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आजादी के 73 साल बाद भी 'देवभूमि' के इन गांवों में नहीं है सड़क, मरीजों को कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ता है अस्पताल

बड़वास पंचायत के अंतर्गत आने वाले पांच गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है. आलम ये है कि सड़क सुविधा न होने से बीमार महिला और गर्भवती महिलाओं को डंडी में उठाकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना पड़ता है.

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Published : Aug 31, 2019, 4:03 PM IST

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पांवाटा साहिब: सिरमौर जिला के बड़वास पंचायत के अंतर्गत आने वाले टिक्कर ,कुनेर, अखोलटु, बाग, तिलवाड़ी, तिलचौकी आदि गांव सड़क जैसी सुविधाओं से महरूम हैं. आलम ये है कि आज भी ग्रामीण अपनी खाने-पीने की वस्तुएं और बीमार व्यक्ति को कंधे में उठाकर अस्पताल पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़ें: पोषण अभियान में इस जिले को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने किया सम्मानित

स्थानीय महिलाओं ने बताया कि सड़क सुविधा न होने से बीमार महिला और गर्भवती महिलाओं को डंडी में उठाकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना पड़ता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कभी-कभी तो ऐसा होता है कि कई गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी रास्ते में हुई है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों दलों के नेता चुनाव के दौरान वोट मांगते समय सड़क पहुंचाने का वादा तो कर देते हैं, लेकिन चुनाव के बाद जब सत्ता का भोग मिलता है तो लोगों से किया वादा भूल जाते हैं. ऐसे में इसका खामियाजा 5 पंचायतों के लोग आज भी भुगत रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया सीएम जयराम ठाकुर को भी इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन समस्या ज्यों के त्यों है.

वीडियो

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लोगों का मानना है कि अगर यहां पर सड़क पहुंच जाए तो यहां के किसानों भी अपने खेतों में उगाई फसलों को सब्जी मंडी तक पहुंचा पाएंगे और इस क्षेत्र का भी विकास हो सकता है.

हाटी अधिकार मंच के अध्यक्ष इंद्र सिंह राणा ने बताया कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने शिलाई की जनता से वादा किया था कि इन पांच गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा, लेकिन जैसे ही प्रदेश में जयराम सरकार बनी इन पांचों गांवों को सड़कों से नहीं जोड़ा गया है.

पांवाटा साहिब: सिरमौर जिला के बड़वास पंचायत के अंतर्गत आने वाले टिक्कर ,कुनेर, अखोलटु, बाग, तिलवाड़ी, तिलचौकी आदि गांव सड़क जैसी सुविधाओं से महरूम हैं. आलम ये है कि आज भी ग्रामीण अपनी खाने-पीने की वस्तुएं और बीमार व्यक्ति को कंधे में उठाकर अस्पताल पहुंचाते हैं.

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स्थानीय महिलाओं ने बताया कि सड़क सुविधा न होने से बीमार महिला और गर्भवती महिलाओं को डंडी में उठाकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना पड़ता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कभी-कभी तो ऐसा होता है कि कई गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी रास्ते में हुई है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों दलों के नेता चुनाव के दौरान वोट मांगते समय सड़क पहुंचाने का वादा तो कर देते हैं, लेकिन चुनाव के बाद जब सत्ता का भोग मिलता है तो लोगों से किया वादा भूल जाते हैं. ऐसे में इसका खामियाजा 5 पंचायतों के लोग आज भी भुगत रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया सीएम जयराम ठाकुर को भी इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन समस्या ज्यों के त्यों है.

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लोगों का मानना है कि अगर यहां पर सड़क पहुंच जाए तो यहां के किसानों भी अपने खेतों में उगाई फसलों को सब्जी मंडी तक पहुंचा पाएंगे और इस क्षेत्र का भी विकास हो सकता है.

हाटी अधिकार मंच के अध्यक्ष इंद्र सिंह राणा ने बताया कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने शिलाई की जनता से वादा किया था कि इन पांच गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा, लेकिन जैसे ही प्रदेश में जयराम सरकार बनी इन पांचों गांवों को सड़कों से नहीं जोड़ा गया है.

