ETV Bharat / city

कोरोना संकट में घटी राखियों की बिक्री, दुकानदारों को हो रहा भारी नुकसान

पांवटा साहिब में भाइयों की कलाइयों में बंधने वाली राखियां से बाजार सजा तो है, लेकिन लोग राखियां खरीदने कम आ रहे हैं. राखी विक्रेता दुकानदार ने बताया कि उन्होंने हर डिजाइन की राखियों से दुकानें सजाई हैं, लेकिन ग्राहक खरीदारी के लिए नहीं आ रहे हैं.

author img

By

Published : Jul 28, 2020, 4:37 PM IST

raksha bandhan in paonta
पांवटा में राखी का त्योहार

पांवटा साहिब: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की पहचान का पर्व रक्षाबंधन नजदीक आ रहा है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते रक्षाबंधन की तैयारियों के लिए बाजार में लोगों की कोई चहल पहल नहीं है.

इस बार पांवटा साहिब में भाइयों की कलाइयों में बंधने वाली राखियां से बाजार सजा तो है, लेकिन लोग राखियां खरीदने कम आ रहे हैं. राखी विक्रेता दुकानदार ने बताया कि उन्होंने हर डिजाइन की राखियों से दुकानें सजाई हैं, लेकिन ग्राहक खरीदारी के लिए नहीं आ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

दुकानदारों ने कहा कि जहां हर बार राखी के दौरान उनका 2.5 लाख रुपये तक का मुनाफा होता था वहीं, इस बार अभी तक राखियों का सारा स्टॉक दुकानों पर ही पड़ा है. दुकानदारों को अब ये चिंता सता रही है कि कहीं उनका पैसा डूब न जाए.

वहीं, राखी विक्रेता सारिका अग्रवाल ने बताया कि इस बार ग्राहक कम नजर आ रहे हैं, जबकि दुकान में ग्राहकों के लिए बाहरी राज्यों से अच्छी डिजाइन की राखियां मंगवाई गई हैं. इस वक्त तक उनकी 80% राखियां बिक जाती थीं. वहीं, इस बार अब तक उनकी दुकान की 20% राखियां तक नहीं बिकी है.

वहीं, पांवटा साहिब में एक राखी विक्रेता ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार राखी के दाम में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. पिछले वर्ष इन दिनों राखियों के बाजार पूरे शहर में सज गए थे. लोगों की भीड़ भी बाजारों में नजर आती थी. इस बार कोरोना संकट काल के चलते राखी का कारोबार ठंडा है. बाजार में लोगों की चहल-पहल कम नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- जोनल अस्पताल मंडी में नर्स की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव, गायनी वार्ड और लेबर रूम सील

पांवटा साहिब: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की पहचान का पर्व रक्षाबंधन नजदीक आ रहा है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते रक्षाबंधन की तैयारियों के लिए बाजार में लोगों की कोई चहल पहल नहीं है.

इस बार पांवटा साहिब में भाइयों की कलाइयों में बंधने वाली राखियां से बाजार सजा तो है, लेकिन लोग राखियां खरीदने कम आ रहे हैं. राखी विक्रेता दुकानदार ने बताया कि उन्होंने हर डिजाइन की राखियों से दुकानें सजाई हैं, लेकिन ग्राहक खरीदारी के लिए नहीं आ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

दुकानदारों ने कहा कि जहां हर बार राखी के दौरान उनका 2.5 लाख रुपये तक का मुनाफा होता था वहीं, इस बार अभी तक राखियों का सारा स्टॉक दुकानों पर ही पड़ा है. दुकानदारों को अब ये चिंता सता रही है कि कहीं उनका पैसा डूब न जाए.

वहीं, राखी विक्रेता सारिका अग्रवाल ने बताया कि इस बार ग्राहक कम नजर आ रहे हैं, जबकि दुकान में ग्राहकों के लिए बाहरी राज्यों से अच्छी डिजाइन की राखियां मंगवाई गई हैं. इस वक्त तक उनकी 80% राखियां बिक जाती थीं. वहीं, इस बार अब तक उनकी दुकान की 20% राखियां तक नहीं बिकी है.

वहीं, पांवटा साहिब में एक राखी विक्रेता ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार राखी के दाम में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. पिछले वर्ष इन दिनों राखियों के बाजार पूरे शहर में सज गए थे. लोगों की भीड़ भी बाजारों में नजर आती थी. इस बार कोरोना संकट काल के चलते राखी का कारोबार ठंडा है. बाजार में लोगों की चहल-पहल कम नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- जोनल अस्पताल मंडी में नर्स की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव, गायनी वार्ड और लेबर रूम सील

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.