पांवटा साहिब: हाटी समुदाय को जनजातीय क्षेत्र (Tribal status to Hati community) का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को पांवटा साहिब में हजारों की संख्या में लोगों ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन (Hatti community protest in paonta sahib) किया. लोगों ने देश और प्रदेश की सरकार को सीधा संदेश दिया की अगर काम नहीं, तो वोट नहीं. एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे लोगों ने दो टूक कहा कि अब हाटी समुदाय के लोग झांसे में नहीं आएंगे. लोगों ने कहा कि 5 दशकों तक हाटी के लोगों के धैर्य की परीक्षा ली गई है.
प्रवक्ता ओम प्रकाश चौहान ने देश और प्रदेश की सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें उनका हक दिया जाए, अन्यथा उन्हें राजनेताओं की जरूरत नहीं. उन्होंने कहा कि गिरी पार हाटी क्षेत्र के लोग पिछले 5 दशकों से इस पिछड़े क्षेत्र को ट्राइबल स्टेटस देने की मांग कर रहे हैं. गिरी पार क्षेत्र से लगते उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र को 1967 में ट्राइबल स्टेटस मिल चुका है, लेकिन सभी समानताएं होने के बावजूद भी गिरी पार हाटी क्षेत्र (Giripar area of sirmaur) को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा नहीं मिल पाया है.
ट्राइबल स्टेटस के लिए लोग पिछले 5 दशकों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर लोगों के हाथ सिर्फ आश्वासन ही लगा हैं. जनजातीय मामलों के मंत्रालय के पास समस्त औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद भी लोगों के हाथ सिर्फ आश्वासन ही लग रहे हैं. लिहाजा अब क्षेत्र के लोगों में उबाल है और लोगों ने घर से सड़क और सड़क से संसद तक हक की लड़ाई लड़ने का निश्चय कर लिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने यदि समय रहते मांगों को पूरा नहीं किया, तो आने वाले दिनों में प्रदर्शन और तेज किया जाएगा.
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