Intro:मूलभूत सुविधा ना होने के कारण ग्रामीण परेशान
दंडी में उठाकर बीमार व्यक्ति को पहुंचाना पड़ रहा है अस्पताल
आधा दर्जन गांव के लोग आज भी नेता और प्रशासन से सड़क की गुहार लगा रहे हैं
सड़क शिक्षा रोजगार न मिलने से युवा परेशानBody:
आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं यह देव भूमि हिमाचल के उस जिले की है जहां पर राजा महाराजा भी राज कर चुके हैं लेकिन यहाँ की कई पंचायतों के लोग आज भी दर की ठोकरें खाने को मजबूर है युवाओं को ना तो शिक्षा ना रोजगार ना सड़क ना पानी मिलने के कारण ग्रामीण आज भी आदिमानव की तरह जीवन व्यतीत कर रहे हैं
जिला सिरमौर के बड़वास पंचायत के अंतर्गत आने वाले टिक्कर ,कुनेर , अखोलटु ,बाग , तिलवाड़ी, तिलचौकी, आदि गांव सड़क जैसी सुविधाओं से महरूम हैं आज भी ग्रामीण अपनी खाने-पीने की वस्तुएं कंधे पर उठाकर हर रोज लाते हैं यही नहीं बीमार व्यक्ति को कंधे में उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है दुर्भाग्य मेरे देश का 21वीं सदी में जहां देश 4G से 5G के सपने देख रहे हैं अगर जिला सिरमौर के क्षेत्रों की बात की जाए तो ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए भी नेताओं व मंत्रियों के चक्कर काट रहे हैं केंद्र में मोदी सरकार और प्रदेश में जयराम सरकार लोगों से बड़े बड़े वादे कर रहे हैं कि किसानों की समस्या दूर की जाएगी लेकिन धरातल पर जब ऐसी तस्वीरें दिखाई देती है तो सरकारों की बड़े-बड़े वादों की पोल सबके सामने खुल जाती है क्या सरकार 5 गांव के लोगों को जिनकी आबादी कई हजार मानी जाती है आज भी बिना सड़क पर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं कब सरकार इन लोगों की समस्याएं दूर करेगी

क्षेत्र की महिलाओं बिना सड़क के परेशान हैं महिलाओं का मानना है कि मूलभूत सुविधाएं ना मिलने से कार्य करने में परेशानियां हो रही है यही नहीं बीमार महिला या प्रेग्नेंट महिला को डंडी में उठाकर आज भी अस्पताल पहुंचाया जाता है कहीं महिलाओं की तो डिलीवरी भी आधे रास्ते में ही हुई है सरकार इतनी सुविधाएं दे रही है तो हमारे गांव तक उनकी सुविधाएं क्यों नहीं पहुंच रही है उन्होंने भी सरकार से गुहार लगाई है कि सड़क की समस्या को दूर किया जाए

बाईट स्थानीय महिला

दोनों दलों के नेता इलेक्शन के दौरान वोट मांगते समय सड़क पहुंचाने का वादा तो कर देते हैं पर इलेक्शन के बाद जब सत्ता का भोग मिलता है तो लोगों से किए वादे सब भूल जाते हैं जिसकी खामियाजा 5 पंचायतों के लोग आज तक भुगत रहे हैं यही नहीं ग्रामीणों ने दौरे पर आए सीएम जयराम ठाकुर को भी इस समस्या से अवगत करवाया था लेकिन समस्या ज्यों के त्यों नजर आ रही है लोगों का मानना है कि अगर यहां पर सड़क पहुंच जाए तो यहां के किसानों की सभी समस्याएं दूर हो जाएगी यहां के किसान भी अपने खेतों में उगाई फसलों को सब्जी मंडी तक पहुंचा पाएंगे और इस क्षेत्र का भी विकास हो सकता है।

बाईट पीड़िता परिवार वाले

हाटी अधिकार मंच के अध्यक्ष इंद्र सिंह राणा ने बताया कि इन गांव की समस्याएं शासन-प्रशासन नेता कई बार गुहार लगाई गई है यही नहीं पूर्व सीएम राजा वीरभद्र सिंह ने शिलाई की जनता से वादा किया था कि इन पांचों गांवों को भी सड़कों से जोड़ा जाएगा लेकिन जैसे ही प्रदेश में जयराम सरकार बनी इन पांचों गांवों को सड़कों से नहीं जोड़ा गया है जिसके खामियाजा आज भी यहां के बाशिंदे झेल रहे है

बाईट इंदर सिंह राणा हाटी अधिकार मंच अध्यक्षConclusion:
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