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स्पेशल: नाहन में आज भी मिट्टी और उपले से बनी सांझी माता की पूजा से शुरू होती है नवरात्रि

सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन व हरियाणा के सीमांत क्षेत्रों के साथ लगते इलाकों में नवरात्रों की शुरुआत माता सांझी की पूजा से की जाती है. सांझी माता की मान्यता परंपरा को लेकर रू-ब-रू करवाएगा.

Sanjhi Mata on Navratar in nahan
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Published : Sep 29, 2019, 9:37 AM IST

नाहनः आज रविवार से शरद नवरात्रि शुरू हुई है और पूरे देशभर के मंदिरों में इसे श्रद्धा से मनाया जा रहा है. नौ दिन तक मां के नौ रूपों की पूजा की जाएगी. नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा पर घरों में कलश स्थापना की जाती है. प्रतिपदा पर मां शैलपुत्री के स्वरूप का पूजन होता है.

जिला सिरमौर में भी नाहन और हरियाणा के सीमांत क्षेत्रों में नवरात्रि की शुरुआत माता सांझी की पूजा से की जाती है. सांझी माता को संपूर्ण दुर्गा माता का रूप माना जाता है. इस दौरान इस क्षेत्र में सांझी माता की मान्यता परंपरा को लेकर रू-ब-रू करवाएगा.

दरअसल, नाहन में कुछ परिवार आज भी परंपरागत रूप से सांझी माता की प्रतिमा दीवार पर बनाते हैं. यह प्रतिमा चिकनी मिट्टी, उपले, रुई से घर की दीवार पर बनाई जाती है, जिसे विभिन्न रंगों व कपड़ों से सजाया जाता है. पूरे नौ दिन कीर्तन किया जाता है और साथ पूजा अर्चना की जाती है. नौवें दिन इस मूर्ति का विसर्जन किया जाता है.

वीडियो.

आधुनिक दौर में कुछ लोग बाजार से कैलेंडर लेकर भी सांझी माता को पूछते हैं, लेकिन नाहन की सुनीता गुप्ता सहित शहर के कई परिवार आज भी परंपरागत ढंग से प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं. सुनीता गुप्ता द्वारा बनाई गई सांझी माता की प्रतिमा को देखने व पूजा के लिए लोग भी पहुंचते हैं.

सुनीता गुप्ता ने बताया कि वह सालों से अपने घर की दीवार पर मिट्टी और उपलों से सांझी माता की मूर्ति बनाती आ रही हैं. उन्होंने बताया कि आधुनिक दौर में लोग तो कैलेंडर से पूजा करने लग गए हैं, लेकिन वह अब भी खास प्रतिमा बनाकर ही पूजा करते है.

सुनीता गुप्ता की बेटी अलीशा के अनुसार सांझी माता साल में एक बार घर की दीवार पर बनाई जाती है और सभी लोग मिल जुलकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने प्रतिमा बनाने में उन्हें बहुत आनंद मिलता है. उनके परिवार पर माता की पूरी कृपा बनी हुई है और वह इस परंपरा को जारी रखेंगे.

उल्लेखनीय है कि आधुनिकता के दौर में जहां अब लोग कैलेंडर के माध्यम से ही सांझी माता की पूजा करते हैं, वही सुनीता गुप्ता का परिवार आज भी प्राचीन परंपरा को कायम रखे हुए हैं.

ये भी पढ़ें- नवरात्रि स्पेशल: शारदीय नवरात्रों में जानें दुर्गा पूजन की विधि, ऐसे बरसेगी माता की कृपा

नाहनः आज रविवार से शरद नवरात्रि शुरू हुई है और पूरे देशभर के मंदिरों में इसे श्रद्धा से मनाया जा रहा है. नौ दिन तक मां के नौ रूपों की पूजा की जाएगी. नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा पर घरों में कलश स्थापना की जाती है. प्रतिपदा पर मां शैलपुत्री के स्वरूप का पूजन होता है.

जिला सिरमौर में भी नाहन और हरियाणा के सीमांत क्षेत्रों में नवरात्रि की शुरुआत माता सांझी की पूजा से की जाती है. सांझी माता को संपूर्ण दुर्गा माता का रूप माना जाता है. इस दौरान इस क्षेत्र में सांझी माता की मान्यता परंपरा को लेकर रू-ब-रू करवाएगा.

दरअसल, नाहन में कुछ परिवार आज भी परंपरागत रूप से सांझी माता की प्रतिमा दीवार पर बनाते हैं. यह प्रतिमा चिकनी मिट्टी, उपले, रुई से घर की दीवार पर बनाई जाती है, जिसे विभिन्न रंगों व कपड़ों से सजाया जाता है. पूरे नौ दिन कीर्तन किया जाता है और साथ पूजा अर्चना की जाती है. नौवें दिन इस मूर्ति का विसर्जन किया जाता है.

