरी है. कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग ने सभी से आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करने का आहवान किया, ताकि शारीरिक व मानसिक विकास बना रहे.

नाहन: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस के उपलक्ष्य में जामन की सैर पंचायत में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिला के सीएमओ डॉ. के के पराशर ने बतौर मुख्यातिथि शिकरत की. इस दौरान सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों ने यहां स्थित कथा उद्योग के मजदूरों व स्थानीय लोगों को आयोडीन युक्त नमक की पहचान एवं आयोडीन से शारीरिक विकारों से मुक्ति आदि के बारे में जागरूक किया.

सिरमौर जिला के सीएमओ डॉ. के के पराशर ने कहा कि नमक में आयोडीन की मात्रा पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए, ताकि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास हो सके. मानसिक विकास में आयोडीन की बहुत अधिक भूमिका रहती है. उन्होंने कहा कि आयोडीन की कमी से थायराइड जैसे रोग पैदा हो जाते हैं और बच्चे शुरू में मानसिक अविकसित भी हो जाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

सीएमओ ने बताया कि आयोडीन की कमी जानवरों में भी देखने को मिलती है. इसकी कमी से दूध की मात्रा कम हो जाती है. मुर्गियों में भी अंडे का साइज छोटा हो जाता है. उन्होंने कहा कि नेचर में जो आयोडीन मिलता है, सल्फेज में पाया जाता है. समुद्र के किनारे आयोडीन की पर्याप्त मात्रा होती है. जबकि पहाड़ों में उपर की तरफ आयोडीन होता है, जोकि बारिश की वजह से बहकर चला जाता है, जिससे पहाड़ों में आयोडीन की डेफीशियेंसी ज्यादा होती है. इस वजह से आयोडीन नमक खाना बेहद ही जरूरी है. कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग ने सभी से आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करने का आहवान किया, ताकि शारीरिक व मानसिक विकास बना रहे.

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