वीडियो.

आधुनिक दौर में कुछ लोग बाजार से कैलेंडर लेकर भी सांझी माता को पूछते हैं, लेकिन नाहन की सुनीता गुप्ता सहित शहर के कई परिवार आज भी परंपरागत ढंग से प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं. सुनीता गुप्ता द्वारा बनाई गई सांझी माता की प्रतिमा को देखने व पूजा के लिए लोग भी पहुंचते हैं.

सुनीता गुप्ता ने बताया कि वह सालों से अपने घर की दीवार पर मिट्टी और उपलों से सांझी माता की मूर्ति बनाती आ रही हैं. उन्होंने बताया कि आधुनिक दौर में लोग तो कैलेंडर से पूजा करने लग गए हैं, लेकिन वह अब भी खास प्रतिमा बनाकर ही पूजा करते है.

सुनीता गुप्ता की बेटी अलीशा के अनुसार सांझी माता साल में एक बार घर की दीवार पर बनाई जाती है और सभी लोग मिल जुलकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने प्रतिमा बनाने में उन्हें बहुत आनंद मिलता है. उनके परिवार पर माता की पूरी कृपा बनी हुई है और वह इस परंपरा को जारी रखेंगे.

उल्लेखनीय है कि आधुनिकता के दौर में जहां अब लोग कैलेंडर के माध्यम से ही सांझी माता की पूजा करते हैं, वही सुनीता गुप्ता का परिवार आज भी प्राचीन परंपरा को कायम रखे हुए हैं.

ये भी पढ़ें- नवरात्रि स्पेशल: शारदीय नवरात्रों में जानें दुर्गा पूजन की विधि, ऐसे बरसेगी माता की कृपा

Intro:-आज भी कायम है प्राचीन परंपरा, धन-धन्य-शांति व खुशहाली की है प्रतीक
नाहन। शरद नवरात्रों को देशभर में पूरी श्रद्धा से मनाया जाता है, लेकिन सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन व हरियाणा के सीमांत क्षेत्रों के साथ लगते इलाकों में नवरात्रों की शुरुआत माता सांझी से होती है। सांझी माता को संपूर्ण दुर्गा माता का रूप माना जाता है। आज से शुरू हो रहे माता के नवरात्रों को लेकर ईटीवी भारत सांझी माता की मान्यता परंपरा को लेकर रूबरू करवाएगा।


Body:दरअसल नाहन में भी कुछ परिवार आज आधुनिकता के दौर में भी परंपरागत रूप से सांझी माता की प्रतिमा दीवार पर बनाते हैं। यह प्रतिमा चिकनी मिट्टी, गोबर, रुई से घर की दीवार पर बनाई जाती है, जिसे विभिन्न रंगों व कपड़ों से सजाया जाता है। पूरे 9 दिन कीर्तन के साथ पूजा अर्चना की जाती है और नौवें दिन इस का विसर्जन किया जाता है। आधुनिक दौर में कुछ लोग बाजार से कैलेंडर लेकर भी सांझी माता को पूछते हैं, लेकिन नाहन की सुनीता गुप्ता सहित शहर के कई परिवार का परिवार आज भी परंपरागत ढंग से प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं। सुनीता गुप्ता सांझी माता की प्रतिमा को देखने पूजा के लिए भी लोग पहुंचते हैं और नवरात्रि में सभी माता का पूजन करते हैं।
नाहन से ताल्लुक रखने वाली सुनीता गुप्ता ने बताया कि वह बरसों से ही अपने घर की दीवार पर मिट्टी गोबर से सांझी बनाती आ रही है और लोग पूजा अर्चना के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक दौर में लोग तो कैलेंडर से पूजा करने लग गए हैं, लेकिन वह अब भी खास प्रतिमा बनाकर ही पूजा करते है।
बाइट 1 : सुनीता गुप्ता, स्थानीय निवासी

उधर सुनीता गुप्ता की बेटी अलीशा के अनुसार सांझी माता हर वर्ष साल में एक बार घर की दीवार पर बनाई जाती है और सभी लोग मिल जुलकर माता की पूजा अर्चना करते हैं। प्रतिमा बनाने में उन्हें बहुत आनंद मिलता है। उनके परिवार पर माता की पूरी कृपा बनी हुई है और वह इस परंपरा को जारी रखेंगे।
बाइट 2 : अलीशा, सुनीता गुप्ता की बेटी


Conclusion:उल्लेखनीय है कि आधुनिकता के दौर में जहां अब लोग कैलेंडर के माध्यम से ही सांझी माता की पूजा करते हैं, वही सुनीता गुप्ता का परिवार आज भी प्राचीन परंपरा को कायम रखे हुए हैं।
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